तो क्या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के बाद भी होगा कोरोना! दुनिया को ज्ञान देने वाले अमिताभ, शिवराज, सिकेरा जैसों ने क्या कोरोना से बचने के लिए एहतियात नहीं बरती थी!
उठने वाले तमाम सवाल वाजिब भी हैं। तर्कपूर्ण सवालों के पीछे कोरोना से बचाव की जिज्ञासा और भय है। लेकिन सियासी प्रतिद्वंद्विता में बीमार का मज़ाक उड़ाने की मंशा बेहूदगी लगती है। ये सच है कि ऐसे लोग भी संक्रमित हो रहे हैं जो ना सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का खूब पालन कर रहे थे बल्कि दूसरों को भी जागरुक कर रहे थे।
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और चर्चित पुलिस अफसर नवनीत सिकेरा समेत दर्जनों ऐसे लोग कोरोना से संक्रिमित हो चुके हैं। अब इन दो बातों में एक बात तो सही होगी ही। या तो ये कि जितनी भी एहतियात कर लो फिर भी आप इस संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।
दूसरी बात कि अमिताभ और शिवराज जैसी देश दुनिया की तमाम खास हस्तियों ने सोशल डिस्टेंसिंग और तमाम एहतियातों को बरतने में लापरवाहियां कीं। ये लोग दुनियां को कोविड से बचने का ज्ञान देते रहे किंतु खुद ही जागरूक नहीं थे !
कोरोना के भय, मुसीबतों और इस पर डिबेट में ऐसी बातें भी चर्चा का विषय बनी हैं। इस संजीदा और बुरे वक्त में संक्रमित बड़ी.हस्तियों का मजाक उड़ाने वालों की भी कमी नहीं है। आम इंसान ही नहीं खास लोग भी कोरोना पीड़ित ख़ास लोगों का मज़ाक उड़ा रहे हैं। राजनीति कर रहे हैं। कोरोना पीड़ित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल पूछा है कि क्या आपने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा था !
दिग्विजय के अलावा मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी खोने वाले कमलनाथ ने भी ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर तंज़ कसा है। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले कोरोना काल में ही मध्यप्रदेश के सियासी घटनाक्रम में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार चली गयी थी और यहां भाजपा की सरकार बनी जिसमें शिवराज सिंह चौहान पुनः मुख्यमंत्री बनाये गये। कांग्रेस ने आरोप लगाये थे कि भाजपा ने खरीद-फरोख्त कर उनके विधायकों को तोड़ कर सरकार गिरवायी।
जाहिर सी बात है कि सूबे के कांग्रेसी दिग्गजों को अपनी सरकार के गिरने का मलाल होगा ही। ये कुंठा कहिए या प्रतिशोध की भावना कहिए, अब कांग्रेसी नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का मज़ाक उड़ा रहे हैं।
महामारी से जूझ रहे देश के संकटकाल में गंदी सायासत का आलम ये है कि संक्रमितों का उपहास उड़ा जा रहा है। बिहार भाजपा कार्यालय और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के कुछ पदाधिकारियों को कोरोना होने पर व्यंग्य किये गये। इसके अतिरिक्त एक मीडियों समूह के कार्यालय से लेकर बिग बी के बंगले जलसा में संक्रमण फैलने को भी कुछ लोगों ने मजाक में लिया। हांलाकि कोई वर्ग, कोई क्षेत्र और पेशा कोविड के कहर से छूटा नहीं है। लेकिन जब जागरूकता की बात करने वाले और लापरवाही पर एतराज करने वाले इसका शिकार होते हैं तो ऐसे लोगों को सोशल मीडिया में खूब निशाने पर लिया जाता है।
सिंगर कनिका कपूर और मरकज के जमातियों का भी जिक्र होता है। तर्क दिया जाता है कि कोरोना काल के शुरुआती दौर में कनिका और जमातियों के संक्रमित होने पर उन्हें लापरवाह बताया गया था। और अब ऐसे लोग भी संक्रमित हो रहे हैं जो कहते थे कि ये वायरस लापरवाही करने से क़ाबिज होता है।
- नवेद शिकोह
प्रकाश
July 29, 2020 at 7:13 pm
बिल्कुल सही सवाल है जो लोग दवा बता रहे वो ही बीमार हो रहे हैं ऐसा क्यों।
में अपने प्रधानमंत्री जी एक प्रार्थना कर्ता हूं कि जितने भी मंत्री MLA MP मुख्यमंत्री को कोरोना होता है तो उनका इलाज सरकारी कोरोना सेंटर में ही होना चाहिए ना की किसी प्राइवेट अस्पतालों में। तब पता चलेगा। सरकारी करोना सेंटर कितने अच्छे हैं और वहां मरीज क्यों भागते हैं।