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समाचार संपादक सत्य प्रकाश चौधरी ने ‘प्रभात खबर’ प्रबंधन के खिलाफ मजीठिया वेज बोर्ड न देने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की

सत्य प्रकाश चौधरी प्रभात खबर, रांची में समाचार संपादक हैं. उन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड लागू करने के लिए पहले प्रबंधन को पत्र लिखा. जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मुकदमा दायर कर दिया. जैसे ही कोर्ट की वेबसाइट पर मुकदमा होने की बात सार्वजनिक हुई, सत्य प्रकाश का उत्पीड़न शुरू कर दिया गया. वह मुकदमे के बाद जब 7 फरवरी को दफ्तर पहुंचे तो बायोमेट्रिक सिस्टम से उनकी हाजिरी नहीं लग सकी, क्योंकि मशीन से उनके फिंगर प्रिंट का रिकॉर्ड उड़ा दिया गया.

सत्य प्रकाश चौधरी प्रभात खबर, रांची में समाचार संपादक हैं. उन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड लागू करने के लिए पहले प्रबंधन को पत्र लिखा. जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मुकदमा दायर कर दिया. जैसे ही कोर्ट की वेबसाइट पर मुकदमा होने की बात सार्वजनिक हुई, सत्य प्रकाश का उत्पीड़न शुरू कर दिया गया. वह मुकदमे के बाद जब 7 फरवरी को दफ्तर पहुंचे तो बायोमेट्रिक सिस्टम से उनकी हाजिरी नहीं लग सकी, क्योंकि मशीन से उनके फिंगर प्रिंट का रिकॉर्ड उड़ा दिया गया.

इसके बाद जब वह काम करने के लिए अपनी सीट पर बैठे और अपने दफ्तर का ईमेल खोलने लगे, तो वह नहीं खुला. पेज पर संदेश आ रहा था कि आपका पासवर्ड 25 घंटे पहले बदल दिया गया है. कोर्ट के डर से अखबार सत्य प्रकाश को सीधे-सीधे निकाल नहीं पा रहा है, लेकिन उनका उत्पीड़न कर रहा है, ताकि वह वह परेशान होकर अखबार छोड़ दें. लेकिन वह पूरी हिम्मत से डटे हुए हैं. रोज दफ्तर जा रहे हैं और अपने निजी ईमेल से अपनी उपस्थिति की सूचना एचआर को दे रहे हैं.

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प्रभात खबर प्रबंधन को जैसे ही पता चला कि सत्य प्रकाश मजीठिया के लिए मुकदमा करने दिल्ली गये हैं, इसके अगले ही दिन कंपनी के एचआर मैनेजर व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर दिल्ली पहुंच गये. उन्होंने वहां सत्य प्रकाश से सौदेबाजी करने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं बिके. दोनों अफसर क्राइसिस मैनेजमेंट के नाम पर हवाई जहाज से यात्रा और होटलबाजी का मजा ले रहे हैं. पत्रकारों के शोषण के पैसों से जाम छलकाये जा रहे हैं. प्रभात खबर के शीर्ष अधिकारी केके गोयनका के राज में इस अखबार के मीडियाकर्मियों का चरम शोषण हो रहा है.

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0 Comments

  1. abhiyan chalayein

    February 9, 2015 at 10:34 pm

    Kyon na sabhi newspaper mein strike ki jaye.
    Ek saath. Sabhi akhbaron mein.

    Phir akhbar malik hi nahin, puri duniya sunegi. Wo bhi gaur se.

    Bhadas din tay kare. Sabhi mediakarmi saath dein…

    Pathkon ko nuksan hoga, lekin wo electronic media aur social media ki khbron se kaam chala lenge.

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