Connect with us

Hi, what are you looking for?

बिहार

जिस हत्यारे शहाबुद्दीन को फांसी होनी चाहिए, उसे सलामी देने जेल में अपना मंत्री भेजते हैं नीतीश कुमार, सोशल मीडिया चुप्पी साधे है

Yashwant Singh : दो भाइयों को तेजाब से नहला कर मारने और तीसरे की गवाही देने जाते वक्त हत्या करने के आरोपी कुख्यात शहाबुद्दीन को फांसी देने की जगह इसके जेल के दरबार में हाजिरी लगाने जाते हैं नीतीश कुमार के एक मंत्री… आप चुप हैं क्योंकि ये मामला भाजपा और मोदी से जुड़ा नहीं है… इस पर भी बोलिए लिखिए अभियान चलाइए जनाब… बिहार के सीवान जिले के चंदा बाबू जिस हत्यारे शहाबुद्दीन और उसके गिरोह के कारण तीन बेटे गंवा चुके हैं, उस शहाबुद्दीन से जेल में मिलने बिहार के एक मंत्री महोदय जाते हैं. जेल में बाकायदा चाय नाश्ता होता है. फोटो सोटो खींचे खिंचवाए जाते हैं. शहाबुद्दीन सांसद रहा है, हार्डकोर क्रिमिनल है, दर्जनों मामले उस पर हैं. वह लालू और नीतीश कुमार का प्रिय पात्र माना जाता है. यही कारण है कि नीतीश-लालू की मिली जुली सरकार के मंत्री महोदय बाकायदे हाजिरी लगाने जेल में जाते हैं और शहाबुद्दीन से मिलकर आते हैं.

<p>Yashwant Singh : दो भाइयों को तेजाब से नहला कर मारने और तीसरे की गवाही देने जाते वक्त हत्या करने के आरोपी कुख्यात शहाबुद्दीन को फांसी देने की जगह इसके जेल के दरबार में हाजिरी लगाने जाते हैं नीतीश कुमार के एक मंत्री... आप चुप हैं क्योंकि ये मामला भाजपा और मोदी से जुड़ा नहीं है... इस पर भी बोलिए लिखिए अभियान चलाइए जनाब... बिहार के सीवान जिले के चंदा बाबू जिस हत्यारे शहाबुद्दीन और उसके गिरोह के कारण तीन बेटे गंवा चुके हैं, उस शहाबुद्दीन से जेल में मिलने बिहार के एक मंत्री महोदय जाते हैं. जेल में बाकायदा चाय नाश्ता होता है. फोटो सोटो खींचे खिंचवाए जाते हैं. शहाबुद्दीन सांसद रहा है, हार्डकोर क्रिमिनल है, दर्जनों मामले उस पर हैं. वह लालू और नीतीश कुमार का प्रिय पात्र माना जाता है. यही कारण है कि नीतीश-लालू की मिली जुली सरकार के मंत्री महोदय बाकायदे हाजिरी लगाने जेल में जाते हैं और शहाबुद्दीन से मिलकर आते हैं.</p>

Yashwant Singh : दो भाइयों को तेजाब से नहला कर मारने और तीसरे की गवाही देने जाते वक्त हत्या करने के आरोपी कुख्यात शहाबुद्दीन को फांसी देने की जगह इसके जेल के दरबार में हाजिरी लगाने जाते हैं नीतीश कुमार के एक मंत्री… आप चुप हैं क्योंकि ये मामला भाजपा और मोदी से जुड़ा नहीं है… इस पर भी बोलिए लिखिए अभियान चलाइए जनाब… बिहार के सीवान जिले के चंदा बाबू जिस हत्यारे शहाबुद्दीन और उसके गिरोह के कारण तीन बेटे गंवा चुके हैं, उस शहाबुद्दीन से जेल में मिलने बिहार के एक मंत्री महोदय जाते हैं. जेल में बाकायदा चाय नाश्ता होता है. फोटो सोटो खींचे खिंचवाए जाते हैं. शहाबुद्दीन सांसद रहा है, हार्डकोर क्रिमिनल है, दर्जनों मामले उस पर हैं. वह लालू और नीतीश कुमार का प्रिय पात्र माना जाता है. यही कारण है कि नीतीश-लालू की मिली जुली सरकार के मंत्री महोदय बाकायदे हाजिरी लगाने जेल में जाते हैं और शहाबुद्दीन से मिलकर आते हैं.

इस शहाबुद्दीन ने चंदा बाबू के दो बेटों को तेजाब से नहला कर मार डाला था और तीसरे बेटे को गवाही देने जाते वक्त मार दिया था. शहाबुद्दीन को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है तो चंदा बाबू दुखी हुए लेकिन उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने भर को पैसा नहीं है. इसको लेकर खबरें कई जगह चलीं और उसी बहाने शहाबुद्दीन के आतंक और हत्याओं का जिक्र चल पड़ा. इस सबसे बेपरवाह नीतीश कुमार ने अपने मंत्री महोदय को जेल में जाकर शहाबुद्दीन का हालचाल पूछने को भेज दिया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

क्या आपको लगता नहीं कि ‘गंगाजल’ या ‘जय गंगाजल’ जैसी फिल्में इसी बिहार के इसी शहाबुद्दीन जैसों पर आधारित होती हैं. कोई एक बिहार के पत्रकार महोदय फेसबुक पर लिख रहे थे कि ‘जय गंगाजल’ टाइप फिल्मों से प्रकाश झा बिहार का इमेज बिगाड़ देते हैं. अरे भइया ये शहाबुद्दीन तो बिहार का ही है न. दो बेटों को तेजाब से नहला कर मारने और तीसरे को गवाही देने कोर्ट जाते वक्त मारने का ये मामला बिहार का ही है न. इतने दुर्दांत अपराधी को हाईकोर्ट से जमानत मिल जाने का मामला बिहार का ही हैं. जेल में जाकर इस दुर्दांत हत्यारे से मंत्री महोदय के मिलने का मामला बिहार का ही है न.

Advertisement. Scroll to continue reading.

चंदा बाबू वाली अपनी पिछली पोस्ट में मैंने लिखा था कि चंदा बाबू और उनके परिवार के साथ जो जो हुआ, उसे देख सुन कर यकीन नहीं होता कि कोई एक जन्म में इतना दुख देख झेल सकता है. चंदा बाबू की हिला देने वाली कहानी से ज्यादा हिला देने वाली राजनीति नीतीश कुमार ने की है. जिस शहाबुद्दीन को फांसी पर चढ़ाकर उसका काम तमाम कर देना चाहिए, उसे न सिर्फ जमानत दे दी गई बल्कि उससे मिलने मंत्री महोदय भी पहुंच गए. जेल में जमी शहाबुद्दीन की महफिल में नीतीश के मंत्री ने जो हाजिरी लगाई, उससे समझ में आता है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन अपने गिरोह से जो जो कांड मर्डर लूट करवाते हैं, उसका हिस्सा उपर तक के नेताओं को भी भिजवाते हैं ताकि कुर्कम बेरोकटोक जारी रहे.

जो तस्वीरें आई हैं उसमें दिखता है कि शहाबुद्दीन का दरबार जेल में सजा है. जेल में शहाबुद्दीन को फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं मिली हुई नजर आती हैं. जब जेल में शहाबुद्दीन से मिलने सत्ता पक्ष के मंत्री पहुंचे तो उनकी अच्छी खासी खातिरदारी की गई. 6 मार्च को बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर आरजेडी के एक विधायक के साथ सीवान जेल में शहाबुद्दीन के पास हाजिरी लगाने पहुंचे. टेबल कुर्सी लगाकर शान से बैठे बाहुबली शहाबुद्दीन ने उन्हें प्लेट में सजाकर मिठाइयां मंगवाई और उनके साथ बातचीत की. सियासी गलियारों में चर्चा है कि शहाबुद्दीन की पावर और प्रभाव फिर से बढ़ने लगा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

बेशर्म मंत्री अब्दुल गफूर इस मुलाकात को मानवीय आधार पर की गई मुलाकात बताता है. और इस सबका नतीजा देखिए कि सीवान में शहाबुद्दीन के शूटर ने चिमनी मालिक की गोली मारकर की हत्या कर दी. जाहिर सी बात है, ये रंगदारी के लिए और दहशत फैलाने के लिए किया गया कांड है ताकि लोग जान जाएं कि शहाबुद्दीन का सूर्य अस्त नहीं हुआ है. वह पहले जितना ही पावरफुल है. पता चला है कि सीवान के एक गांव में मो. शहाबुद्दीन के शूटर के रूप में चर्चित अबरे आलम और उसके सहयोगियों ने चिमनी व्यवसायी को गोलियों से भून दिया. हत्या से आक्रोशित चिमनी व्यवसायी के परिजनों व ग्रामीणों ने शव को अपराह्न एक बजे तक घेर कर रखा. परिजनों ने मुखिया पति पर शहाबुदीन के शूटर होने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें स्थानीय थाने पर भरोसा नहीं है.

दो सगे भाइयों को अगवा कर तेजाब से मारने और तीसरे को गवाही देते वक्त मारने वाले अपराधी शहाबुद्दीन के साथ मंत्री के मुलाकात मामले में वो लोग चुप्पी साधे रहेंगे जो रोजाना दर्जनों बार मोदी और भाजपा के खिलाफ लिखते लड़ते रहते हैं. शायद इसलिए कि ये मामला मुस्लिम, यादव, पिछड़ा, दलित समीकरण से जुड़ा है. अपने घर का अपराधी और अपराध अनदेखा कर देना चाहिए, यह पुरानी प्रथा परंपरा है. लेकिन जो लोग नैतिकता, इमानदारी, लोकतंत्र, वैल्यूज, कानून आदि की बात करते हैं उन्हें अपराधी अपराधी में भेद नहीं करना चाहिए. सरकार चाहें मोदी की हो या नीतीश की या अखिलेश की, जहां भी गलत हो रहा है, वहां विरोध करिए वरना ये लोकतंत्र कबाड़तंत्र में तब्दील हो जाएगा और देश में राजनीतिक पार्टियां नहीं बल्कि अपराधी गिरोह सरकारें चलाया करेंगे. इसके लक्षण उपर से लेकर नीचे यानि केंद्र से लेकर राज्यों तक में दिखने लगे हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

#ShameNitishKumar #ShameLaluYadav #ShameShahabuddin

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.

शहाबुद्दीन की हकीकत जानने के लिए इस खबर को जरूर पढ़ें…

Advertisement. Scroll to continue reading.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement