नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार उपेंद्र राय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सेहरावत से कहा कि राय से हिरासत में अब और पूछताछ की जरूरत नहीं है. इसके बाद अदालत ने उपेंद्र को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
उपेंद्र राय को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पहले सात दिन, फिर पांच दिन और आखिर में एक दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक एनके माट्टा ने अदालत में एक अर्जी में कहा कि उपेंद्र राय को जेल भेजा जाए क्योंकि उनकी हिरासत की अब और जरूरत नहीं है. उपेंद्र राय ने एजेंसी द्वारा उन पर लगाये गये सभी आरोपों से अदालत में इनकार किया था.
एजेंसी ने अदालत में दावा किया था कि राय के कब्जे से ‘बहुत गोपनीय दस्तावेज’ बरामद हुए हैं और निदेशालय इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि उन्हें ये दस्तावेज कैसे मिले.
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि उपेंद्र राय द्वारा हजारों करोड़ों रुपये की वसूली की गई. पिछले 8 जून को सीबीआई कोर्ट से उपेंद्र राय को जमानत मिलने के बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था.
उपेंद्र राय के वकील विजय अग्रवाल ने विरोध करते हुए कहा कि ईडी ने इस मामले में काफी गड़बड़ियां की हैं. हमारे मुवक्किल के खाते में जो भी रकम आई उसका हिसाब है और उसके लिए आयकर भी जमा किया गया है.
ज्ञात हो कि उपेंद्र राय के ठिकानों पर 2 मई की रात में सीबीआई ने छापा मारा था और पूछताछ की थी. सीबीआई ने उपेन्द्र राय को 3 मई को गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेज के जरिये ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्युरिटी से एयरपोर्ट में प्रवेश करने का पास हासिल करने का आरोप है. इसके अलावा फर्जी तरीके से पैसों का लेन-देन करने का भी आरोप है.
उपेंद्र राय सहारा मीडिया और तहलका के सीईओ रह चुके हैं.