Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तराखंड

भाजपाई कल तक जिन कांग्रेसियों को गरियाते थे, आज उन्हीं का गुणगान कर रहे!

नैनीताल। अबकी विधानसभा चुनाव में अपनी राजनैतिक संस्कृति और प्रवृति के विपरीत उत्तराखण्ड दल -बदल के दल -दल में बुरी तरह फंस गया है। हालाँकि राज्य  में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है। पर भाजपा और कांग्रेस के भीतर जबरदस्त भगदड़ मच गई है। इस चुनावी घमासान में भाजपा के शुचिता, नैतिकता, भ्रष्टाचार और बेईमानी जैसे नारों की हवा निकल गई है। देश को कांग्रेस मुक्त करने के अभियान में जुटी भाजपा उत्तराखण्ड में कांग्रेस युक्त होती जा रही है। राज्य की सत्ता की चुनावी लड़ाई में दलीय पहचान विलुप्ति के कगार पर हैं। “भाजपा ही कांग्रेस है या कि कांग्रेस ही भाजपा है” इनमें फर्क कर पाना मुश्किल होता जा रहा है।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>नैनीताल। अबकी विधानसभा चुनाव में अपनी राजनैतिक संस्कृति और प्रवृति के विपरीत उत्तराखण्ड दल -बदल के दल -दल में बुरी तरह फंस गया है। हालाँकि राज्य  में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है। पर भाजपा और कांग्रेस के भीतर जबरदस्त भगदड़ मच गई है। इस चुनावी घमासान में भाजपा के शुचिता, नैतिकता, भ्रष्टाचार और बेईमानी जैसे नारों की हवा निकल गई है। देश को कांग्रेस मुक्त करने के अभियान में जुटी भाजपा उत्तराखण्ड में कांग्रेस युक्त होती जा रही है। राज्य की सत्ता की चुनावी लड़ाई में दलीय पहचान विलुप्ति के कगार पर हैं। "भाजपा ही कांग्रेस है या कि कांग्रेस ही भाजपा है" इनमें फर्क कर पाना मुश्किल होता जा रहा है।</p>

नैनीताल। अबकी विधानसभा चुनाव में अपनी राजनैतिक संस्कृति और प्रवृति के विपरीत उत्तराखण्ड दल -बदल के दल -दल में बुरी तरह फंस गया है। हालाँकि राज्य  में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है। पर भाजपा और कांग्रेस के भीतर जबरदस्त भगदड़ मच गई है। इस चुनावी घमासान में भाजपा के शुचिता, नैतिकता, भ्रष्टाचार और बेईमानी जैसे नारों की हवा निकल गई है। देश को कांग्रेस मुक्त करने के अभियान में जुटी भाजपा उत्तराखण्ड में कांग्रेस युक्त होती जा रही है। राज्य की सत्ता की चुनावी लड़ाई में दलीय पहचान विलुप्ति के कगार पर हैं। “भाजपा ही कांग्रेस है या कि कांग्रेस ही भाजपा है” इनमें फर्क कर पाना मुश्किल होता जा रहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उत्तराखण्ड में भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बदला -सा नजर आ रहा है। पार्टी की राजनैतिक प्रतिबद्धता और  विचारधारा कपूर की तरह उड़ गई है। “पार्टी विद डिफरेंश” की बात बेमानी साबित हो रही है। खुद को कैडर आधारित अनुशासित पार्टी बताने वाली भाजपा का आंतरिक अनुशासन तार -तार हो गया है। हर हालत में सत्ता पाने की ललक में भाजपा ने मानो अपने वैचारिक एवं सैद्धांतिक मूल्यों की तिलांजलि दे दी है। पार्टी की परिवारवाद  विरोधी मुहिम की हवा निकल गई है। भाजपा उत्तराखण्ड के भीतर जिन कथित घपले -घोटालों को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रहती थी, उन घपले -घोटालों के लिए जिम्मेदार समझे जाने वाले ज्यादातर कांग्रेसी अब भाजपा के ही पाले में आ गए हैं।

भाजपा की इस नई चुनावी रणनीति या मजबूरी को आम मतदाता तो दूर बल्कि विचारधारा के आधार पर पार्टी से जुड़े पुराने भाजपाई भी नहीं पचा पा  रहे हैं। भाजपा के नेता और कार्यकर्ता कल तक कांग्रेस की जिन नेताओं और मंत्रियों पर बेईमानी, भ्रष्टाचार, कदाचार और चारित्रिक आरोप लगा उन्हें जी भरकर कोसते थे, आज उन्हीं के गुणगान करने को मजबूर हो गए हैं। पार्टी के ज्यादातर कार्यकर्ता इससे खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। नतीजतन भाजपा को उत्तराखण्ड की सतर में से करीब दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर खुद के नेताओं और कार्यकर्ताओं के असंतोष और बगावत का सामना करना पड़ रहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

परिवारवाद को लेकर दूसरे सियासी दलों पर लगातार हमलावर रहने वाली भाजपा उत्तराखण्ड के भीतर इस मुद्दे पर खुद ही घिरती नजर आ रही है। कांग्रेस की मौजूद सरकार में केबिनेट मंत्री यशपाल आर्या और उनके बेटे संजीव आर्या इसी महीने सोलह जनवरी की सुबह भाजपा में शामिल हुए ,पार्टी ने उसी रोज चंद घण्टों बाद बाप-बेटे दोनों को टिकट थमा दिया। यशपाल आर्या बाजपुर से और उनके बेटे संजीव नैनीताल से भाजपा के उम्मीदवार हो गए। नतीजतन नैनीताल सीट से टिकट की आस में पिछले अनेक सालों से क्षेत्र में सक्रिय टिकटार्थी नाराज हो गए। इनमें से एक हेम आर्या भाजपा से बगावत कर  निर्दल चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यशपाल आर्या के भाजपा में आने से पार्टी को तात्कालिक लाभ कितना होता है, यह तो वोट की गिनती के रोज ही पता चल जायेगा। पर इस निर्णय का भाजपा और खुद यशपाल आर्या को दीर्घकालिक नुकसान होना तय है। परिवारवाद की धुर विरोधी भाजपा ने विकासनगर से मुन्ना चौहान और चकराता से उनकी पत्नी मधु चौहान को टिकट दे दिया। यमकेश्वर से बी.सी. खंडूड़ी के बेटी ऋतु खंडूड़ी और सितारगंज से विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा भाजपा  के प्रत्याशी हो गए। नए भाजपाइयों को टिकट देने और पुराने नेताओं-कार्यकर्ताओं की अनदेखी के चलते पार्टी मुश्किल में है।
 

टिकट बंटवारे में हुई चूक के चलते एक जमाने की अनुशासित पार्टी भाजपा बगावत से जूझ रही है। उत्तराखण्ड के भीतर पार्टी के कई पुराने नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। गंगोत्री, यमनोत्री, केदारनाथ, यमकेश्वर, चौबट्टाखाल, रुड़की, नरेंद्रनगर, पौड़ी, धनोल्टी, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, कोटद्वार, नैनीताल, रानीखेत, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर वगैरह करीब दो दर्जन जगहों में पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी खुलकर सामने आई है। कई जगहों पर खुलेआम बगावत की खबरें आई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को खुद भी बगावत से दो-चार होना पड़ रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता मान -मनोव्वल में लगे हैं। पर रूठों को मनाना उन्हें भारी पड़ रहा है। कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम की पहली सूची जारी होते ही वहां भी भगदड़ मचनी शुरू हो गई है। नैनीताल जिले के भीमताल और लालकुआँ सीट पर बगावत के सुर तेज हो गए है। सियासी कार्यकर्ताओं की इस कदर नाराजगी और बगावत की असल जड़ सत्तालोलुपता के चलते पार्टियों का वैचारिक दीवालियापन है। इसका खामियाजा देर -सबेर सभी सियासी दलों को उठाना ही पड़ेगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रयाग पाण्डे
वरिष्ठ पत्रकार
नैनीताल
उत्तराखंड

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement