Connect with us

Hi, what are you looking for?

छत्तीसगढ़

मीडियावालों को हड़का गए छग पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल!

अब इसे छत्तीसगढ़ में चल रही जोगी-भूपेश के बीच लम्बे समय की कड़वाहट के बाद भी जोगी की नई पार्टी को नियमित मीडिया कवरेज़ का कारण मान लीजिए, या फिर कथित तौर पर कांग्रेस बीट कवर करने वाले कुछ “ख़ास” पत्रकारों के कारण मीडिया बिरादरी के प्रति भूपेश का “हक़” मान लीजिये. पर रविवार को छग कांग्रेस के मुख्यालय में पीसीसी चीफ़ अपनी नाराज़गी से इस बात को ज़ाहिर कर दिया कि कुछ पत्रकारों से उनका “ख़ास” रिश्ता है.

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>अब इसे छत्तीसगढ़ में चल रही जोगी-भूपेश के बीच लम्बे समय की कड़वाहट के बाद भी जोगी की नई पार्टी को नियमित मीडिया कवरेज़ का कारण मान लीजिए, या फिर कथित तौर पर कांग्रेस बीट कवर करने वाले कुछ "ख़ास" पत्रकारों के कारण मीडिया बिरादरी के प्रति भूपेश का "हक़" मान लीजिये. पर रविवार को छग कांग्रेस के मुख्यालय में पीसीसी चीफ़ अपनी नाराज़गी से इस बात को ज़ाहिर कर दिया कि कुछ पत्रकारों से उनका "ख़ास" रिश्ता है.</p>

अब इसे छत्तीसगढ़ में चल रही जोगी-भूपेश के बीच लम्बे समय की कड़वाहट के बाद भी जोगी की नई पार्टी को नियमित मीडिया कवरेज़ का कारण मान लीजिए, या फिर कथित तौर पर कांग्रेस बीट कवर करने वाले कुछ “ख़ास” पत्रकारों के कारण मीडिया बिरादरी के प्रति भूपेश का “हक़” मान लीजिये. पर रविवार को छग कांग्रेस के मुख्यालय में पीसीसी चीफ़ अपनी नाराज़गी से इस बात को ज़ाहिर कर दिया कि कुछ पत्रकारों से उनका “ख़ास” रिश्ता है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

भूपेश बघेल ने मीडियाकर्मियों को न सिर्फ़ पहले भौंहे तानकर देखा, बल्कि अमूमन मीडियाकर्मियों के साथ ठहाका लगाने वाले भूपेश ने ताव में आकर छग मीडिया के न्यूज़ कवरेज़ पर सवाल खड़ा कर दिया। दरअसल एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज़ मसले पर छग कांग्रेस ने रविवार दोपहर कांफ्रेंस का आयोजन किया था। मीडिया से चर्चा के बाद भूपेश बघेल ने उपस्थित मीडियाकर्मियों से कहा- “जिस ख़बर को दिखाना चाहिये, उसे दिखाते नहीं, मेन मुद्दे को छोड़ देते हो, ख़बरें अपनी मर्ज़ी से चलाते रहते हो।”

भूपेश बघेल के इस “अधिकार” पूर्वक बयान का मतलब मीडिया गलियारों में अलग-अलग तरह से निकाला जा रहा है. आख़िर अपने चैनलों, अख़बारों की ख़बरों पर किसी नेता की आपत्ति क्यों। कांग्रेस भवन में मौजूद पत्रकारों ने मुंह में टेप लगा सह ली, ये कइयों को समझ नहीं आता है। भूपेश ने जब अपनी ये नाराज़गी ज़ाहिर की, तब वहां उपस्थित किसी भी पत्रकार ने अपनी बिरादरी पर एक जननेता के ओपीनियन पर ऐतराज़ जताना, मुंह खोलना सही नहीं समझा। ऐसे में भड़ास के सूत्र यहाँ तक कहानी बयां कर रहे हैं जिनकी सेवा होती है, उन्होंने अपनी वफ़ादारी निभाई है। अरे भईया, कहीं ये मैनेज का असर तो नहीं?

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement