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छत्तीसगढ़

साईं प्रसाद की मालकिन वंदना भापकर को कोर्ट ने जेल भेजा

चिटफंड कंपनी साईं प्रसाद की मालकिन वंदना भापकर को रायपुर की एक अदालत ने जेल भेज दिया है. उन्हें पहले एक दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा था. रिमांड अवधि पूरी होने के बाद उन्हें 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. लाभ की आकर्षक स्कीमों का झांसा देकर कई सालों से छत्तीसगढ़ और देश के दूसरे शहरों में सक्रिय साईं प्रसाद और उससे सम्बंधित दूसरी कंपनियों पर CBI ने छापा मारी शुरू कर दी है. साथ ही देश के 30 से ज़्यादा शहरों में दस्तावेजी जांच पड़ताल शुरू हो गयी है. सूत्रों के अनुसार CBI की तीन टीमें रायपुर पहुंची जिसमे दिल्ली कोलकता और भिलाई के अधिकारी शामिल थे.

चिटफंड कंपनी साईं प्रसाद की मालकिन वंदना भापकर को रायपुर की एक अदालत ने जेल भेज दिया है. उन्हें पहले एक दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा था. रिमांड अवधि पूरी होने के बाद उन्हें 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. लाभ की आकर्षक स्कीमों का झांसा देकर कई सालों से छत्तीसगढ़ और देश के दूसरे शहरों में सक्रिय साईं प्रसाद और उससे सम्बंधित दूसरी कंपनियों पर CBI ने छापा मारी शुरू कर दी है. साथ ही देश के 30 से ज़्यादा शहरों में दस्तावेजी जांच पड़ताल शुरू हो गयी है. सूत्रों के अनुसार CBI की तीन टीमें रायपुर पहुंची जिसमे दिल्ली कोलकता और भिलाई के अधिकारी शामिल थे.

 

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CBI अधिकारियों ने रिंग रोड राजेन्द्र नगर के पास मिलेनियम काम्प्लेक्स के फ्यूचर अ डे नामक फर्म पर दबिश दी. यह कंपनी साई प्रसाद की सहयोगी कंपनी बताई जा रही है. मारुती रेसीडेंसी अमलीडीह के एक मकान पर भी छापामार कार्यवाही हुई. दोनों जगहों पर कोई जिम्मेदार नहीं मिला. सूत्रों के अनुसार सीलबंद कार्यवाही की भी तैयारी है. इस तरह की जांच देश के 25 से 30 शहरों में जारी है. साथ ही कंपनी द्वारा 800 करोड़ रुपये का गड़बड़झाला किए जाने के मामले की भी जांच की जा रही है.

एक अधिकारी ने बताया कि अशोक मिलेनियम में भाड़े पर जगह लेकर कम्पनी चला रहे साईं प्रसाद के आफिस पर CBI ताला तोड़कर घुसी और पुलिस बल की मौजूदगी में दस्तावेजी जांच शुरू हुई. मगर कोई भी सामने नहीं आया है. वहीं रायपुर में कंपनी के ऊपर सीधे तौर पर कोई FIR दर्ज नहीं है मगर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की खबर है. निवेशक इस वक्त एजेंटों को ढूंढ रहे हैं. पश्चिम बंगाल के शारदा चिट फंड घोटाले से भी साईं प्रसाद कंपनी के तार जुड़े होने का सन्देह है. उडीशा और प.बंगाल में साईं प्रसाद के ऊपर 50 से ज़्यादा FIR दर्ज है.

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न्यूज़ एक्सप्रेस नेशनल चैनल, रीजनल चैनल MP CG स्वराज एक्सप्रेस और हमवतन अखबार की आड़ में चिटफंड कारोबार करने वाली यह कम्पनी मीडिया के नाम पर सरकार और प्रशासन में अपनी पकड़ बनाने की जुगत के थी. मगर कंपनी के मालिकों की सारी मंशा पर पानी फिर गया. कुछ चैनलों व अखबार की गर्भावस्था में ही मौत हो गयी. पुलिस कंपनी की मालकिन को पुणे के चिंचवड से ले गयी.

जानकारों के अनुसार देश में वर्षों से चिटफंडिया कारोबार करने वाले देश के सभी राज्यों में वसूली करते रहे हैं. SEBI और RBI की कार्यवाही से बचने के लिए नामी कंपनियों ने कोआपरेटिव सोसायटी बना कर कामकाज को नंबर एक में तब्दील करना शुरू कर दिया है. एक तरह से ये कंपनिया नाम बदलकर सहयोगी कम्पनियों के ज़रिये फ़र्ज़ीवाड़ा करती हैं. साईं प्रसाद की मालकिन वंदना भापकर को छत्तीस गढ़ पुलिस ने अरेस्ट किया है. उनसे एक दिन की रिमांड अवधि के दौरान पूछताछ जारी है. पुलिस की कोशिश है कि वंदना भापकर पर दबाव बनाकर बाला साहब भापकर व शशांक भापकर को सामने लाया जाए ताकि चिटफंड फ्राड का पूरा खुलासा हो सके.

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पत्रकार दानिश आज़मी की रिपोर्ट.

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