चोर और ठग बिल्डर अनिल शर्मा
चोर और ठग बिल्डर आम्रपाली के मालिक अनिल शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया है. इनसे पैसे का हिसाब भी मांगा है. आम्रपाली वाले 44 हजार निवेशकों का पैसा दाबे है. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर्स से 2008 से कंपनी के खातों और पैसों का हिसाब-किताब कोर्ट में पेश करने कहा है. कोर्ट ने अगली तारीख यानि एक अगस्त को कंपनी के चेयरमैन अनिल शर्मा, डायरेक्टर अजय कुमार और शिवप्रिय को पेश होने का भी आदेश दिया है.
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की खंडपीठ के रुख से लगता है कि आम्रपाली के प्रमोटरों पर कोर्ट की गाज गिर सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि कोर्ट तीन दूसरे बिल्डरों की मदद से प्रोजेक्ट को पूरा करने की स्पष्ट समय सीमा मांगेगा और उस डेडलाइन पर फ्लैट देने की गारंटी करने को कहेगा. कोर्ट ने आम्रपाली को एस्क्रो एकाउंट में 250 करोड़ रुपया जमा करने का आदेश दे रखा है.
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कोर्ट के आदेश पर आम्रपाली बिल्डर्स अपने 12 अधूरे प्रोजेक्ट्स को गैलैक्सी बिल्डर्स, कनौजिया बिल्डर्स और आईआईएफएल कंपनी के साथ मिलकर पूरा करने की प्लानिंग में है. कोर्ट ने 6 महीने में काम शुरू करने और 48 महीने यानी चार साल में काम पूरा करके फ्लैट देने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से 2008 से लेकर अभी तक की वित्तीय जानकारी कोर्ट में दाखिल करने कहा और कंपनी के प्रोमोटरों को देश छोड़कर जाने से मना कर दिया.
कंपनी के तीनों प्रोमोटर अनिल शर्मा, अजय कुमार और शिवप्रिय ने अपना पासपोर्ट अगस्त, 2017 में ही गौमतबुद्ध नगर के डीएम दफ्तर में जमा करा दिया था. कोर्ट ने कंपनी के प्रोमोटरों को अगली तारीख पर कोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली ने कहा कि केंद्र सरकार उनके अधूरे और भावी प्रोजेक्ट लेना चाहती है. हमने उनको प्रपोजल दिया है. इससे संबंधित हमारी मीटिंग आज सुबह शहरी विकास मंत्रलाय में हुई है जिसमें NBCC यानी राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम के चेयरमैन और नोएडा ग्रेटर नोएडा ऑथिरिटी के सीईओ भी इस मीटिंग में मौजूद थे.