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दिल्ली

सुनंदा पुष्कर मर्डर केस में दिल्ली पुलिस के हाथ लगे महत्वपूर्ण कॉल रिकॉर्ड

नई दिल्ली : सुनंदा पुष्कर हत्याकांड की छानबीन के दौरान पुलिस को 100 घंटों के फोन रिकॉर्ड के रूप में एक अहम जानकारी हाथ लगी है। कॉल रिकॉर्ड को जांच के लिए भेजा गया है। आशंका है कि फोन से कुछ महत्वपूर्ण एसएमएस डिलिट किए जा चुके हैं। जांच में सब पता चल जाएगा। 

<p>नई दिल्ली : सुनंदा पुष्कर हत्याकांड की छानबीन के दौरान पुलिस को 100 घंटों के फोन रिकॉर्ड के रूप में एक अहम जानकारी हाथ लगी है। कॉल रिकॉर्ड को जांच के लिए भेजा गया है। आशंका है कि फोन से कुछ महत्वपूर्ण एसएमएस डिलिट किए जा चुके हैं। जांच में सब पता चल जाएगा। </p>

नई दिल्ली : सुनंदा पुष्कर हत्याकांड की छानबीन के दौरान पुलिस को 100 घंटों के फोन रिकॉर्ड के रूप में एक अहम जानकारी हाथ लगी है। कॉल रिकॉर्ड को जांच के लिए भेजा गया है। आशंका है कि फोन से कुछ महत्वपूर्ण एसएमएस डिलिट किए जा चुके हैं। जांच में सब पता चल जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर व पाकिस्तानी महिला पत्रकार मेहर तरार के बीच प्रेम-प्रसंग की जानकारी सुनंदा को ट्विटर, फेसबुक व मोबाइल एसएमएस के जरिये ही मिली थी। सुनंदा के पति थरूर की मेहर तरार से फेसबुक व ट्विटर पर ही अधिकतर चैटिंग के जरिये बातचीत होती थी। इसके अलावा मोबाइल पर एसएमएस व व्हाट्सएप के जरिये भी बातचीत होती थी। उनके बीच हुई कई अश्लील बातचीत को सुनंदा ने पकड़ लिया था, जिसे उन्होंने 15 जनवरी 2014 को दिल्ली आने पर वरिष्ठ महिला पत्रकार नलिनी सिंह व अन्य कई पत्रकारों से साझा किया था।

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पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि सुनंदा के तीनों स्मार्टफोन व लैपटॉप की जांच रिपोर्ट आ गई है। आशंका है कि फोन से कुछ महत्वपूर्ण एसएमएस गायब कर दिए गए हैं। मामले की जांच कर रही एसआइटी ने जनवरी में सुनंदा के फोन और लैपटॉप को जांच के लिए गुजरात की प्रयोगशाला में भेजा था। वहां से एक सप्ताह पहले आई रिपोर्ट को आधार बनाकर एसआइटी बारीकी से साक्ष्य तैयार करने में जुट गई है।

बस्सी के मुताबिक सुनंदा हत्याकांड मामले में जितना जरूरी जहर का पता लगाना है, उतने ही इलेक्ट्रानिक साक्ष्य भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। सुनंदा का विसरा अमेरिका भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। फोन रिकॉर्ड में पुष्कर की कई लोगों से बातचीत दर्ज है। परिवार के अन्य सदस्यों से हुई सुनंदा की बातचीत भी इस हत्याकांड को सुलझाने में मदद कर सकती है। सुनंदा पुष्कर की मौत से पहले के उनके कई बयान पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हैं। 

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