Nadim S. Akhter ; बेहद अफसोसनाक, दुखद… शब्द नहीं हैं मेरे पास. दिल्ली पुलिस के अनुसार, कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर का मर्डर किया गया था. शक की पूरी की पूरी सुई किसकी तरफ है, ये बताने की जरूरत नहीं. खासकर तब, जब नलिनी सिंह जैसी वरिष्ठ पत्रकार और सुनंदा की करीबी दोस्त ये कह चुकी हैं कि मौत से एक रात पहले सुनंदा बहुत परेशान थीं. वह बहुत रो रही थीं. शायद मेहर तराड़ से शशि थरूर की नजदीकियों को लेकर बेहद भावुक और अपसेट थीं.
एक-दो दिन पहले ही मैं शशि थरूर के ट्वीट पर लिखना चाह रहा था लेकिन फिर रूक गया. कारण ये था कि साइंस कांग्रेस में कही गई बेतुकी और बेसिरपैर की बातों का शशि थरूर ट्वीट करके समर्थन कर रहे थे. शायद ऐसा कर वे बीजेपी से अपनी नजदीकी दिखाना चाह रहे थे. इससे पहले वे झाड़ू उठाकर (कांग्रेसी होने के बावजूद) नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान का परचम भी लहरा चुके थे. गाहे-बगाहे पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ भी करते रहते थे, जो नॉर्मल नहीं था. तब ये लग रहा था कि क्या वाकई थरूर किसी मुसीबत में हैं, जो केंद्र से कांग्रेस की सरकार की विदाई के बाद बीजेपी से नजदीकियां बढ़ाने की जुगत में हैं??!!
थरूर काफी पढ़े-लिखे और समझदार नेता हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद का चुनाव लड़ चुके हैं और ऐसे में अचानक से कांग्रेस अालाकमान को नाराज कर बीजेपी की तरफ उनके झुकाव से मैं खुद हैरान था. लग रहा था कि कुछ तो है, जो थरूर पासे फेंक रहे हैं. और आज दिल्ली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने ये बता दिया कि दाल में बहुत कुछ काला है. थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर को जहर देकर मारा गया था. उनकी मौत ना तो नेचुरल थी और ना ही उन्होंने कोई आत्महत्या की थी.
अब ये तो पुलिस पता लगाएगी कि हत्या किसने और क्यों करवाई लेकिन शक की पहली सुई किसकी तरफ घूम रही है, आप अंदाजा लगा सकते हैं. सुनंदा पुष्कर के लिए मन दुखी है. बहुत दुखी. आखिर दुनिया में प्यार का बदला प्यार से क्यों नहीं मिलता ??!!!
पत्रकार और शिक्षक नदीम एस. अख्तर के फेसबुक वॉल से.