उत्तराखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ही नहीं, भगत सिंह कोश्यारी जैसे खुद को सीधा-सादा नेता बताने वाले लोग भी ब्लैकमेलिंग में अरेस्ट उमेश कुमार के यार हैं. नैनीताल के सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी ने भी स्टिंग साजिश मामले के आरोपी उमेश कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमों की वापसी की सिफारिश खुद लिखित रूप में की थी. उन्होंने एक नहीं बल्कि आठ-आठ मुकदमे वापस लेने के लिए तत्कालीन सीएम को पत्र भेजा था. उस वक्त कोश्यारी राज्यसभा के सदस्य थे.
उमेश के खिलाफ ये मुकदमे पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान ही हुए थे. डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के मुख्यमंत्रित्व काल में उमेश कुमार के घर की कुर्की भी हुई थी, पर राजनीतिक पहुंच के चलते तब पुलिस उनकी गिरफ्तारी में सफल नहीं हो पाई थी. बाद में भाजपा के सत्ता से हटते ही पार्टी के बड़े नेता उमेश के खिलाफ दर्ज मुकदमों की पैरवी में उतर आए थे. अब कोश्यारी का सिफारिशी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इससे पूर्व तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का भी पत्र वायरल हो चुका है. खास बात यह भी है कि दोनों पत्रों की भाषा बिल्कुल एक जैसी है.
उमेश के नजदीक रहे नेता-अफसरों की धड़कनें बढ़ीं स्टिंग-साजिश मामले में फंसे उमेश कुमार से नजदीकी अब नेताओं और अफसरों की धड़कनें बढ़ा रही है. इस साजिश का पर्दाफाश करने वाले और चैनल से ही जुड़े आयुष गौड़ पुलिस को बता चुके हैं कि चैनल के सीईओ उमेश कुमार कई नेताओं और अधिकारियों का स्टिंग ऑपरेशन कराकर रख लेता था, ताकि उन्हें अपने हिसाब से भुनाया जा सके. पुलिस को कुछ पैन ड्राइव और स्टिंग में काम आने उपकरण मिले भी थे. ऐसे में उमेश कुमार के संपर्क में रहे नेताओं और अफसरों में अब बैचेनी है. उन्हें डर सता रहा है कि कहीं उनका भी स्टिंग न कर लिया गया हो और कहीं वो भी वायरल न हो जाए.
उमेश कुमार के बंद मुकदमे खुल सकते हैं गृह विभाग ने बंद मुकदमें खोलने के लिए पड़ताल शुरू कर दिया है. उमेश पर 2008 से 2011 के बीच देहरादून के अलग-अलग थानों में आठ मुकदमे दर्ज हुए थे. तब भाजपा सरकार ने उमेश को गिरफ्तार करने की भरसक कोशिश की थी, लेकिन बाद में 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्ता में आते ही उमेश के सारे मुकदमें वापस हो गए. अब उमेश का सरकार के साथ फिर टकराव सामने आने के बाद सरकार इन मुकदमों को फिर से खोलने पर विचार कर रही है.
खासकर इन मुकदमों को वापस लेने संबंधित पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के पत्र सामने आने के बाद भाजपा के लिए यह मामला राजनैतिक रूप से भी अहम हो गया है. सूत्रों के अनुसार गृह विभाग इन मुकदमों की पड़ताल कर रहा है. किस मुकदमे में कौन-कौन सी धाराएं लगी हैं, केस किस स्तर पर बंद हुए, इसकी पड़ताल हो रही है. केस फिर खोलने से पहले सरकार इसके लिए जरूरी कील कांटे ठीक कर रही है. साथ ही पुलिस भी इन केस में प्राप्त सुबूतों की पड़ताल फिर से कर रही है. सरकार की कोशिश है कि कानूनी रूप से मजबूत केस ही खोले जाएं, ताकि कोर्ट में केस मजबूत रह सके.
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