Connect with us

Hi, what are you looking for?

दिल्ली

फोटोग्राफर, ट्रेवेल राइटर और ब्लॉगर डा. कायनात काजी की फोटो प्रदर्शनी “सबरंग” का उदघाटन

फोटोग्राफर, ट्रेवेल राइटर और ब्लॉगर डा. कायनात काजी की फोटो प्रदर्शनी “सबरंग” का उदघाटन समारोह कनाट प्लेस स्थित कैफे दी आर्ट में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद् और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, भारत सरकार के सदस्य सचिव डा. सच्चिदानंद जोशी ने की। प्रसिद्ध फोटोग्राफर और डीडी न्यूज के सीनियर कंसल्टिंग एडीटर श्री विजय क्रांति इस अवसर पर मुख्य अतिथि तथा वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानेमाने स्तंभकार श्री अनंत विजय विशिष्ठ अतिथि थे। कैफे द आर्ट अपनी तरह का एक अलग प्रयोग है। यह कैफे कम आर्ट गैलरी है। यहां कला प्रेमी फोटो और पेंटिंग को निहारते हुए चाय और कॉफी की चुस्कियों का लुत्फ उठाते हैं।

<p>फोटोग्राफर, ट्रेवेल राइटर और ब्लॉगर डा. कायनात काजी की फोटो प्रदर्शनी “सबरंग” का उदघाटन समारोह कनाट प्लेस स्थित कैफे दी आर्ट में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद् और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, भारत सरकार के सदस्य सचिव डा. सच्चिदानंद जोशी ने की। प्रसिद्ध फोटोग्राफर और डीडी न्यूज के सीनियर कंसल्टिंग एडीटर श्री विजय क्रांति इस अवसर पर मुख्य अतिथि तथा वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानेमाने स्तंभकार श्री अनंत विजय विशिष्ठ अतिथि थे। कैफे द आर्ट अपनी तरह का एक अलग प्रयोग है। यह कैफे कम आर्ट गैलरी है। यहां कला प्रेमी फोटो और पेंटिंग को निहारते हुए चाय और कॉफी की चुस्कियों का लुत्फ उठाते हैं।</p>

फोटोग्राफर, ट्रेवेल राइटर और ब्लॉगर डा. कायनात काजी की फोटो प्रदर्शनी “सबरंग” का उदघाटन समारोह कनाट प्लेस स्थित कैफे दी आर्ट में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद् और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, भारत सरकार के सदस्य सचिव डा. सच्चिदानंद जोशी ने की। प्रसिद्ध फोटोग्राफर और डीडी न्यूज के सीनियर कंसल्टिंग एडीटर श्री विजय क्रांति इस अवसर पर मुख्य अतिथि तथा वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानेमाने स्तंभकार श्री अनंत विजय विशिष्ठ अतिथि थे। कैफे द आर्ट अपनी तरह का एक अलग प्रयोग है। यह कैफे कम आर्ट गैलरी है। यहां कला प्रेमी फोटो और पेंटिंग को निहारते हुए चाय और कॉफी की चुस्कियों का लुत्फ उठाते हैं।

डा. कायानत काजी एक सोलो फीमेल ट्रेवलर के रूप में महज तीन वर्षों में ही देश-विदेश में करीब 80 हजार किलोमीटर की दूरी नाप चुकी हैं। डा. कायनात काज़ी ने यायावरी करते हुए भारत की विविधता को करीब से देखा और महसूस किया कि इसकी संस्कृति के अनगिनत रंग हैं। अपनी फोटो प्रदर्शनी “सबरंग” में कायनात ने इन्हीं रंगों को दिखाने की कोशिश की है। उनके पास प्रकृति, जीवन शैली, कला, संस्कृति, पुरातत्व, ऐतिहासिक धरोहर, ग्राम्य जीवन आदि विषयों पर फोटो का विशाल कलेक्शन है। जिनमें से कुछ तस्वीरें “सबरंग” में दर्शायी गई हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, भारत सरकार के सदस्य सचिव डा. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि कला एक ऐसा माध्यम है जो लोगों को जोड़ती है। वह संस्कृतियों के समागम का माध्यम भी है। कलाकार को किसी सांचे में नहीं बंधा होना चाहिए। उसकी कला में वास्तविकता और समाज का सच होना चाहिए। देश में कलाकारों और बुद्दजीवियों के विचारधारा के आधार पर बंटने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कला किसी रंग को नहीं जानती। इस लिए उसका कोई रंग भी नहीं होता। हमें कला को रंगों में नहीं बांटना चाहिए। वह तो केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है। इसे अभिव्यक्ति का माध्यम ही बने रहने देना चाहिए। डा. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि कायनात काजी की फोटो प्रदर्शनी में भारत की संस्कृति के बखूबी दर्शन हो रहे हैं। उन्होंने भारतीय कारीगरी की परंपरा को जिस तरह से अपनी फोटो प्रदर्शनी में दर्शाया है, वह सराहनीय है। 

जानेमाने फोटोग्राफर और डीडी न्यूज के सीनियर कंसल्टिंग एडीटर श्री विजय क्रांति ने डा. कायनात की फोटग्राफी की बारीकियों को लोगों के समाने रखा। उन्होंने कहा कि आमतौर पर किसी फोटोग्राफर का अपना एक दायरा होता है। चूंकि कायनात काजी ट्रेवेलर हैं इसलिए उनकी फोटोग्राफी का दायरा और फलक विशाल है। यही वजह है कि उनकी फोटोग्राफी में विविधता भी बहुत है। कायनात की फोटोग्राफी में जीवन का हर रंग और हर पहलू मौजूद है। महिला हो या बच्चा, दुख हो या सुख, उत्सव हो या पंरपरा, गांव हो या शहर, दस्तकारी हो या कलाकारी, खानपान हो या जीवन शैली, सभी को उनके कैमरे ने बखूबी कैद किया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानेमाने स्तंभकार श्री अनंत विजय ने कहा कि संवेदनशीलता कला का एक विशिष्ठ गुण है। कलाकार जब तक संवेदनशील नहीं होगा, तब तक न तो वह अपना सामाजिक सरोकार का दायित्व निभा पाएगा और न ही अपनी कला को उत्कृष्ठ बना बना पाएगा। कायनात काजी की फोटोग्राफी में यह संवेदनशीलता दिखाई देती है। उन्होंने अपने फोटोग्राफ में मनोभावों को बड़ी ही सहजता से कैद किया है। उन्होंने कायनात काजी की बच्चे की ली गई एक तस्वीर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हाल ही में एक बच्चे की तस्वीर ने दुनियाभर के लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया था। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के वायरल होते ही यूरोप के तमाम देशों ने शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएं खोल दीं। इस क्रांतिकारी परिवर्तन का श्रेय एक फोटोग्राफर को ही जाता है, जिसने तुर्की के उस मृतक बच्चे आयलान की तस्वीर को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया था।

डा. कायनात काज़ी जितना अच्छा लिखती हैं, उतनी अच्छी फोटोग्राफी भी करती हैं। हिंदी साहित्य में पीएचडी कायनात एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं। राहगिरी (rahagiri.com) नाम से उनका हिंदी का प्रथम ट्रेवल फोटोग्राफी ब्लॉग है। फोटोग्राफी और लेखन के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। वह यायावर और घुमक्कड हैं। एक सोलो फीमेल ट्रेवलर के रूप में वह महज तीन वर्षों में देश-विदेश में करीब 80 हजार किलोमीटर की दूरी नाप चुकी हैं। उनके पास विभिन्न विषयों पर करीब 25 हजार फोटो का कलेक्शन भी है। कायनात की कई फोटो प्रदर्शनियां लग चुकी हैं। वह एमए भी हैं, एएमबीए भी हैं और मॉस कम्यूनिकेशन की भी पढ़ाई की है। कई मीडिया संस्थानों में काम भी कर चुकी हैं। कॉलेज के दिनों में ही उनकी कई कहानियों का आकाशवाणी पर प्रसारण हो चुका है। जल्दी ही उनका कहानी संग्रह भी प्रकाशित होने वाला है। फिलहाल, वह शिव नाडर विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। 

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement