हिसार : आकाशवाणी आकस्मिक प्रस्तोता संघ के बैनर तले लिखित व स्वर परीक्षा को लेकर जारी आंदेालन बुधवार को दोनों पक्षों की सहमति के बाद वापस ले लिया गया। परीक्षा शुरू होने के बाद जब आंदोलनरत कर्मचारियों का जुलूस धरना स्थल से सीआर लॉ कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर पहुंचा तो प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। वहीं पुलिस प्रशासन ने आंदेालनकारियों को धारा 144 का हवाला देते हुए रोक दिया। जिससे आंदोलनकारी में और गुस्सा देखने को मिला।
मामला बढ़ता देख अकाशवाणी महानिदेशालय के अधिकारियों व विभिन्न राज्य व राष्ट्रीय जनसंगठनों के बीच शांति वार्ता के लिए प्रस्तोता संघ के सभी सदस्यों को बुलाया गया, जिसमें नोक झोंक के रास्ते को छोड़कर महानिदेशालय प्रशासन व आकाशवाणी हिसार प्रशासन ने बीच का रास्ता अपनाने के लिए प्रस्तोता संघ को बातचीत के लिए बुलाया। इसमें संघ की ओर से प्रधान डॉ. नरेंद्र चहल, सचिव राजेंद्र दूहन, कोषाध्यक्ष सावित्री देवी, प्रेस सचिव नरेंद्र कौशिक, सदस्य अंजू दुहन व रश्मि तथा महानिदेशालय नई दिल्ली की ओर से डॉ. आरके त्यागी, भीमप्रकाश शर्मा व मेजर तिवारी ने भाग लिया। वहीं सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र मान, हरियाणा कर्मचारी महासंघ के उपप्रधान आनंद स्वरूप डाबला, रिटायर्ड रोडवेज कर्मचारी संघ के उपप्रधान हरिसिंह राठी, संयुक्त कर्मचारी मंच से राज्य प्रधान दलबीर किरमारा, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से जयसिंह पूनिया,
एजुकेशन लिपिक वर्ग के जिला प्रधान देवेंद्र लारा, प्राथमिक शिक्षक संघ से बलजीत पूनिया, राजकीय अध्यापक महासंघ से सुखवीर दूहन, एमपीएचसी के जिला सचिव नूर मोहम्मद, स्वतंत्रा सेनानी अधिकार संगठन के अध्यक्ष गुरेंद्र सहारण व रोहतक से पहुंचे पूर्व निदेशक रामफल चहल विशेषतौर पर उपस्थित रहे। बैठक में विस्तार से विचार विमर्श करते हुए निर्णय लिया गया कि जो कर्मचारी बुधवार को हुई परीक्षा नहीं दे पाए, उनके लिए निदेशालय द्वारा दोबारा परीक्षा का प्रावधान किया जाएगा जिस का प्रस्तोताओं ने विरोध किया और कहा की आगामी तीन जुलाई को 8 राज्यो के प्रस्तोताओं द्वार कैट कोर्ट दिल्ली द्वारा दिए जाने वाले फैसले को आकाशवाणी हिसार सहित सभी केंद्रों को मानना होगा और जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आता, तब तक सभी आंदोलनकारी व सभी प्रस्तौता संघ हिसार के सदस्य यथावत आकाशवाणी में अपना कार्य करते रहेंगे। ज्ञात हो कि देश भर के उद्घोषकों और प्रस्तोताओं के नियमितीकरण का मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है जहाँ अकाशवाणी निदेशालय को इन कर्मियों से सम्बंधित मामलों पर रोक लगी हुई है ।
इसी आधार पर देश भर में 10 से अधिक कैट बेंच ने अकाशवाणी निदेशालय को यथा स्थिति बनाये रखने के निःर्देश जारी किये हैं पर निदेशालय अपनी जिद के चलते देश भर के इन अस्थाई कर्मियों की पुनः परीक्षा आरूढ़ है जो सरासर न्यायालय की अवमानना है। इसी के चलते अकाशवाणी हिसार के प्रस्तोता पिछले 8 दिन से आमरण अनशन पर बैठे थे। प्रेस उपाध्यक्ष शिवानंद वशिष्ठ ने आगे बताया कि अकाशवाणी निदेशालय के अधिकारियों से वार्तालाप के बाद आमरण अनशन पर बैठे डॉ. नरेंद्र चहल, राजेंद दूहन व क्षमा भारद्वाज को अधिकारियों ने जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया। प्रेस प्रवक्ता नरेंद्र धरतीपकड़ व अन्य पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी प्रकार की ज़्यादती को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस आंदोलन में साथ देने के लिए सभी कर्मचारी व सामाजिक संगठनों और भड़ास4मीडिया को धन्यवाद दिया, भड़ास ने पहले भी जंतर मंतर पर आयोजित कैज़ुअल एनाउंसर के आंदोलन को प्राथमिकता के साथ मीडिया में पहुँचाता रहा है।
रिपोर्ट- अशोक अनुराग
कैज़ुअल हिंदी एनाउंसर
अकाशवाणी दिल्ली
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