धर्मशाला (हिमाचल) : प्रदेश में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की लड़ाई तेज करने के लिए मजीठिया वेज बोर्ड क्रियान्वयन संघर्ष मंच का गठन किया गया है। रविंद्र अग्रवाल ने अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली है। बाकी आंदोलनकारियों के नाम फिलहाल गोपनीय रखे गए हैं। मंच ने पूरे प्रदेश के मीडिया कर्मियों से एकजुट होने के आह्वान के साथ ही मुख्यमंत्री से वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की गुहार लगाई है।
इसी क्रम में गत दिनो शीतकालीन प्रवास पर धर्मशाला पहुंचे मुख्ययमंत्री वीरभद्र सिंह को मजीठिया वेज बोर्ड क्रियान्वयन संघर्ष मंच ने एक ज्ञापन सौंपकर प्रदेश के मीडिया संस्थानों की मनमानी और श्रम विभाग की श्रमजीवी पत्रकारों के प्रति उदासीनता बरतने से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों श्रम निदेशक को इस ज्ञापन पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके अलावा यह ज्ञापन प्रदेश के श्रम एवं रोजगार मंत्री एवं पूर्व में पत्रकार रहे मुकेश अग्निहोत्री को भी देकर प्रदेश में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू न करने की मीडिया संस्थानों की मनमानी से अवगत कराया गया।
मंच से जुड़े पांच आंदोलनकारियों ने अपने-अपने संस्थान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल कर दिया है। मंच लगातार श्रम विभाग और प्रदेश सरकार से वेजबोर्ड की सिफारिशें लागू करवाने के लिए दबाव बनाए हुए है। हिमाचल के समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकारों व अन्य कर्मचारियों को इस मंच से जुड़ने की अपीलें भी की जा रही है। मंच न केवल उनकी सहभागिता को गोपनीय रखते हुए लड़ाई तेज करता जा रहा है, बल्कि उनके खिलाफ किसी प्रकार की ज्यादती होने पर कानूनी मदद भी मुहैया कराने के लिए आश्वस्त कर रहा है। इसी कड़ी में एक समाचार पत्र के कर्मी को जबरन ट्रांस्फर पर भेजे जाने को लेकर लोअर कोर्ट में स्टे लेने की सफल कार्रवाई अंजाम दी जा चुकी है। इस कर्मी को बाद में अखबार प्रबंधन को वापस उसकी मर्जी के समाचार केंद्र पर रखना पड़ा। देश में समाचारपत्र कर्मियों के हितों की रक्षा के लिए कानून में काफी प्रावधान हैं। आज तक इन कानूनों की मदद लेने का प्रयास नहीं किया गया है। इसी के चलते समाचार पत्रों के मालिक कर्मियों का बेखौफ उत्पीड़न करते रहे हैं।
sandeep chandel
October 25, 2016 at 3:22 pm
sir gide me for case file against majithya wage board