नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) ने झारखंड के चतरा में एक निजी चैनल के पत्रकार इंद्रेदव यादव की हत्या की कड़ी निन्दा की है। संगठन ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से हमलावरों की गिरफ्तारी के साथ मारे गए पत्रकार के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। एनयूजे से संबद्ध झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (जेयूजे) ने पत्रकार की हत्या के खिलाफ बड़े पैमाने पर आन्दोलन चलाने का ऐलान किया है। घटना की जानकारी मिलते ही जेयूजे के पदाधिकारी चतरा पहुंच गए हैं।
एनयूजे के अध्यक्ष रासबिहारी ने बताया 12 मई की रात लगभग पौने नौ बजे अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर 35 वर्षीय पत्रकार इंद्रदेव यादव उर्फ अखिलेश प्रताप यादव की हत्या कर दी। यादव बिहार के गया जिला के बाराचट्टी का रहने वाला थे। फिलहाल चतरा शहर के नगमा मोहल्ले में रह रहे थे। पिछले पांच वर्षो से वे पत्रकारिता से जुड़े हुए थे। उन्होंने बताया कि किसी घटना की जानकारी लेने के लिए रात को यादव मोटरसाइकिल से बस पड़ाव की ओर जा रहे थे। घर से लगभग तीन सौ गज की दूरी पर स्थित देवरिया पंचायत भवन के समीप पहुंचने पर घात लगाए अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी। उन्हें दो गोलियां लगी जिससे घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
रासबिहारी ने कहा कि झारखंड में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब पत्रकारों को भी निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार करे। यह भी हैरानी की बात है कि अपराधी ताबड़तोड़ गोलियां चलाने के बाद फरार हो गए। एनयूजे ने झारखंड सरकार से पत्रकार के परिवारीजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष रजत कुमार गुप्ता, महासचिव शिव कुमार अग्रवाल और एनयूजे कार्यकारिणी के सदस्य राजीव नयनम ने पत्रकार यादव की हत्या की कड़ी निन्दा की है। जेयूजे के पदाधिकारियों का कहना है कि यह राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का सबसे बड़ा उदाहरण है। पत्रकार की हत्या को लेकर झारखंड के पत्रकारों में भारी नाराजगी है। इस मसले पर राज्यव्यापी आन्दोलन किया जाएगा।