दैनिक जागरण की महिमा अपरंपार है. यहां जो हो जाए, समझो कम ही है. कभी दलित नेता मायावती के बारे में यहां अभद्र छाप दिया जाता है तो कभी किसी दूसरी स्त्री को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर दी जाती है. दैनिक जागरण को इसी कारण महिला विरोधी अखबार भी कहा जाता है. यह अखबार अपनी सोच और चेतना में सामंतवादी है. महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों को लेकर इस अखबार का रवैया लगातार नकारात्मक रहता है.
आज 6 सितम्बर को चरखी दादरी (हरियाणा) के पुलआउट पर एक खबर छपी है. दैनिक जागरण में छपी इस खबर में नर्सों का जो नाम लिखा गया है, उसमें किसी को ‘परकटी’ तो किसी को किसी अन्य पुरुष के नाम से जोड़कर चिन्हित किया गया है. विकृत मानसिकता की इस रिपोर्टिंग को दैनिक जागरण में छपा देखकर लोग स्तब्ध हैं.
ये पूरी खबर जिसने भी लिखी और एडिट की है, उन दोनों को फौरन नौकरी से निकाल दिया जाना चाहिए. दैनिक जागरण प्रबंधन को भी चाहिए कि अब वो कम से कम सेलरी देकर अधिक से अधिक शोषण करने की मानसिकता से बचते हुए बेहतर सेलरी में पढ़े-लिखे लोगों को रखे जिससे अखबार की गुणवत्ता नष्ट न हो जाए. नीचे पढ़िए दैनिक जागरण की घटिया रिपोर्टिंग….
इस खबर की हेडिंग में हिंदी अंग्रेजी को मिक्स कर भाषा का कैसा वीभत्स काकटेल बनाया गया है… उसके बाद पूरी खबर पढ़ते जाइए… न व्याकरण सही न वाक्य विन्यास…. उपर से नर्सों के नाम के आगे घटिया चरित्र चित्रण…. शेम शेम दैनिक जागरण….
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https://www.youtube.com/watch?v=UmK1ihBhbN0
Aamir Kirmani
September 9, 2018 at 1:51 pm
वाकई दैनिक जागरण की महिमा अपरंपार है।
हरदोई में पिछले महीने एक ब्लाक प्रमुख की गाड़ी पर बदमाशों ने फायरिंग की थी, जिसमें वे बाल बाल बच गए थे, अगले दिन जागरण में खबर छपी-
ब्लाक प्रमुख पर जानलेवा हमला, “गाड़” पर दो गोलियां मारीं
बेचारे प्रमुख जी कई दिन शर्मिंदा रहे और लोगों को सफाई देते देते परेशान भी रहे कि उनका पिछवाड़ा सुरक्षित है।