: मारेंगे और रोने भी नहीं देंगे की उक्ति चरितार्थ : भीड़ को उकसाने व सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप : एक पत्रकार के भाई व पिता को भी बनाया अभियुक्त : 12 नामजद व 60-65 अज्ञात पर प्राथमिकी : पुलिस की कार्रवाई से लोगों में आक्रोश :
धनबाद जिला के राजगंज थाना के तत्कालीन थानेदार संतोष कुमार रजक की पिटाई से घायल जमादार उदय शंकर सिंह की मौत के मामले में जहां पुलिस अभी तक संतोष रजक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने में नाकाम रही. वहीं लाश को लेकर सड़क जाम कर रहे परिजनों के मामले में राजगंज के तीन पत्रकारों समेत 60-65 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करा दी है. 12 लोगों को नामजद किया गया है. यद्यपि मृतक की पत्नी ने मृत्यु से पहले ही पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई का आवेदन दे चुकी है.
थानेदार संतोष कुमार रजक के लिखित बयान पर 27 सितंबर को ही राजगंज के संभ्रांत लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. राजगंज थाना कांड संख्या 55/15 में धारा 143, 145, 147, 149, 283, 332, 341, 353 भादवि के तहत पत्रकार सुबोध चौरसिया, मनोज सिंह व आशीष अग्रवाल उर्फ बिट्टू व उनके पिता शिव प्रसाद अग्रवाल, भाई संदीप अग्रवाल के साथ काजल भगत, पवन कुमार, कुंदन चौरसिया, सोनू खगड़िया, रमेश कुमार चौरसिया, सुलतान शेख व रवि कुशवाहा को नामजद किया गया है.
उन पर आरोप है कि भीड़ को इन लोगों ने पुलिस के खिलाफ उकसाया और सड़क जाम करवाया. सरकारी काम में बाधा डाला. सीओ व डीएसपी द्वारा जाम हटाने का अनुरोध किया गया, परंतु जाम नहीं हटाया. भीड़ और भी उग्र हो गयी. भीड़ द्वारा थाना प्रभारी बरवाअड्डा सुशील कुमार सिंह व ओपी प्रभारी अंगारपथरा श्रीनिवास पासवान पर हमला कर दिया गया. इस पर सीओ द्वारा भीड़ को तितर-बितर करने का आदेश दिया गया पर भीड़ नहीं हटी. तब डीएसपी ने सख्ती बरतते हुए जीटी रोड से करीब 11 बजे जाम हटाया.