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दिल्ली

आईआईएमसी के प्रोफेसर आनंद प्रधान हास्टल वार्डन के प्रशासनिक दायित्व से मुक्त

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन यानि आईआईएमसी में इन दिनों महानिदेशक केजी सुरेश के चमड़े का सिक्का चल रहा है. शिक्षकों से उनकी सीधी भिड़ंत है लेकिन सत्ता शह के बल पर वह लगातार अपनी मनमानी चलाते जा रहे हैं. ताजी सूचना के मुताबिक प्रोफेसर आनंद प्रधान को हॉस्टल वॉर्डन के प्रशासनिक कार्यों के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है. चौदह वर्षों से आईआईएमसी से जुड़े और छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय आनंद प्रधान फिलवक्त बतौर एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं.

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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन यानि आईआईएमसी में इन दिनों महानिदेशक केजी सुरेश के चमड़े का सिक्का चल रहा है. शिक्षकों से उनकी सीधी भिड़ंत है लेकिन सत्ता शह के बल पर वह लगातार अपनी मनमानी चलाते जा रहे हैं. ताजी सूचना के मुताबिक प्रोफेसर आनंद प्रधान को हॉस्टल वॉर्डन के प्रशासनिक कार्यों के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है. चौदह वर्षों से आईआईएमसी से जुड़े और छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय आनंद प्रधान फिलवक्त बतौर एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं.

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आनंद प्रधान ने सात शिक्षकों के साथ मिलकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव को पत्र भेजकर केजी सुरेश की मनमानी का जिक्र किया था जिससे सुरेश नाराज हो गए. प्रधान ने यह भी कहा था कि केजी सुरेश ने मीडिया में जो बयान दिया उससे उनका अपमान हुआ और प्रतिष्‍ठा को ठेस पहुंची. शिक्षकों ने पत्र में केजी सुरेश पर एक पक्षीय और अपारदर्शी प्रशासन चलाने का आरोप लगाया. उधर, केजी सुरेश ने सारे आरोपों का सिरे से खंडन किया.

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