मीडियाकर्मियों का बकाया देने के लिए 1800 वर्गगज से अधिक की भूमि की नीलामी को वैध ठहराया….
उच्चतम न्यायालय ने मित्र प्रकाशन के मालिकों को तगड़ा झटका दिया है और हाशिमपुर रोड स्थित इनके आवास की नीलाम हुई 1800 वर्गगज से अधिक भूमि की नीलामी को वैध घोषित कर दिया है. जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने प्रवेश कुमार सचदेवा की विशेष अपील स्वीकार करते हुए सचदेवा के पक्ष में हुई नीलामी को बहाल कर दिया है और इलाहाबाद हाईकोर्ट के २३ मार्च 2006 के आदेश को निरस्त कर दिया है.
गौरतलब है कि मित्र प्रकाशन से माया, मनोरमा, मनोहर कहानियां, सत्यकथा और अंग्रेज़ी की द प्रोब मैगज़ीन प्रकाशित होती थीं। आदेश में कहा गया है कि अलोक मित्रा, अशोक मित्रा, दीपक मित्रा, मनमोहन मित्रा और मधुरिमा घोष का मित्र प्रकाशन लिमिटेड और माया प्रेस लिमिटेड के नाम से व्यापर है जो घटे में चला गया और कर्ज़ में डूब गया. नतीजतन कर्मचारियों का वेतन बकाया हो गया और कम्पनी बंद होने का मुआवजा भी उन्हें नहीं मिला.
कर्मचारियों ने श्रम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और 56 लाख बकाये का उनके पक्ष में फैसला आया. आरसी जारी होने पर जब वसूली नहीं हुई, तब प्लाट नम्बर 4-ए/4 (14ए), हाशिमपुर रोड का 1877.88 वर्ग गज जमीन को जप्त करके उसकी नीलामी 17 नवम्बर 2004 को की गयी, जो सबसे ज्यादा 70 लाख की बोली ल्गाने वाले प्रवेश कुमार सचदेवा के पक्ष में रही.
2005 में सचदेवा ने यह भूमि फ्री होल्ड भी करा ली. सचदेवा ने इसका एक हिस्सा पवन कुमार अग्रवाल को बेच दिया, जो इस अपील में एक अपीलार्थी हैं. इस बीच मित्रा परिवार ने एक और देय रकम 56 लाख और नीलामी की रकम 70 लाख के अंतर यानी 14 लाख रकम अर्जी देकर वापस ले ली और दूसरीओर सक्षम प्राधिकारी यहाँ के नीलामी के विरुद्ध अपील भी दाखिल कर दी.
21नवम्बर 2005 को सक्षम प्राधिकारी ने अपील स्वीकार करके सचदेवा के पक्ष में हुई नीलामी को रद्द कर दिया. इसके बाद दाखिल याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 मार्च 2006 को खारिज कर दिया. इसके बाद सचदेवा व अग्रवाल ने उच्चतम न्यायालय में यह अपील दखिल की.
फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सचदेवा व अग्रवाल की याचिका खारिज करके इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानून की नजर में मूल तथ्यों और अभिलेखों की अनदेखी की है. इसलिए उच्चतम न्यायालय अपील स्वीकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के 23 मार्च 2006 के आदेश को रद्द करता है.