मुंबई की विशेष मकोका अदालत ने जागरण समूह के अखबार मिड-डे के वरिष्ठ पत्रकार जे डे हत्याकांड में महिला पत्रकार जिगना वोरा सहित 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिया। 11 जून 2011 को पत्रकार डे की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
विशेष न्यायाधीश एएल पंसारे ने सभी आरोपियों को आरोप पढ़ कर सुनाया। इस पर सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया। कोर्ट ने उन पर भगोड़ा गैंगस्टर छोटा राजन द्वारा चलाए जा रहे अंडरग्राउंड गैंग का हिस्सा होने के अलावा साजिश रचने और डे की हत्या करने का आरोप तय किया है। अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका, भारतीय दंड संहिता और अन्य कानून की धाराओं के तहत आरोप तय किए।
जिगना वोरा पर मारे गए पत्रकार डे की मोटरसाइकिल का नंबर और घर का पता बताने जैसी प्रमुख सूचनाएं छोटा राजन को देने का आरोप है। पुलिस ने नवंबर 2011 में वोरा को इस मामले में गिरफ्तार किया था। जुलाई 2012 में उसे जमानत मिल गई थी। पुलिस ने दिसंबर 2012 में मामले में गिरफ्तार आरोपियों सातियाह कालिया, अभिजीत शिंदे, अरुण डाके, सचिन गायकवाड़, अनिल वाघमोडे, निलेश शेंडगे, मंगेश अगावाने, विनोद असरानी, पॉलसन जोसेफ और दीपक सिसोदिया के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। बाद में वोरा के खिलाफ अलग से आरोपपत्र दाखिल किया था।
पुलिस के मुताबिक, छोटा राजन अपने खिलाफ डे के लिखे दो रिपोर्टों से नाराज था और उसने इसका बदला लेने के लिए अपने गुर्गों को पत्रकार की हत्या करने का आदेश दिया था। 3055 पन्नों के आरोपपत्र में कहा गया है कि पेशागत प्रतिद्वंद्विता को लेकर वोरा ने छोटा राजन को डे की हत्या करने के लिए उकसाया। मामले के एक आरोपी विनोद असरानी की मौत हो चुकी है, इसलिए उसके खिलाफ केस बंद कर दिया गया। छोटा राजन और एक अन्य साजिशकर्ता नारायण बिष्ट इस मामले में वांछित हैं।