महाराष्ट्र में पत्रकार सुरक्षा कानून बनने की संभावना अब बढी है. राज्य सरकार ने पत्रकार सुरक्षा बिल लाने का निर्णय लिया है. इसी हेतु बिल का डॉफ्ट बनाया गया है जो विपक्ष एवं पत्रकार हमला विरोधी कृती समिती को भेजा गया है. विपक्ष और हमला विरोधी समिती एक महीने के अंदर इस ड्राफ्ट का अध्ययन करेगी और इस पर सुझाव देगी. ड्राफ्ट पर सुझाव के लिए एक महीने का अवधि देने से नागपुर मे चल रहे हिमकालीन अधिवेशन में बिल पेश होने की कोई गुंजाईश नहीं दिख रही. लेकिन अगले बजेट अधिवेशन में पत्रकार सुरक्षा बिल ला जाने के आसार अब बढे हैं.
सरकार के बनाए इस ड्राफ्ट में पत्रकार की व्याख्या तय की गई है जो 1955 के श्रमिक पत्रकार कानून में की गई व्याख्या के अनुरूप है. इस ड्राफ्ट के मुताबिक अगर पत्रकार पर कोई हमला करता हे और यह साबित होने के बाद कि उसने पत्रकार पर ही हमला किया है, हमलावरों को तीन साल की शिक्षा और पचास हजार के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. लेकिन इस कानून का गलत इस्तेमाल किया गया तो पत्रकार को भी एक साल की शिक्षा का प्रावधान किया गया है.
अगर यह कानून बनता है तो पत्रकार पर हमला कॅग्नजेबल और नॉन बेलेबल होगा. हमलावरों ने प्रॉपर्टी का अगर नुकसान किया तो उसकी नुकसान भरपाई दुगुना देनी पडेगी. इस ड्राफ्ट का पत्रकार हमला विरोधी कृती समिती के अध्यक्ष एस.एम.देशमुख ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ बदलाव की जरूरत है और हम सरकार को इसका आग्रह करेंगे. सरकार ने कानून बनाने की दिशा में एक कदम आगे रखा है, इसका महाराष्ट्र के पत्रकारों ने भी स्वागत किया है. अगर यह कानून बनता है तो महाराष्ट्र देश का पहला राज्य होगा जहां पर पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया गया है