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महाराष्ट्र

राष्ट्रपति बोले- मीडिया वाले पतन रोकने के लिए खुद लागू करें आचार संहिता

पुणे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को मीडिया को खुद को सुधारने के लिए एक तंत्र बनाने पर जोर दिया ताकि इसके पतन को रोका जा सके। स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति के मस्तिष्क में ‘पेड न्यूज’ का मुद्दा मंडरा रहा था। राष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया का नियंत्रण और नियमन बाहरी स्रोत से नहीं आ सकता बल्कि यह इसी व्यवस्था से अंदर से आएगा। ऐसा खुद लागू किए गए आचार संहिता से होगा।

<p>पुणे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को मीडिया को खुद को सुधारने के लिए एक तंत्र बनाने पर जोर दिया ताकि इसके पतन को रोका जा सके। स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति के मस्तिष्क में 'पेड न्यूज' का मुद्दा मंडरा रहा था। राष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया का नियंत्रण और नियमन बाहरी स्रोत से नहीं आ सकता बल्कि यह इसी व्यवस्था से अंदर से आएगा। ऐसा खुद लागू किए गए आचार संहिता से होगा।</p>

पुणे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को मीडिया को खुद को सुधारने के लिए एक तंत्र बनाने पर जोर दिया ताकि इसके पतन को रोका जा सके। स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति के मस्तिष्क में ‘पेड न्यूज’ का मुद्दा मंडरा रहा था। राष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया का नियंत्रण और नियमन बाहरी स्रोत से नहीं आ सकता बल्कि यह इसी व्यवस्था से अंदर से आएगा। ऐसा खुद लागू किए गए आचार संहिता से होगा।

मुखर्जी ने लोकतंत्र में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों को हर हाल में देश की जमीर का रखवाला बनना होगा। मीडिया को एक ऐसे लोकतांत्रिक गणराज्य के पालन पोषण के निरंतर प्रयास में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी जो अपने सभी नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए और बुनियादी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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लोकतंत्र सिर्फ जनता की सरकार नहीं, यह जनता के लिए और जनता के द्वारा है। इसे केवल लगातार बातचीत के जरिये ही लागू किया जा सकता है। मीडिया न केवल लोगों को जानकार बनाता है बल्कि नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने के क्षेत्र में विचारों और विकल्पों को पेश करने का बहुत ही अहम काम करता है। राष्ट्रपति ने यहां सकाल मीडिया समूह के प्रमुख प्रताप पवार को पुणेभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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