भोपाल : मैं समझता हूं कि पत्रकारिता में सीधे दखल रखने वाला मध्य प्रदेश का कोई भी ऐसा पत्रकार नहीं होगा जो महेश बाग़ी के तेवरों से वाक़िफ़ ना हो…. उनके लेखन में पत्रकारिता की उस आबरु की झलक दिखती थी, जिसका पत्रकारिता के मंचों और नारों में सिर्फ ज़िक्र होता है….और जिसकी अपेक्षा समाज एक पत्रकार से करता है…
स्वर्गीय महेश बागी
महेश बागी ने लगभग सभी बड़े बैनरों में काम किया लेकिन अपनी फक्कड़ मिज़ाजी और स्वाभिमान की क़ीमत पर वो कहीं टिक नहीं पाए…. मैं उन खुशनसीब लोगों में से हूं जिसे महेश बाग़ी जैसे बहुत ईमानदार और शानदार पत्रकार का साथ मिला…. महेश बाग़ी का साथ पाकर में अपने आप को गौरांवित महसूस करता रहा….बल्कि यूं कहें कि मुझे इस बात का घमंड था कि महेश बाग़ी जैसा नेक दिल पत्रकार मेरा दोस्त है…. महेश बाग़ी ने कभी अपने उसूलों से समझोता नहीं किया…. यही वजह है कि आज वो मुफलिसी की हालत में हमारा साथ छोड़ गए….आज उनके परिवार को सहयोग की सख्त ज़रुरत होगी…
वो चाहते तो और लोगों की तरह पत्रकारिता को प्रोफेशन के तोर पर कर सकते थे, लेकिन उनहोंने पत्रकारिता मिशन के रूप में की….जिसका खामियाज़ा अब उनके परिवार को भोगना होगा… मुझे इस बात का हमेशा अफ़सोस रहेगा कि जो साथी पत्रकारों पर कॉलम लिखते हैं उनकी नज़र इस हुनर बाज़ पर नहीं पड़ी… शायद इसलिए कि वह केवल बड़े बैनर में काम करने वालों को ही महत्व देते हैं….
जैसा नाम वैसा काम…. ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है… भाषा – शैली पर ऐसी पकड़ थी कि जवाब नहीं…. मैं दावे के साथ यह बात कह रहा हूं कि पत्रकारिता जगत में ऐसा सूरमा अब पैदा होने वाला नहीं है…. मुझे उनका यूं अचानक चले जाना बहुत खल रहा है…… यह मेरी व्यक्तिगत छति है, इसकी भरपाई दुनियां की कोई दौलत नहीं कर सकती….
आप बहुत याद आओगे “बाग़ी जी”….
हार्दिक श्रद्धांजलि के साथ….
आपका
अरशद अली खान
स्वर्गीय बाग़ी को पत्रकार भवन में दी श्रद्धांजलि
प्रखर और प्रतिष्ठित पत्रकार महेश बागी के असमयिक निधन पर मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के तत्वावधान में पत्रकार भवन में एक शोक सभा अपरांह 4 बजे रखी गई। जिसमें उनके साथ काम कर चुके और उनके अधीनस्थ रहे पत्रकारों के साथ शहर के कई पत्रकार उपस्थित रहे। इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों ने स्व. बागी के साथ बिताए गए समय के संदर्भ में अपने अनुभव साझा किए तथा स्व.बागी की विशेषताओं को विशेषरूप से रेखांकित किया। श्रद्धांजली कार्यक्रम में पत्रकार साथी सर्वश्री नीवन आनंद जोशी, गणेश पांडे, भगवान उपाध्याय, संजय शर्मा, शब्बीर कादरी, अनुराधा त्रिवेदी, शिशुपाल सिंह तोमर, दिलीप भदौरिया, अरशद अली खान, उदय मौर्या, दिनेश निगम, डा. राज, राजेन्द्र जैन, आलोक गुप्ता,प्रेम कुशवाह,रामानंद दिवेदी, जतिन मिंडोरे, दया प्रसाद, रमेश निगम, बलभद्र मिश्रा, उमाशरण श्रीवास्तव, महफूज अली, अनिल श्रीवास्तव, सरल भदौरिया, राजेन्द्र महेश्वरी,मोहम्मद इकराम और उज्जैन से उपस्थित हुए अनन्य साथियों में से सर्वश्री प्रकाश दिवेदी , प्रशांत अनजाना, ललित जैन, संजय कुंडल उन्हेल और राजधानी में कार्यरत साथी विनोद उपाध्याय विशेषरूप से उपस्थित थे।