Connect with us

Hi, what are you looking for?

मध्य प्रदेश

उज्जैन सिंहस्थ घोटाला : ऐसे-ऐसे कारनामे कि आप दातों तले उंगली दबा लेंगे

भोपाल : विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने मप्र में हुए सिंहस्थ घोटाले की डीटेल्स जारी की हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि कुल 5000 करोड़ के सिंहस्थ आयोजन में करीब 3000 करोड़ का घोटाला किया गया है। 10 रुपए में बिकने वाली चीज को 20 रुपए में किराए पर लिया गया। हर चीज के नाम तीन गुने तक चुकाए गए। दागी अफसरों की पोस्टिंग की गई और विज्ञापन के नाम पर 600 करोड़ का घोटाला किया गया। अमेरिका में जहां से सिंहस्थ स्नान के लिए एक भी एनआरआई नहीं आया, 180 करोड़ का विज्ञापन किया गया।  इतने पैसे में तो भारतीय मूल के अमेरिकियों को फ्री हवाईयात्रा करवाकर सिंहस्थ दर्शन कराया जा सकता था। पढ़िए इनवेस्टीगेशन रिपोर्ट जो मीडिया के सामने सार्वजनिक की गई है :

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>भोपाल : विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने मप्र में हुए सिंहस्थ घोटाले की डीटेल्स जारी की हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि कुल 5000 करोड़ के सिंहस्थ आयोजन में करीब 3000 करोड़ का घोटाला किया गया है। 10 रुपए में बिकने वाली चीज को 20 रुपए में किराए पर लिया गया। हर चीज के नाम तीन गुने तक चुकाए गए। दागी अफसरों की पोस्टिंग की गई और विज्ञापन के नाम पर 600 करोड़ का घोटाला किया गया। अमेरिका में जहां से सिंहस्थ स्नान के लिए एक भी एनआरआई नहीं आया, 180 करोड़ का विज्ञापन किया गया।  इतने पैसे में तो भारतीय मूल के अमेरिकियों को फ्री हवाईयात्रा करवाकर सिंहस्थ दर्शन कराया जा सकता था। पढ़िए इनवेस्टीगेशन रिपोर्ट जो मीडिया के सामने सार्वजनिक की गई है :</p>

भोपाल : विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने मप्र में हुए सिंहस्थ घोटाले की डीटेल्स जारी की हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि कुल 5000 करोड़ के सिंहस्थ आयोजन में करीब 3000 करोड़ का घोटाला किया गया है। 10 रुपए में बिकने वाली चीज को 20 रुपए में किराए पर लिया गया। हर चीज के नाम तीन गुने तक चुकाए गए। दागी अफसरों की पोस्टिंग की गई और विज्ञापन के नाम पर 600 करोड़ का घोटाला किया गया। अमेरिका में जहां से सिंहस्थ स्नान के लिए एक भी एनआरआई नहीं आया, 180 करोड़ का विज्ञापन किया गया।  इतने पैसे में तो भारतीय मूल के अमेरिकियों को फ्री हवाईयात्रा करवाकर सिंहस्थ दर्शन कराया जा सकता था। पढ़िए इनवेस्टीगेशन रिपोर्ट जो मीडिया के सामने सार्वजनिक की गई है :

Advertisement. Scroll to continue reading.

5 करोड़ रूपये मूल्य की स्वास्थ्य सामग्री के लिए 60 करोड़ रूपये चुकाये गये।

खरीदी रेट सरकारी रेट
रबर हैण्ड ग्लब्ज 1,890 150
एक्सरे लैड फिल्म ब्यूवर सिंगल सेक्सशन 11,250 4500
एक्सरे लैड फिल्म ब्यूवर डबल सेक्सशन 22,500 8000
एक्सरे लैड फिल्म ब्यूवर ट्रिपल सेक्सशन 33,750 11,500
स्टेथो स्कोप 7000 93
ग्लूकोमीटर विथ स्ट्रिप 1450 395
स्पंज होल्डिंग फोरसेप 2250 96
ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर (50 बैग्स) 3,69000 97,256
सिरिज इंफ्यूजन पम्प 38,500 24,489
यूरीन एनालाईजर 95,400 29,990
डोलन कोच विथ रिमोट कंट्रोल 1,95000 10,6000
इलेक्ट्रोरेट एनालाईजर 1,90,800 81,000
आटोमेटेड सेल काउंटर 5 पार्ट 12,99000 7,90,000
ब्लैड कलेक्शन मॉनिटर 1,52000 59,102
एम्बू बैग एडल्ट सिलिकॉन 1750 379
एम्बू बैग चाईल्ड सिलिकॉन 1750 340
एम्बू बैग इनफेंट 1750 340
हॉस्ट्रोक्टोमी इंस्टूमेंट सेट 2,69,000

Advertisement. Scroll to continue reading.

3500 रुपए के कूलर का किराया 6500 रुपए

बाजार में 3500/- रूपये की कीमत में जो कूलर उपलब्ध हो सकते थे, स्थानीय नगर निगम ने उसे 5600/- रूपये प्रति कूलर किराये पर लगवाया। सिंहस्थ अवधि के लिए मंगवाये गये कूलर लागत से डेढ़ गुना किराया वसूलने के बाद भी वे सप्लायर के हो गये। विभिन्न स्थानों पर 528 कूलर किराये पर लगे थे, जिनका करीब 30 लाख रूपये किराया बना, जबकि इतनी धनराशि में निगम 850 कूलर स्वयं खरीद सकता था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बनाए 40 हजार शौचालय, लिखे 90 हजार

समूचे आयोजन स्थल, साधुओं की छावनियों में 35 हजार शौचालय, 15 हजार बाथरूम व 10 हजार मूत्रालयों का निर्माण होना था, इसके लिए 18 अगस्त, 2015 को टेंडर क्रमांक 1415 निकाला गया, जो मात्र 36 करोड़ रूपये का था। इसमें लल्लूजी एंड सन्स, सुलभ और 2004 के सिंहस्थ में अधूरा काम छोड़कर भागने वाले ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार सिंटेक्स ने भी भाग लिया। 36 करोड़ रूपयों का यह ठेका 117 करोड़ रूपयों का कैसे हो गया?

Advertisement. Scroll to continue reading.

कागजी तौर पर 90,341 शौचालयों का निर्माण बिना किसी तरह के फिजीकल वेरिफिकेशन के करवाया गया। यदि पक्के शौचालयों का निर्माण कराया जाता है तो उसकी लागत लगभग 12 हजार रूपये प्रति शौचालय आती है, फिर आश्चर्य की बात है कि एक अस्थायी शौचालय के निर्माण में 13 हजार रूपये खर्च कैसे हुए।

सरकार के दावों में 90,341 शौचालयों का निर्माण कराया गया है, जबकि जमीनी हकीकत में मात्र 40 हजार शौचालय ही बने।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उज्जैन संभाग के आयुक्त रवीन्द्र पस्तौर द्वारा प्रत्येक शौचालय, बाथरूम व मूत्रालय पर नंबरिंग करने के जारी आदेशों की अनदेखी की गई?

सिंहस्थ के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह और मुख्यमंत्री के नौ-रत्नों में एक वरिष्ठ आईएएस विवेक अग्रवाल दक्षिण भारत से बगैर टेंडर 25 करोड़ रूपयों की लेट्रीन-बाथरूम का ढांचा लेकर आये थे और इस बड़ी कमीशनखोरी ने ही संभागायुक्त के आदेश को हवा में उड़ा दिया। 36 करोड़ रूपये के शौचालय 117 करोड़ रूपये के हो गये।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्याऊ और कचरा प्रबंधन घोटाला

इसी प्रकार नगर निगम ने आर-ओ युक्त 750 प्याऊ का निर्माण 2.50 लाख रूपये की प्रति प्याऊ लागत से करवाया और प्रतिदिन की मान से 40 करोड़ रूपयों में कचरा प्रबंधन का ठेका दिया, इसमें भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

5 करोड़ का पुल 15 करोड़ भुगतान

निगम के तमाम पुलों के निर्माण में हर एक के रेट रिवाईज किये गये, जबकि लोहा और सीमेंट के दाम कम थे। रिश्वत खाकर हर मामले में सरकार की गलती बताकर देरी का कारण बताया गया और कीमतें दोगुना कर दी गईं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

5 करोड़ रूपये में नदी पर बनने वाला पुल 15 करोड़ रूपयों में बना

जीरो पाइंट के पुल ठेकेदार नरेन्द्र मिश्रा को 01 करोड़ रूपयों का अतिरिक्त भुगतान यह कहकर करवाया गया कि, उसने रेल्वे के मापदंडों के अनुसार पुताई की है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

खेतों की लेवलिंग के नाम पर 10 करोड़ गप

मेला क्षेत्र में किसानों के लिए खेतों के ठेके पूर्व में ही हो गये थे। खेतों की लेवलिंग का काम बताकर इसके ठेकेदार कोमल भूतड़ा को 10 करोड़ रूपयों का भुगतान किया गया। काम कहां, क्या और कितना हुआ इसकी जानकारी देने के लिए आज भी कोई व्यक्ति अधिकृत नहीं है?

Advertisement. Scroll to continue reading.

66 करोड़ का अस्पताल 93 करोड़ भुगतान

मेसर्स यशनंद इंजीनियरिंग एवं कान्टेक्टर को 28 जुलाई, 2014 को 450 बेड के अस्पताल का ठेका 66.44 करोड़ रूपयों में 31 दिसम्बर, 2015 तक की अवधि में पूर्ण करने के साथ दिया गया जो पूरा नहीं हो सका। गृह निर्माण मंडल के भ्रष्ट अधिकारी इसका खर्च अब 93.10 करोड़ रूपये बता रहे हैं, इनकी बेईमानी, मनमानी और भ्रष्टाचार की वजह से शासन को 27 करोड़ रूपयों का चूना लगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

तालाब की सफाई में घोटाला

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के मुख्य कनेक्टिंग तालाब की सफाई को लेकर भी मेसर्स स्टील इंजीनियरिंग, फरीदाबाद की एक कंपनी को ठेका दिया गया था, इस कार्य की अनुमानित लागत 54 लाख रूपये थी, सफाई कार्य मशीनों की बजाय मजदूरों से कराया गया, इंजीनियरों की सांठगांठ से ठेकेदार ने ऊपरी काम करके भुगतान प्राप्त कर लिया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पीडब्ल्यूडी के दागी अफसर को सौंपी जिम्मेदारी

सिंहस्थ के दौरान 600 करोड़ रूपयों के निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग की जबावदेही लोक निर्माण विभाग के उसी कार्यपालन यंत्री पी.जी. केलकर को क्यों सौंपी गई, जिसे मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में घटिया सड़क निर्माण कराने का दोषी पाया गया था और उसके वेतन से 42 लाख रूपयों की वसूली भी हो रही है। यह भी कहा जा रहा है कि केलकर को उज्जैन में इस जबावदारी को निभाने में कलेक्टर उज्जैन कवीन्द्र कियावत की भूमिका रही है, क्योंकि जब कियावत सीहोर कलेक्टर थे, तब उसी अवधि में केलकर का यह घोटाला सामने आया था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मंत्रीजी के दामाद की भूमिका संदिग्ध

मेला अधिकारी आईएएस अविनाश लवानिया जो प्रदेश काबिना मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद हैं, इस समूचे भ्रष्टाचार में उनकी भूमिका क्या है। सीएम के भांजे साहब भी जद में मुख्यमंत्री के भांजा-दामाद और उज्जैन नगर निगम के उपायुक्त वीरेन्द्रसिंह चौहान की इस दौरान पाई गई संदिग्ध भूमिका को लेकर प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने नोटशीट जारी कर तत्काल प्रभाव से उनके स्थानांतरण किये जाने हेतु कहा था, आखिरकार किसके दबाव में उनका स्थानांतरण न करते हुए सिर्फ उनके वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाई गई?

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन दागी अफसरों को भी मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

सिंहस्थ की महत्वपूर्ण जबावदारी संभालने वालों में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री पी.जी. केलकर के अतिरिक्त उज्जैन विकास प्राधिकरण के मुख्य पदाधिकारी शैलेन्द्रसिंह, चंद्रमौली शुक्ला, शोभाराम सोलंकी, के.सी. भूतड़ा सहित करीब एक दर्जन वे दागी अफसर शामिल हैं, जिनके विरूद्व गंभीर घोटालों/भ्रष्टाचार को लेकर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज हैं, इन्हें किन विशेष योग्यताओं के तहत बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गईं?

Advertisement. Scroll to continue reading.

विज्ञापनों पर 600 करोड़ लुटाए, 180 करोड़ अमेरिका के नाम पर गप

प्राप्त जानकारी के अनुसार (जनसंपर्क एवं माध्यम, सूचना का अधिकार कानून-2005 के तहत जानकारी नहीं दे रहा है।) सिंहस्थ के नाम पर प्रदेश सरकार ने करीब 600 करोड़ रूपये मुख्यमंत्री की फोटो के साथ निर्लज्जतापूर्वक उनकी ब्रांडिंग के लिए बजट राशि का आवंटन किया था, जिस तरह से उन्होंने देश-विदेश के विभिन्न हवाई अड्डों, अन्य राज्यों और देश भर में चलने वाली रेल गाडि़यों/रेल्वे स्टेशनों आदि स्थानों पर प्रचार-प्रसार करवाया, हालांकि उसके बावजूद भी अपेक्षा के अनुरूप धर्मावलंबियों ने इस आयोजन में हिस्सा नहीं लिया, उसके बावजूद भी कहा जा रहा है कि 180 करोड़ रूपये का अमेरिका में, जहां 4000 भारतीय मूल के निवासी भी नहीं हैं, ब्रांडिंग व प्रचार-प्रसार हेतु भुगतान किया गया है, सरकार स्पष्ट करे?

Advertisement. Scroll to continue reading.

24 को मेला खत्म हुआ, 26 को आडिट भी हो गया

सिंहस्थ का समापन हालाकि 21 मई, 2016 को हुआ, उसके बाद राज्य सरकार ने साधु-संतो और जनता की सुविधा हेतु उसमें तीन दिन का इजाफा कर विधिवत समापन 24 मई, 2016 को कराया। आखिरकार जनसंपर्क विभाग को इतनी कौन सी जल्दबाजी थी, जिसमें उसने 26 जून, 2016 यानि एक माह के भीतर महालेखाकार की टीम को बुलाकर उसका ऑडिट भी करवा लिया और प्रमाण पत्र भी हासिल कर लिया?

Advertisement. Scroll to continue reading.

बीमा घोटाला: 206 पोस्टमार्टम हुए, बीमा भुगतान किसी को नहीं

सिंहस्थ के दौरान दो माह के लिये प्रत्येक आने-जाने वाले नागरिकों का 2 लाख रूपये का बीमा कराया गया था, इसे लेकर सरकार ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 1 करोड़ 76 लाख 37 हजार 542 रूपयों के प्रीमियम की अदायगी की थी, बीमा कंपनी ने संपूर्ण मेला क्षेत्र, नगर निगम सीमा क्षेत्र में कार्यरत पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों/कर्मचारियों/नागरिकों को इसमें शामिल करते हुए दुर्घटना, मृत्यु, आगजनी, तूफान या शासकीय संपत्ति के नुकसान को भी मुआवजा राशि में शामिल किया था। 8 अप्रैल 2016, को बीमा कंपनी के मुख्य रीजनल मैनेजर दीपक भारद्वाज और मेला अधिकारी अविनाश लवानिया के बीच इस बाबत हुए सहमति अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे, कहा जा रहा है कि इस दौरान सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आंधी, तूफान व डूबने के कारण लगभग 206 पोस्टमार्टम एवं यात्रियों की लगभग 96 मौतें विभिन्न दुर्घटनाओं में हुई हैं, किन्तु नोडल अधिकारी ने एक भी दावा बीमा कंपनी में प्रस्तुत नहीं किया, इसका कारण क्या है?

Advertisement. Scroll to continue reading.

1000 करोड़ का खाद्यान्न घोटाला

सिंहस्थ-2016 को लेकर प्रदेश के खाद्य विभाग ने समूचे प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित प्रति राशन दुकानों, समितियों, गेहूं खरीदी केंद्रों से 1000/- रूपये नगद और 01 क्विंटल गेहूं अप्रैल-मई माह के निर्धारित कोटे से गोपनीय रूप से निर्देश जारी कर एकत्र किया था, ताकि साधु-महत्माओं के शिविरों में यह खाद्यान्न दिया जा सके, जबकि हकीकत यह है कि सभी शिविरों में प्रतिदिन होने वाली भोजन-प्रसादी/भण्डारों की खाद्य सामग्री व अन्य व्यय विभिन्न धर्मालुओं, समाजसेवी संगठनों और साधु-महात्माओं ने ही उठाये हैं। लिहाजा, खाद्य विभाग द्वारा एकत्र किये गये 2.50 लाख टन खाद्यान्न और नगद राशि का उपयोग कहां और किसने किया, सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वैचारिक कुंभ में 127 करोड़ फूंक दिए

अपने बदनुमा चेहरे पर सफाई का आवरण ओढ़ने एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुश करने के लिए 127 करोड़ रूपये ‘‘वैचारिक कुंभ’’ के नाम पर फूंक दिये गये। मुख्यमंत्री बतायें कि इतनी बड़ी धनराशि को ‘‘वैचारिक कुंभ’’ के नाम पर खर्च करने के बाद इस प्रदेश को इससे क्या हासिल हुआ? सिवाय ‘‘वैचारिक कुंभ’’ से प्राप्त ‘‘आर्थिक आनंद’’ से प्रेरित होकर ही ‘‘आनंद मंत्रालय’’ की स्थापना।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मनजीत सिंह ठकराल
अमित कुमार पाण्डेय
जबलपुर
स्वराज अभियान

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement