Connect with us

Hi, what are you looking for?

मध्य प्रदेश

जगदीश किंजल्क को राष्ट्रीय कामता प्रसाद गुरु अलंकरण सम्मान

जबलपुर : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘वर्तिका’ के 30वें वार्षिक राष्ट्रीय साहित्य अलंकरण सम्मेलन में आयोजित एक भव्य समारोह में सुप्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार एवं मीडियाकर्मी जगदीश किंजल्क को “राष्ट्रीय कामता प्रसाद गुरु अलंकरण “से नवाजा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध विद्वान आचार्य डॅा. कृष्णकान्त चतुर्वेदी ने की एवं मुख्य अतिथि रहे शैलजाकान्त मिश्रा।

<p>जबलपुर : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था 'वर्तिका' के 30वें वार्षिक राष्ट्रीय साहित्य अलंकरण सम्मेलन में आयोजित एक भव्य समारोह में सुप्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार एवं मीडियाकर्मी जगदीश किंजल्क को "राष्ट्रीय कामता प्रसाद गुरु अलंकरण "से नवाजा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध विद्वान आचार्य डॅा. कृष्णकान्त चतुर्वेदी ने की एवं मुख्य अतिथि रहे शैलजाकान्त मिश्रा।</p>

जबलपुर : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘वर्तिका’ के 30वें वार्षिक राष्ट्रीय साहित्य अलंकरण सम्मेलन में आयोजित एक भव्य समारोह में सुप्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार एवं मीडियाकर्मी जगदीश किंजल्क को “राष्ट्रीय कामता प्रसाद गुरु अलंकरण “से नवाजा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध विद्वान आचार्य डॅा. कृष्णकान्त चतुर्वेदी ने की एवं मुख्य अतिथि रहे शैलजाकान्त मिश्रा।

स्मरणीय है कि जगदीश किंजल्क ने 9 पुस्तकें लिखी हैं और एक हजार से अधिक परिचर्चाएँ आयोजित कीं जो भारत की सर्वोच्च पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। उनके एक हजार से अधिक कहानियाँ, लेख, चिन्तनपूर्ण आलेख, समालोचनाएँ और साक्षात्कार आदि देश की विभिन्न लोकप्रिय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुये हैं। किंजल्क “Famous Figure of Face Book ,”के रूप में भी जाने जाते हैं । उनके साथ अन्य साहित्यकार इरफान झाश्वी, किशोरी लाल नेमा,  हरेराम समीप, संध्या शुक्ल मृदुल, सोहन सलिल, महेश मानव, सलमा जमाल, रत्ना ओझा रतन, डॅा विजय तिवारी और प्रतुल श्रीवास्तव भी विभिन्न अलंकरणों से सम्मानित किये गये। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

कार्यक्रम में विश्व हिन्दी सम्मेलन की प्रासंगिकता विषय पर विशेष गोष्ठी आकर्षण का केन्द्र रही जिसकी अध्यक्षता जगदीश किंजल्क ने की । संगोष्ठी के प्रमुख वक्ता रहे संजीव वर्मा सलिल, डॅा राजकुमार सुमित्र, आचार्य भागवत दुबे, डॅा गार्गी शरण मिश्रा, आलोक श्रीवास्तव एवं विजय तिवारी ।

समारोह की सफलता में कवि अंशलाल पंद्रे, विवेक रंजन श्रीवास्तव, विजय नेमा, डॅा विजय तिवारी, दीपक तिवारी, राजेश पाठक प्रवीण और ममता जबलपुरी का उल्लेखनीय सहयोग रहा। “वर्तिका ” की स्थापना जबलपुर के प्रसिद्ध कवि श्री साज जबलपुरी ने की थी । 

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement