लखनऊ से खबर है कि सिटी मांटेसरी स्कूल (CMS) कैंपस के अंदर कक्षा तीन की एक छात्रा से यौन दुर्व्यवाहर किया गया. यह हरकत एक सीनियर छात्र ने ही की. बच्ची के साथ यौन दुर्व्यवहार की सूचना से नाराज अभिभावकों ने स्कूल पर धावा बोल दिया. पर स्कूल संचालक जगदीश गांधी ने बजाय अभिभावकों से माफी मांगने और भविष्य में ऐसी घटना न होने देने के लिए आश्वस्त करने के, अभिभावकों से निपटने व डराने धमकाने के लिए गुंडे बुला लिए. वे भी एक नहीं बल्कि सौ गुंडे. ये गुंडे पैसे देकर बुलाए गए.
सीएमएस के भीतर हुई इतनी बड़ी घटना को लखनऊ की मीडिया वाले पी गए क्योंकि जगदीश गांधी अखबारों चैनलों को जमकर विज्ञापन देता है. साथ ही सालाना एक बड़ा आयोजन कर देश भर के बड़े मीडियाकर्मियों को बुलाकर सम्मानित करता है. इससे जगदीश गांधी का पीआर नेटवर्क काफी मजबूत है. उसके स्कूल की गलती के खिलाफ न कोई छापने वाला है और न ही बोलने वाला. बताया जाता है कि एक नए न्यूज चैनल ने जगदीश गांधी के स्कूल सीएमएस में हुई हरकत के बारे में विस्तार से खबर का प्रसारण किया तो उस चैनल को जगदीश गांधी ने डराने के लिए नोटिस भेज दिया.
लखनऊ में शिक्षा व्यापारी के रूप में कुख्यात जगदीश गांधी के मीडिया कनेक्शन की वजह से यौन उत्पीड़न की शिकातर एक छोटी बच्ची को न्याय नहीं मिल पाया. अभी महीने भर भी न हुए होंगे जब जगदीश गांधी ने अपने यहां एक बड़ा आयोजन किया जिसमें दिल्ली से भी कई बड़े पत्रकार पहुंचे थे. इसी के बाद cms लखनऊ में एक 13-14 साल के लड़के ने class 3 में पढ़ने वाली एक छोटी बच्ची को बाथरूम में ले जाकर अभद्र हरकत की। अन्य बच्चों के अभिभावकों ने इस मामले को लेकर cms के बाहर प्रदर्शन किया।
लोगों के प्रदर्शन से डरकर संचालक ने लगभग 100 बाउंसर बुला लिए जैसे बाहर अभिभावक नहीं कोई गुंडे बदमाश हों। इस मामले में पहले लड़की के पिता ने कुछ तेवर दिखाए लेकिन पैसे और मीडिया के संपर्क की वजह से लड़की के पिता पर cms के संचालक जगदीश गांधी ने जबरन दबाव डाला और लड़की के पिता से लिखवाया कि उसके साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ है। क्या मोलेस्ट्रेशन गलत नहीं है?
इस मामले में लोकल मीडिया की भूमिका ये है कि वो इस बात को इतने हल्के और एकपक्षीय तरीके से ले रहे हैं जैसे कुछ हुआ ही न हो। तो जनाब, यहाँ लखनऊ में पत्रकारिता बिक गयी है। लड़की को न्याय चाहिए लेकिन उसके साथ ना उसका पिता है ना मीडिया। अब जिस गांधी के बुलाने पर इतने बड़े पत्रकार आएंगे उसका कोई छोटा पत्रकार क्या उखाड़ पायेगा?