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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में मयखाने के लिये खोद दिया कब्रिस्तान

छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने अपनी विशेष संपदाओं से नवाजा है. यही कारण है कि प्रदेश में प्रचुरमात्रा में खनिज संपदा का भण्डार है जिसका जमकर दोहन हो रहा है… प्रदेश में कई बड़े उद्योगों की स्थापना हुई है.. यदि बात की जाये यहाँ की सरकार की तो प्रदेश में हुये पहले चुनाव के बाद से ही यहाँ भाजपा का दबदबा रहा और प्रदेश में डॉ रमन सिंह ने तीन पारी पूरी की.. मुख्यमंत्री ने आई.आई.टी., आई.आई.एम. जैसे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की सौगात प्रदेश के स्टूडेंट्स को दी जिन्हें अब उच्चशिक्षा के लिये प्रदेश के बहार नहीं जाना होगा…

छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने अपनी विशेष संपदाओं से नवाजा है. यही कारण है कि प्रदेश में प्रचुरमात्रा में खनिज संपदा का भण्डार है जिसका जमकर दोहन हो रहा है… प्रदेश में कई बड़े उद्योगों की स्थापना हुई है.. यदि बात की जाये यहाँ की सरकार की तो प्रदेश में हुये पहले चुनाव के बाद से ही यहाँ भाजपा का दबदबा रहा और प्रदेश में डॉ रमन सिंह ने तीन पारी पूरी की.. मुख्यमंत्री ने आई.आई.टी., आई.आई.एम. जैसे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की सौगात प्रदेश के स्टूडेंट्स को दी जिन्हें अब उच्चशिक्षा के लिये प्रदेश के बहार नहीं जाना होगा…

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इसी तरह प्रदेश में गरीबी रेखा के निचे जीवनयापन करने वाले लोगो को कम दर पर अनाज की सुविधा देकर उन्होंने गरीबो से चांवल वाले बाबा का टाईटल भी पाया… प्रदेश को नया रायपुर, इंटरनेशनल क्रिकेट और हाकी स्टेडियम की सुविधायें भी दी…..लेकिन प्रदेश की इसी सरकार ने इस वर्ष से शराब बिक्री नीति में बदलाव किया है… अब सरकार अपने प्रशासनिक अमले के साथ खुद ही शराब बेचेगी… सरकार का मनना है कि इस नियम से शराब माफियाओं का आतंक कम होगा… साथ ही कोर्ट के फैसले के अनुपालन में शराब की वो दुकानें जो प्रमुख मार्गों पर स्थित हैं, उसे वहाँ से अन्यत्र स्थानांतरित किया जायेगा… इसी फैसले के तहत बनने वाली नयी शराब दुकानों के लिये जगह चुनने का सिलसिला शुरू हो गया है जिसमें प्रशासनिक अधिकारी युद्धस्तर पर भिड़ गये हैं…

शराब बेचने के नये अड्डों के लिये शायद प्रशासन को जगह की कमी पड़ रही है जिसका एक ताज़ा उदाहरण प्रदेश में देखने को मिला.. खैरागढ़ के एक गांव धरमपूरा में प्रशासन ने शराब दुकान बनाने के लिये कब्रिस्तान ही खोद दिया…जी हाँ, प्रशासन को उन परिवारों की संवेदनाओं का ज़रा भी ख़याल नहीं आया जिनके सदस्य इस कब्रिस्तान में दफ़न हैं… जब प्रशासनिक अधिकारियों ने शराब दुकान खोलने के लिए इस क्षेत्र का चयन किया और यहाँ दुकान बनाने का काम शुरू किया तो उस गाँव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी पोती की कब्र पर जाकर पूजा अर्चना की और पास खड़े पुलिस वालों से कहा- आप अपना काम कर रहे हैं, हम रोक नहीं रहे, लेकिन कुदाली ज़रा धीरे चलाना, नीचे मेरी पोती की अस्थियाँ हैं…. ये कहते हुये उस बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गये….. अब यहाँ सवाल ये उठता है कि क्या प्रदेश सरकार और प्रशासन के आला अधिकारियों की भावनायें मर चुकी हैं?

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इस प्रकरण की खबर दैनिक भास्कर अखबार में भी छपी है जो इस प्रकार है…

पंकज शर्मा
टीवी पत्रकार
छत्तीसगढ़
[email protected]

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