Surya Pratap Singh : भ्रष्ट सुनील बंसल ने मेरे ख़िलाफ़ गोमतीनगर थाने, लखनऊ में FIR दर्ज करायी है… अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकर्ता (अब भाजपा में) के नाम से छल से यह FIR दर्ज कराके यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि यह अखिलेश यादव की शय पर लिखी गयी है। जबकि अपने मुख्यमंत्री काल में अखिलेश यादव किसी से भी FIR दर्ज कराके मुझे जेल भेज सकते थे, मगर ऐसा नहीं किया और न ही मेरी security हटायी थी। जिस भाजपा सरकार को बनवाने में हम सबने मदद की, आज उसी भाजपा सरकार में मेरे घर पर दो बार जानलेवा हमले हुए और मेरे द्वारा FIR दर्ज कराने के बाद भी अपराधी आज तक गिरफ़्तार नहीं हुए. कदाचारी सुनील बंसल के इशारे पर पिछले सप्ताह मेरी security वापिस ली गयी और आज मेरे ख़िलाफ़ Facebook पर ‘भ्रष्ट बंसल को भ्रष्ट’ कहने को मेरा संज्ञेय जुर्म समझकर मेरे ख़िलाफ़ अखिलेश यादव के कार्यकर्ता के नाम से (छल के वशिभूत) FIR दर्ज करायी गयी है. वह भी दिसम्बर, २०१७ के लम्बित विषय दिखाकर यह भ्रम पैदा करने की कोशिश की है कि यह अखिलेश यादव के कार्यकर्ता कर रहा है. ये कायरता है. यदि FIR दर्ज कराना ही था तो ख़ुद सामने आते भ्रष्ट सुनील बंसल जी।
लखनऊ के SSP ने फ़ोन कर मुझे यह सूचना दी गयी. मैंने उन्हें मुझे तुरंत गिरफ़्तार करने के लिए कहा. मैंने यह भी कहा कि मैं ज़मानत नहीं कराऊँगा. सुपर-CM, भ्रष्ट सुनील बंसल के भ्रष्टाचार को उजागर करने के दंडस्वरूप, मैं ख़ुशी-२ जेल जाने के लिए तैयार हूँ. लेकिन सुनील बंसल के भ्रष्टाचार व अनाचार की उजागर करता रहूँगा. लगता है कि भ्रष्ट सुनील बंसल जी मुझे डरा रहे हैं. मेरी हत्या की साज़िश रच रहे है. लेकिन वे डरपोक है कि स्वमँ सामने न आकर कभी अपनी पार्टी के प्रवक्ता और कभी किसी अन्य के पल्लू के पीछे छुपकर वार करना चाहते हैं. सत्ता की तानाशाही. उ.प्र. में सुपर-CM द्वारा अघोषित आपातकाल. सत्ता का अहंकार का चरमोत्कर्ष.
महफ़िल-ए-गुर्बत आज इस फ़िराक में है,
कुचल दो हरेक आवाज़ को जो दरकती दीवारों से उठे।
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ें और बुलंद हों, इसलिए मैं ३ अप्रैल को जेल जा रहा हूँ. मैं गिरफ़्तारी न दे सकूँ. आज की सत्ता के ‘गायत्री प्रजापति’ ने अपनी चाणक्य चाल चली. लेकिन मैं परसों दिनांक ३ अप्रैल को दोपहर १२.०० बजे अपनी गिरफ़्तारी ज़रूर दूँगा. पहले मैं गोमतीनगर स्थित १०९० चौराहे (पराग बूथ) पर प्रेस कॉन्फ़्रेन्स कर सारे मुद्दे उठाऊँगा और फिर गिरफ़्तारी देने गोमतीनगर थाने जाऊँगा. मैं ज़मानत नहीं कराऊँगा, पराजित होकर जेल चला जाऊँगा और बंसल जी मुझे जेल भेज अपनी विजय का जश्न माना लें. लेकिन इस मेरी पराजय में कदाचार/अनाचार के विरुद्ध उठने वाली हर आवाज की बल मिलेगा, ऐसा मेरा विश्वास है।
सुनील बंसल
पिछले दो दिन से लाख कोशिशों के बाद भी मुझे मेरे विरुद्ध लिखी गयी FIR की कॉपी नहीं दी जा रही है. जो मेरा हक़ भी है….मेरे साथी-वोलेंटीयर्स थाने के चक्कर लगा रहे हैं … बिना FIR व उसमें अंकित धारायों को जाने मैं सरेंडर नहीं कर सकता. सत्ता के भ्रष्ट सुपर-CM ने यदि इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है, तो बनाएँ. सुपर-CM वेइज़्ज़त कर मुझे गिरफ़्तार कराना चाहते हैं, मैं उसके लिए भी तैयार हूँ. खींच ले जाइए मुझे मेरे घर से. क्या केवल मुझे डराने के लिए FIR किया है ताकि मैं हाथ जोड़कर आपके सामने नतमस्तक हो जाऊँ. मैं पूर्व सरकारों के भ्रष्टाचार के मुद्दे अपनी IAS की सेवा से VRS लेने के पूर्व व उपरांत से भी उठाता रहा हूँ. यदि यह FIR पूर्व CM अखिलेश यादव ने करायी है तो वे इसे own करें और सामने आएँ. तो मै उसके लिए भी तैयार हूँ।
नहीं तो यह स्पष्ट है कि मैंने पिछले कई सप्ताह से सुनील बंसल द्वारा प्रशासनिक निर्णयों को प्रभावित कर जो भ्रष्टाचार मचाया है, को उजागर किया है ….उन्ही को मुझे प्रताड़ित करने के उद्देश्य से छद्म नाम से उक्त FIR दर्ज कराने के लिए ज़िम्मेदार मानूँगा….. जो स्वभाविक भी है।
मैं उक्त गिरफ़्तारी भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठने वाली आवाज़ों को संबल प्रदान करने के लिए दे रहा हूँ न कि कुछ अपने निजी स्वार्थ के लिए. मैंने सरकारों में बड़े-२ पद पर तैनाती के दौरान पूर्ण निष्ठा व जिम्मेदारी से कार्य किए है. अपनी पहले कार्यकाल वाले पूर्व CM श्री कल्याण सिंह का भी मैं प्रिय रहा. मुझे बिना योग्यता या सिफ़ारिश से किसी अन्य पद पाने की लालसा न कभी रही और न है. सामाजिक जीवन में काम करना हर ज़िम्मेदार नागरिक का कर्तव्य अधिकार दोनों है और वही मैं कर रहा हूँ। मैं अमेरिका पढ़ने गया तो मैंने कोई अनधिकृत वेतन या लाभ नहीं लिया।
उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार एक ईमानदार मुख्यमंत्री के होने के बाबजूद भी भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पा रही है …… कई विभागीय मंत्रियों के भ्रष्टाचार की आम चर्चाएँ है और निचले स्तर पर भ्रष्टाचार कम होने के बजाय बढ़ा है. ये सभी महसूस करते हैं। भाजपा के सामान्य कार्यकर्ताओं को भी रूटीन के जनकल्याण के कार्यों के लिए भी भटकना पड़ रहा है. सम्मान नहीं मिल रहा है। पूर्व सरकारों के ठेकेदार, दलाल आज भी हावी हैं। अनुशासन के नाम पर कोई भाजपा कार्यकर्ता कुछ बोल भी नहीं पा रहा है। पूर्व सरकारों के प्रिय भ्रष्ट नौकरशाह आज भी सत्ता के ग़लियारों की शान बढ़ा रहे हैं। यह भी सही है कि अकेले सुनील बंसल को ही दोष देना उचित न होगा. वे सभी मंत्री व नौकरशाह जो बंसल जी के शब्दों को आदेश मानकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं, वे भी बराबर के दोषी हैं।
मैं मानता हूँ कि मेरे विरुद्ध ये FIR सत्ता के अहंकारवश भाजपा से सहानुभूति रखने वाले वोटर्र्स/ सामान्य कार्यकर्ताओं की आवाज़ को कुचलने का भी प्रयास है…. इसी के विरोध स्वरूप में गिरफ़्तारी दे रहा हूँ। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना मेरा कोई निजी कार्य नहीं है अतः यह अपेक्षा अवश्य करूँगा कि मेरे जेल जाने के बाद …. भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ें और तेज़ उठेंगी. युवा आगे आएंगे. मेरे परिवार की सुरक्षा का भी ख़याल कोई न कोई अवश्य रखेगा। यदि मेरे जैसे पूर्व IAS की आवाज़ को सत्ता की ताक़त से कुचलने का प्रयास होगा तो सामान्य व्यक्ति तो डर से चुप ही बैठना अच्छा समझेगा. फिर ये सरकार अन्य से भिन्न कहाँ हुई?
आज बेरोज़गारी की कोई सरकार बात नहीं करना चाहती. जो आवाज़ें उठती है उन्हें पुलिस के डंडे खाने पड़ जाते हैं। सत्ता में सरकारें तो बदलती है लेकिन भ्रष्टाचार व झूँठे वादे करने में हमाम में सभी नंगे हैं। राजनीति ख़ाली धर्म-जाति का समीकरण बनकर रह गयी. नेताओं की आजीविका साधन मात्र.
३ अप्रैल को गोमतीनगर के 1090 चौराहे पर दोपहर 12 बजे आपका स्वागत है. नहीं तो मैं तो अकेला प्रेस के सामने अपनी बात कहकर गिरफ़्तारी दूँगा और बिना ज़मानत कराए जेल चला जाऊँगा. मेरी वजह से आपको और मित्रों को कोई कष्ट हो मैं ये क़तई नहीं चाहूँगा. इस दुस्साहसी निर्णय से मेरी जान भी जा सकती है और मेरे परिवार को क्षति भी पहुँचाई जा सकती है.
सत्ता में बड़ी ताक़त होती है लेकिन जनता की आवाज़ से शायद कम.. सत्ताधीशों को कभी नहीं भूलना चाहिए कि दुर्बल (जनता) को न सताइये जाकी मोटी हाय, बिना स्वाँस की खाल से लोह भस्म हो जाए. अच्छे -२ सत्ताधीशों का अस्तित्व समाप्त हो जाता है।
मैंने एक महत्वपूर्ण cause के लिए जेल जाने का निर्णय लिया है. ख़ुश रहें ये सत्ताधीश और भ्रष्टाचार मचाने वाले. लोगों के विश्वास को धोखा देने वाले इस प्रदेश के आज के गायत्री प्रजापति को मुर्दाबाद कहें या ज़िंदाबाद आप ही तय करिए. आपके सहयोग की अपेक्षा के साथ….
सुनील बंसल के भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाला एक अकेला मुजरिम…..
सूर्य प्रताप सिंह
Mobile: 9792335533
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह की एफबी वॉल से.
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