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पंजाब

साहित्य अकादमी का राष्ट्रीय अनुवाद पुरस्कार प्रोफेसर फूलचंद मानव को

चण्डीगढ़ :  कवि, कथाकार और हिन्दी के शिरोमणि साहित्यकार प्रो. फूलचंद मानव को 2014 का अनुवाद पुरस्कार घोषित हुआ है। साहित्य अकादेमी की तरफ से हर साल 24 भारतीय भाषाओं से हिन्दी में अनूदित किसी एक पुस्तक पर यह इनाम दिया जाता है। अकादेमी सचिव के पत्रानुसार फूलचंद मानव की अनूदित किताब ‘अन्नदाता’ ज्ञानपीठ प्रकाशनद्ध के लिए उन्हें पचास हजार रूपये, प्रशस्ति पत्रा, स्मारिका और उत्तरीय अंग वस्त्रा आदि प्रदान करके सम्मानित किया जाएगा।

<p>चण्डीगढ़ :  कवि, कथाकार और हिन्दी के शिरोमणि साहित्यकार प्रो. फूलचंद मानव को 2014 का अनुवाद पुरस्कार घोषित हुआ है। साहित्य अकादेमी की तरफ से हर साल 24 भारतीय भाषाओं से हिन्दी में अनूदित किसी एक पुस्तक पर यह इनाम दिया जाता है। अकादेमी सचिव के पत्रानुसार फूलचंद मानव की अनूदित किताब ‘अन्नदाता’ ज्ञानपीठ प्रकाशनद्ध के लिए उन्हें पचास हजार रूपये, प्रशस्ति पत्रा, स्मारिका और उत्तरीय अंग वस्त्रा आदि प्रदान करके सम्मानित किया जाएगा।</p>

चण्डीगढ़ :  कवि, कथाकार और हिन्दी के शिरोमणि साहित्यकार प्रो. फूलचंद मानव को 2014 का अनुवाद पुरस्कार घोषित हुआ है। साहित्य अकादेमी की तरफ से हर साल 24 भारतीय भाषाओं से हिन्दी में अनूदित किसी एक पुस्तक पर यह इनाम दिया जाता है। अकादेमी सचिव के पत्रानुसार फूलचंद मानव की अनूदित किताब ‘अन्नदाता’ ज्ञानपीठ प्रकाशनद्ध के लिए उन्हें पचास हजार रूपये, प्रशस्ति पत्रा, स्मारिका और उत्तरीय अंग वस्त्रा आदि प्रदान करके सम्मानित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि चण्डीगढ़ में साल 1963 से सक्रिय रहे मानव, पंजाब सरकार में 1976 तक पी. आर. ओ. हिन्दी, जागृति पत्रिका के संपादक, और मोहाली के सरकारी कालेज में हिन्दी प्राध्यापक रहे हैं। उन्हें सौहार्द सम्मान (1989), हिन्दी शिरोमणि साहित्यकार पंजाब पुरस्कार (2006) और भारत सरकार का मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा ‘राष्ट्रीय साहित्यिक पुरस्कार’ (2001) भी प्राप्त हो चुका है। कविता की चार, कहानियों की तीन कृतियों के साथ ही, उन्होंने हिन्दी में बीस और पंजाबी में ग्यारह पुस्तकों का अनुवाद करते हुए, तीस किताबों का संपादन भी किया है। ‘मोहाली से मेलबर्न’, ‘बीसवीं सदी का पंजाबी काव्य’ और ‘संतोख सिंह धीर की चुनिंदा कहानियाँ’ फूलचंद मानव की हाल-फिलहाल छपी नयी कृतियाँ हैं। साहित्य संगम के संस्थापक-संचालक मानव इन दिनों ढकोली, ज़ीरकपुर से साहित्यिक पत्राकारिता में व्यस्त हैं।

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