Connect with us

Hi, what are you looking for?

राजस्थान

आरबीआई से लाइसेंस लिए बगैर क्रेडिट सोसायटियां नहीं ले सकेगी जमाएं

राजस्थान उच्च न्यायालय का अहम फैसला, तीन माह में लेना होगा लाइसेंस

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला दिया है कि सहकारी एक्ट के तहत पंजीकृत क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटियां अब किसी तरह की जमाएं प्राप्त नहीं कर सकेंगी। संचालित सोसायटियों को ऐसा कारोबार करने के लिए तीन माह मे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा। मुख्य न्यायाधीश सुनील अम्बवानी एवं न्यायाधीश अजीतसिंह की खण्डपीठ ने बाड़मेर के सज्जनसिंह भाटी की ओर से दायर पीआईएल को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p><span style="font-size: 18pt;">राजस्थान उच्च न्यायालय का अहम फैसला, तीन माह में लेना होगा लाइसेंस</span></p> <p>राजस्थान हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला दिया है कि सहकारी एक्ट के तहत पंजीकृत क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटियां अब किसी तरह की जमाएं प्राप्त नहीं कर सकेंगी। संचालित सोसायटियों को ऐसा कारोबार करने के लिए तीन माह मे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा। मुख्य न्यायाधीश सुनील अम्बवानी एवं न्यायाधीश अजीतसिंह की खण्डपीठ ने बाड़मेर के सज्जनसिंह भाटी की ओर से दायर पीआईएल को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया।</p>

राजस्थान उच्च न्यायालय का अहम फैसला, तीन माह में लेना होगा लाइसेंस

Advertisement. Scroll to continue reading.

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला दिया है कि सहकारी एक्ट के तहत पंजीकृत क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटियां अब किसी तरह की जमाएं प्राप्त नहीं कर सकेंगी। संचालित सोसायटियों को ऐसा कारोबार करने के लिए तीन माह मे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा। मुख्य न्यायाधीश सुनील अम्बवानी एवं न्यायाधीश अजीतसिंह की खण्डपीठ ने बाड़मेर के सज्जनसिंह भाटी की ओर से दायर पीआईएल को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ता भाटी के अधिवक्ता दलपतसिंह राठौड़ ने बताया कि याचिका में बताया गया था कि क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटियां सदस्य बनाये जाने की आड़ मे आमजन को लुभावनी इनामी योजनाओं के लोभ मे फंसा कर करोड़ों की जमाएं प्राप्त कर रही हैं। इन जमा धनराशि की वापसी की कोई गारंटी या सुरक्षा नहीं हैं। याचिका में लिखा गया कि सोसायटियां आमजन को भारी भरकम ब्याज दर पर ऋण दे रही हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने निर्णय मे माना कि क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटियां नामीनल सदस्यों एवं सदस्यों की आड़ मे सरेआम बैंकिंग कारोबार कर रही हैं तथा इसके लिए उनके पास रिजर्व बैंक का कोई लाइसेंस प्राप्त नहीं हैं। हाईकोर्ट ने सोसायटियों द्वारा एटीएम लगाने की गतिविधि को भी बैंकिंग माना। याचिकाकर्ता ने संजीवनी क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी, नवजीवन क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी, सांईकृपा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी, मारवाड़ क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी और आदर्श क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी को पार्टी बनाया था।

हाईकोर्ट ने कहा कि सोसायटियों के संचालक सदस्यों के जमा रूप यों की नियमानुसार वापसी करेगी, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा लेकिन वे बिना रिजर्व बैंक के लाइसेंस प्राप्त किए किसी तरह की जमाएं स्वीकार नहीं कर सकेगी। हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले मे सोसायटियों की गतिविधियों पर शंका जाहिर करते हुए सरकार को निर्देश भी दिए हैं। राजस्थान हाईकोर्ट का यह फैसला प्रदेश की सभी क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटियों पर प्रभावी होगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement