आम आदमी पार्टी के संस्थापक नेता और राजस्थान पर्यवेक्षक डॉ कुमार विश्वास ने 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारी का बिगुल अब ज़ोर शोर से फूँक दिया है। गांधीजी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर आम आदमी पार्टी के दिल्ली आईटीओ स्थित कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में विश्वास ने राजस्थान के पर्यवेक्षकों और राजस्थान में काम कर रहे अन्य राज्यों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया। सम्बोधन की भाषा से तय है कि आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव तीन राजनीतिक धुरों में बँट जाएगा। राजस्थान के छात्र संघ चुनावों में आशा से भी अधिक मज़बूत स्थिति बनने के बाद नेताओं सहित कार्यकर्ताओं में भी उत्साह छा गया है।
गांधीजी और गोडसे सन्दर्भ में केंद्र की भाजपा सरकार पर सीधा हमला करते हुए विश्वास ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि देश की शीर्ष सोच पर काबिज़ संगठन के लोग गांधीजी की हत्या को गांधी वध कहते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से लोग परेशान हो चुके हैं। वर्तमान राजनीतिक हालात में दोनों प्रमुख विपक्षी पार्टियों पर तंज करते हुए विश्वास ने कहा कि राजनीति का प्लेग्राउंड वैकल्पिक योद्धाओं के लिए खाली है। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का खिलाडी छः महीने देश से बाहर रहता है।
भाजपा सरकार के लिए उन्होंने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस से ज़्यादा तेज़ी से अपनी छवि ख़ुद ही धूमिल कर ली है। इसलिए आंदोलन से उपजी पार्टी के लिए यह सबसे उपयुक्त मौक़ा है कि वह लोगों की अपेक्षा झाँके अनुसार आचरण करे ! दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की शिक्षा नीति, जल-प्रबंधन, बिजली इत्यादि की नीतियों की सराहना करते हुए विश्वास ने कहा कि ये उपलब्धियां हमें राजस्थान और देश में सक्षम स्वरों के माध्यम से पहुंचानी चाहिए! कालाधन, गोरखपुर हादसे, बीएचयू, गौरी लंकेश और गौरक्षा से सम्बंधित हत्याओं का हवाला देते हुए विश्वास ने भाजपा की सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया।
भाजपा के राष्ट्रवाद को ‘धृतराष्ट्रवाद’ की संज्ञा देते हुए भी विश्वास ने चुटकी लेते हुए कुमार ने कहा कि हमें अब बोलना ही होगा,ओढ़े हुए मौन से काम नहीं चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘इवेंट मैनेजर’ बताते हुए उन्होंने कहा कि मोदीजी के पास विज़न के नाम पर सिर्फ टेलीविज़न ही है। जाति और धर्म के गहराते भेदभाव के प्रति भी विश्वास ने कार्यकर्ताओं को चेताया और इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उप्र की योगी सरकार पर भी सीधा प्रहार करते हुए विश्वास ने कहा कि अल्पसंख्यक बहुसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलने देंगे।
हमेशा से ‘बैक टू बेसिक्स’ की वकालत करने वाले विश्वास ने अपने सम्बोधन में अण्णा आन्दोलन को गांधीजी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन बताया। कार्यकर्ताओं को लगातार ‘आन्दोलन के साथियों’ कह कर सम्बोधित किया जिससे स्पष्ट है कि विश्वास राजस्थान चुनाव ‘बैक टू बेसिक्स’ के आधार पर यानि पार्टी के मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर लड़ेंगे। राजस्थान के गत छात्र संघ चुनावों की जीत को विश्वास ने ‘बैक टू बेसिक्स’ की जीत बताया। राजस्थान चुनावों में स्थानीय कार्यकर्ताओं की अधिकतम भागीदारी की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान चुनाव में राजस्थान पर दिल्ली नहीं थोपी जाएगी। दिल्ली सिर्फ उनके पीछे खड़ी रहेगी जो राजस्थान में बदलाव की ज़िम्मेदारी अपने कन्धों पर लेना चाहते हैं।
2014 लोकसभा चुनावों को ‘पार्टी की जल्दबाज़ी’ बताते हुए विश्वास ने कहा कि यह जल्दीबाज़ी करना हमारी भूल थी और हमने इसका बड़ा नुक्सान उठाया। अपनी पार्ट की तरफ भी इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि शीर्ष नेताओं के बयानों या उनके फैसलों पर उठने वाले सवालों का सामना नेताओं से ज़्यादा ज़मीनी कार्यकर्ताओं को करना पड़ता है, इसलिए हम सभी नेताओं को सब कुछ सोच समझ कर करना चाहिए। विश्वास ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारी पार्टी के कुछ हिस्सों में भी गणेश परिक्रमा की परम्परा आने लगी है। इससे कार्यकर्ता का मनोबल टूटता है। हम सब को इसे रोकना होगा !इसलिए आंदोलन के पुराने कार्यकर्ताओं की ज़िम्मेदारी है कि पार्टी के मूलभूत सिद्धांतों के साथ ही आगे बढ़ें। विश्वास ने कहा कि आम आदमी पार्टी का राजस्थान में संगठन निर्माण अब पूर्णता की तरफ है। राजस्थान में शराबबंदी पर ज़ोर देते हुए उन्होंने एक महत्वपूर्ण अजेंडा भी स्पष्ट कर दिया। उन्होंने बताया कि आठ अक्टूबर को अजमेर में आम आदमी पार्टी की किसान रैली है और इस तरह के कार्यकलाप अब लगातार होंगे। दिसंबर में एक लाख लोगों की जनसभा करने की भी बात विश्वास ने बताई।