दोस्तों, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस बजट को लेकर काफी उम्मीद थी कि पत्रकारो के लिए भी पुरानी घोषणाओ को पूरी करने और कुछ नई घोषणा करेंगी। लेकिन पत्रकारों को कुछ नहीं मिला। इससे अब स्पष्ट है कि कुछ लोग है जो मुख्यमंत्री जी को गुमराह कर रहे है। वे सरकार और पत्रकारों के बीच दूरियां पैदा करा रहे है।
दोस्तों, यह पहली बार हुआ है जब 120 पेज के पूरे बजट में पत्रकार शब्द तक नहीं है। आपको याद होगा राज्य में विधानसभा चुनाव 2013 से पहले भाजपा ने एक घोषणा पत्र निकाला था उसमे पेज नंबर 25 पर पत्रकारों के कल्याण को लेकर वायदा किया था। यह घोषणा पत्र श्री गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने बनाया था। इस समिति में श्री घनश्याम तिवाड़ी श्री ओंकार सिंह लखावत श्री राजेंद्र सिंह राठौड़ श्री राजपाल सिंह शेखावत और राव राजेंद्र सिंह सदस्य थे। भाजपा ने वायदा किया था कि हम सत्ता में आये तो पत्रकारों के लिए 9 काम करेंगे। इसमें आवास योजना भी शामिल थी लेकिन मित्रों अफसोस की बात है कि 27 महीनो बाद भी 9 में से एक भी घोषणा पूरी नहीं हुई। शायद समिति के सदस्यों को भी याद नहीं है कि कोई वायदा भी किया था।
मैं आपको एक जानकारी और देना चाहता हूँ कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 6 मार्च 2013 को राजस्थान विधानसभा में वर्ष 2013-14 के बजट भाषण में पत्रकारों के लिए कई घोषणाएं की थी जो बजट भाषण के पेज नंबर 89 और 90 में है। बजट की घोषणा पर अमल करते हुए गहलोत सरकार ने 36 वरिष्ठ पत्रकारों को प्रति माह 5000 रूपए देना चालू किया था। करीब सात महीने तक मिले भी थे लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही उसे भी बंद कर दिया। मित्रों सरकार के मंत्री भी बेबस है। मुझे लगता है कि इस समय सरकार और पत्रकारों के बीच सेतु का अभाव है। यह मै खुद भी कई दिनों से महसूस कर रहा हूँ। मित्रों अब समय बैठने का नहीं बल्कि मुख्यमंत्री तक सच्चाई पहुँचाने का वक्त है।
आपका
एलएल शर्मा
वरिष्ठ पत्रकार
जयपुर, राजस्थान