Connect with us

Hi, what are you looking for?

राजस्थान

पिंक सिटी प्रेस क्लब के चुनाव में सत्‍य पारीक के तानाशाही पूर्ण रवैये से प्रत्‍याशी परेशान

जयपुर। पिंक सिटी प्रेस क्लब के वर्ष 2016-17 के लिए हो रहे वार्षिक चुनाव में खड़े प्रत्‍याशी निर्वाचन अधिकारी सत्‍य पारीक के तानाशाही भरे रवैये से परेशान हैं। क्लब के वार्षिक चुनाव के लिए मतदान 30 मार्च 2016 को होना है। इस चुनाव में अध्‍यक्ष, दो उपाध्‍यक्ष, महासचिव, कोषाध्‍यक्ष और कार्यकारिणी के दस सदस्‍यों के लिए मतदान होगा। इस तरह कुल 15 पदाधिकारियों एवं सदस्‍यों के लिए वोट डाले जाएंगे।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <!-- Archive - 2 (mobile, bhadas.co.in) --> <ins class="adsbygoogle" style="display:block" data-ad-client="ca-pub-7095147807319647" data-ad-slot="6708614214" data-ad-format="auto"></ins> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script><p>जयपुर। पिंक सिटी प्रेस क्लब के वर्ष 2016-17 के लिए हो रहे वार्षिक चुनाव में खड़े प्रत्‍याशी निर्वाचन अधिकारी सत्‍य पारीक के तानाशाही भरे रवैये से परेशान हैं। क्लब के वार्षिक चुनाव के लिए मतदान 30 मार्च 2016 को होना है। इस चुनाव में अध्‍यक्ष, दो उपाध्‍यक्ष, महासचिव, कोषाध्‍यक्ष और कार्यकारिणी के दस सदस्‍यों के लिए मतदान होगा। इस तरह कुल 15 पदाधिकारियों एवं सदस्‍यों के लिए वोट डाले जाएंगे।</p>

जयपुर। पिंक सिटी प्रेस क्लब के वर्ष 2016-17 के लिए हो रहे वार्षिक चुनाव में खड़े प्रत्‍याशी निर्वाचन अधिकारी सत्‍य पारीक के तानाशाही भरे रवैये से परेशान हैं। क्लब के वार्षिक चुनाव के लिए मतदान 30 मार्च 2016 को होना है। इस चुनाव में अध्‍यक्ष, दो उपाध्‍यक्ष, महासचिव, कोषाध्‍यक्ष और कार्यकारिणी के दस सदस्‍यों के लिए मतदान होगा। इस तरह कुल 15 पदाधिकारियों एवं सदस्‍यों के लिए वोट डाले जाएंगे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

क्लब की मौजूदा कार्यकारिणी ने चुनाव के लिए सत्‍य पारीक को निर्वाचन अधिकारी नियुक्‍त किया है। स्‍वयं पारीक भी पहले पिंक सिटी प्रेस क्लब के अध्‍यक्ष रह चुके हैं। इसलिए प्रेस क्लब और चुनाव से जुड़े सभी कानून-कायदों की जानकारी उन्‍हें ना हो, ऐसा हो नहीं सकता। उन्‍होंने कुछ उम्‍मीदवारों के पर्चे Director Identification Number नहीं होने के बावजूद रद्द नहीं किए और उन्‍हें कहा कि वे पांच-सात दिन में यह नंबर जमा करा दें। ये वे उम्‍मीदवार थे जो उनके चहेते हैं। नियामानुसार उम्‍मीदवार को चुनाव लड़ने का फार्म भरते समय अन्‍य सभी जरूरी कागजातों के साथ डाइरेक्‍ट आई‍डेंटीफिकेशन नंबर भी देना होता है। यह क्लब कंपनी अधिनियम में पंजीकृत है। कंपनी अधिनियम के तहत यह जरूरी है कि जो भी चुनाव लड़ना चाहे उनके पास DIN का होना आवश्‍यक है।

ऐसी चर्चा है कि सत्‍य पारीक ने क्लब के निवर्तमान अध्‍यक्ष राधारमण शर्मा के साथ यह गठबंधन कर रखा है कि बारी-बारी से हम अध्‍यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे और इस पद पर किसी और व्‍यक्ति को नहीं आने देंगे इसलिए ही राधारमण शर्मा ने कार्यकारिणी पर दबाव बनाकर सत्‍य पारीक को निर्वाचन अधिकारी की बागडोर दिलाई। सत्‍य पारीक ने निर्वाचन अधिकारी बनते ही अपने तेवर दिखाने शुरू किए और नामांकन के दिन से ही हर उम्‍मीदवार को यह कहते रहे कि तुमने मेरे तेवर देखने नहीं हैं, यहां आकर धोक (प्रणाम) देना वरना मैं अपने अधिकारों को काम में लेते हुए चमत्‍कार दिखाऊंगा कि प्रेस कल्‍ब में अब किसकी चलती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पांच पदाधिकारियों के अलावा कार्यकारिणी के दस सदस्‍यों के लिए भी चुनाव होना है। नामांकन भरने और पर्चे जांच होने की तिथि गुजर जाने पर कुल 28 सदस्‍य चुनाव मैदान में थे लेकिन अगले दिन सत्‍य पारीक ने अपनी मनमानी करते हुए अपने एक चहेते को 29 वां प्रत्‍याशी घोषित करवा दिया और पिछली तारीख में उसका पर्चा ले लिया। जब कुछ प्रत्‍याशियों ने इसका विरोध किया कि नामांकन भरने की तारीख गुजर जाने के बाद आपने इनका पर्चा क्‍यों स्‍वीकार किया तो उन्‍होंने कहा कि यहां आकर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाकर मतदान तक एंट्री रुकवा दूंगा। दूसरी ओर, कुछ उम्‍मीदवारों ने अदालत जाकर इस चुनाव पर स्‍टे लेने की योजना बनाई है एवं अदालत से सत्‍य पारीक और उनके लोगों को निर्वाचन अधिकारी के रूप में हटवाने के लिए मन बनाया है। जबकि, कुछ उम्‍मीदवारों ने कंपनी रजिस्‍ट्रार के पास जाकर निष्‍पक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्‍त करने का अनुरोध करने की तैयारी की है।

सत्‍य पारीक ने पहले से घोषित मतदान समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक को अब बदलकर सुबह 9 बजे से शाम 4बजे तक कर दिया है। प्रेस क्लब के ज्‍यादातर सदस्‍यों ने इस पर आपत्ति जताई है। जबकि, सत्‍य पारीक का कहना है कि निर्वाचन अधिकारी वे हैं और जिनको दिक्‍कत है वे जो करना चाहे कर ले, मैं किसी से डरता नहीं। इसी तरह, जब वोट पेपर पर मुहर लगाकर डालने हैं तो उनकी गणना भी मैन्‍युअल होनी चाहिए लेकिन अब पारीक ने नया फरमान सुनाया है कि वे हर वोट की गणना स्‍कैन मशीन से करवाएंगे। उम्‍मीदवारों का कहना है कि यदि वोट पर किसी मतदाता द्वारा लगाई गई मुहर हल्‍की हुई तो उसका स्‍कैन कठिन होगा। आरोप है कि इस तरह वोट काउंटिग प्रणाली बदलकर सत्‍य पारीक अपने चहेतों को जिताने की जुगाड़ में लगे हैं। सत्‍य पारीक किसी भी उम्‍मीदवार को किस बहाने से मतदान तक प्रेस क्लब भवन में आने से रोक देंगे, इस भय से अनेक उम्‍मीदवार वहां नहीं जा रहे हैं और बाहर रहकर अपना चुनाव प्रचार अभियान चला रहे हैं। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

जयपुर से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement