– कभी दैनिक जागरण का पत्रकार तो कभी काली कोट पहन वकील बनकर इलाके में दिखाता रहा रौब -सहयोग न करने पर नवाबगंज से दो दरोगाओ को थानाध्यक्षी से धोना पढ़ा था हाथ…. रातों रात हो गया ट्रांसफर -न नौकरी न कोई बिजनेस चार साल में बना करोड़पति… करीब 5 साल पहले प्राइवेट स्कूल की टीचरी से पशु तस्करी के धंधे में उतरा युवक बोलेरो से चलने लगा… रातोंरात बदल गए ठाट… -करीब तीन साल में अकूत कमाई के बल पर शहर में जमीन खरीदी… देहात में पांच आलीशान मकानों का बना मालिक… अरबों रुपए की बेनाम संपत्ति… इलाके के बेरोजगार युवकों को बतौर गुर्गे साथ में रखकर करता है जरायम…
प्रयागराज : पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एस टी एफ़ ) ने गोवंश तस्करी और प्रतिबंधित मांस सप्लाई के धंधे का भांडाफोड़ किया है। इसमे पाच लोगों को मौके पर गिरफ्तार करके धंधे से जुड़े 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उसमें दैनिक जागरण का एक रिपोर्टर भी शामिल है। बताया जा रहा है कि इस गिरोह के तार दिल्ली से लेकर कोलकाता, लखनऊ तक गहराई से जुड़े हैं। नवाबगंज के झोखरी (आदमपुर) के रहने वाले योगेंद्र नारायण शुक्ला की पहचान गाय- बैल, भैस- भैंसा सरीखे मवेशियों की तस्करी करने वाले कुख्यात अपराधी के रूप में है।
दैनिक जागरण इलाहाबाद यूनिट ने उसे अटरामपुर से संवाददाता नियुक्त कर दिया। गंभीर अपराधी के रूप में उस पर आधे दर्जन से ज्यादा मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज है इसके बावजूद दैनिक जागरण ने उसे पत्रकार का चोला पहना दिया। शातिर अपराधी ने पत्रकार के रूप में इलाकाई पहचान बनाने की बाद पुलिस विभाग में पैठ जमानी शुरू कर दी। स्थानीय नेता भी अखबार में नाम फोटो छपवाने की गरज से उस शातिर के साथ प्रगाढ रिश्ते बना लिए। पुलिस और कतिपय नेताओ के हितैषी बनते ही इलाके में पशु तस्करी के धंधे ने तेजी पकड़ ली। शुरू में पुलिस ने धंधेबाजो से समझौता करने में ही भलाई समझी। नेशनल हाईवे NH-2 दिल्ली – कोलकाता सड़क मार्ग से रोजाना मवेशी लदे दर्जनो ट्रक बे रोक-टोक गुजरते रहे।
हंडिया कोखराज बाईपास पर बोलेरो सवार तस्करों का सरगना दस से बीस हज़ार रुपए प्रति ट्रक वसूली करता और अपने गुर्गों के जरिए आगे का रास्ता क्लियर करा देता। आस-पास की पुलिस थानों में उसकी नजदीकी लोगों की जुबान पर है। एक नवंबर को एसटीएफ़ इलाहाबाद टीम ने धूमनगज के हैप्पी होम के पास डीसीएम आयशर मिनी ट्रक पर 18 कुंटल गो मांस के साथ पांच लोगों को पकड़ा। मिनी ट्रक के जरिए 40 पेटी में गो मांस रखकर चोरी छिपे बाहर भेजा जा रहा थाl एसटीएफ़ की छानबीन में गिरोह से जुड़े 14 लोगों के नाम सामने आए। सभी के खिलाफ इलाहाबाद के धूमनगंज थाने में एफ़आइआर कराई जा चुकी है। खास बात यह है कि शुरू में पुलिस ने तेजी दिखाई और इलाहाबाद की मीडिया में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया।
परंतु तीन-चार दिन के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। मीडिया ने इस प्रमुख खबर पर फॉलोअप करना भी मुनासिब ना समझा और पुलिस भी एकदम आराम की मुद्रा में दिखने लगी। नतीजतन एक तरफ जहां एसटीएफ का दावा है कि मामले से जुड़े लोगों की तलाश की जा रही है वहीं दूसरी तरफ सच्चाई यह है कि नवाबगंज का यह शातिर पशु तस्कर खुलेआम थाने के इर्द-गिर्द टहलते देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक मामले को रफ़ा दफा करने के लिए पुलिस विभाग के प्रमुख अफसरों पर दबाव डालने की शुरुआत भी हो चुकी है। गोमाता संरक्षण का राग अलापने वाली सत्तासीन भाजपा के कतिपय नेता ही मामले को दबाने में जुट गए हैं।