Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तराखंड

मरीजों से लाखों रुपये असंवैधानिक तरीके से वसूल रहा ऋषिकेश एम्स!

उत्‍तराखंड में एम्‍स बना तो लगा कि‍ पहाड़ की पहाड़ सी बीमारि‍यां शायद तलहटी पर आएं। लेकि‍न फि‍लवक्‍त वहां के एम्‍स में जो हालात चल रहे हैं, साफ लग रहा है कि‍ पहाड़ की बीमारि‍यां पहाड़ पर ही चढ़ती जा रही हैं। ऋषि‍केश एम्‍स में आने वाले मरीजों के इलाज से लेकर जांच तक लाखों रुपये असंवैधानि‍क रूप से वसूले जा रहे हैं। कमाल की बात है कि‍ कुछ एक राजनीति‍क दलों के कुछ एक बार के वि‍रोध प्रदर्शनों को छोड़ दें, तो लगता है कि‍ एम्‍स प्रशासन ने यहां के पत्रकारों को बेहोशी की दवा दे दी है, या मर जाने की। पहाड़ के लोग बुरी तरह से परेशान हैं, और पत्रकार चुप बैठे हैं।

एम्‍स दि‍ल्‍ली में कैंसर के मरीज की जो रेडि‍योथेरेपी 750 रुपये में होती है, एम्‍स ऋषि‍केश में उसी के 1 लाख 32 हजार रुपये से भी ज्‍यादा वसूले जा रहे हैं। दर्जनों ऐसे इलाज हैं जो एम्‍स दि‍ल्‍ली में आम मरीजों के लि‍ए पूरी तरह से फ्री हैं, वहां पर कि‍सी के लि‍ए भी पांच हजार रुपये से कम नहीं वसूले जा रहे हैं। आलम यह है कि बाहर के प्राइवेट अस्‍पताल में जो इलाज दो हजार में हो रहा है, एम्‍स ऋषि‍केश में उसके लि‍ए पांच से सात हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। इतना ही नहीं, एम्‍स के दर्जनों डॉक्‍टरों ने इतने ज्‍यादा पैसे वसूलने से यह कहते हुए इन्‍कार कर दि‍या कि‍ इसके बाद मरीज एम्‍स में आने ही बंद हो जाएंगे, बावजूद इसके, स्‍पेशल आदेश नि‍कालकर उन्‍हें मरीजों से उल्‍टी सीधी वसूली करने के लि‍ए बाध्‍य कि‍या जा रहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ऐसा नहीं है कि मरीजों के हालात देखते हुए वहां के डॉक्‍टर या प्रफेसर शांत बैठे हैं। डि‍पार्टमेंट के अंदर तो वह इसका वि‍रोध कर ही रहे हैं, बाहर मीडि‍या में भी सबसे इस मामले का जि‍क्र कर रहे हैं। मैंने उत्‍तराखंड में कई पत्रकारों को फोन कि‍या तो सबका यही कहना था कि‍ मामला उनके संज्ञान में है। जब मैंने यह पूछा कि‍ फि‍र कुछ लि‍ख क्‍यों नहीं रहे तो अजीब रहस्‍यमय चुप्‍पी छा जाती है, जैसे कोई उन्‍हें ब्‍लैकमेल कर रहा हो। इन डॉक्‍टरों ने देहरादून से लेकर लखनऊ और दि‍ल्‍ली तक के पत्रकारों को इस अंधेरगर्दी की पूरी सूचना मय सबूतों के दे रखी है, लेकि‍न जि‍स तरह से मीडि‍या के लोग चुप हैं, यही लगता है कि‍ जनता की परेशानि‍यों से उनका कोई लेना देना नहीं है।

एक तो पहले ही पहाड़ में जीवन कि‍सी पहाड़ से कम नहीं। पैसा होता तो पहाड़ की जवानी पहाड़ में ही रहती, मैदानी ढाबों, होटलों में यूं ही जाया न हो रही होती। दूसरे पहाड़ में जो कुछ भी पहाड़ बचा है, उसे भी लूटने की पूरी तैयारी एम्‍स ऋषि‍केश ने कर ली है। जैसे पत्‍थर माफि‍याओं ने पहाड़ को खोद-खोदकर खाली कर डाला, मगर वहां के कथि‍त मेनस्‍ट्रीमी पत्रकार चुप रहने का पैसा लेकर अपना घर-बार बनाते रहे, वही लगता है कि‍ एम्‍स में भी हो रहा है। ऋषि‍केश में लगता है पत्रकार के नाम पर सारे के सारे लोग दलाल ही हैं, वरना एक कारण बताइए कि इतनी बड़ी अंधेरगर्दी, जो महीनों से हो रही है, अभी तक कि‍सी ने एक खबर क्‍यों नहीं सुनी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

रोहिनी गुप्ते की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement