मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हेल्पलाईन की तारीफ सुननी होतो आपको बड़े-बड़े विज्ञापन मिल जायेंगे। वेबसाईट की भी माने तो अब तक करीब 50 लाख शिकायतें यहां दर्ज हुई हैं। जिनमें से 47 लाख का निराकरण भी हो गया है। लेकिन हकीकत पर जायें तो निराकरण का यह आंकड़ा आधा भी नहीं होगा। हेल्पलाईन प्रदेश की जनता को किस प्रकार मूर्ख बनाती है। इसका जबरदस्त उदाहरण इंदौर में देखने मिला है। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने 10 नवम्बर को टेलीफोन नगर क्षेत्र के मकान नम्बर 208 में अवैध ढंग से चल रहे होटल और हॉस्टल “इंडियन जायका” के विरुद्ध कम्प्लेन दर्ज कराई थी।
कम्प्लेन में होस्टल में रहने वालों द्वारा लड़कियों को छेड़ने/सीटी मारने जैसी बात भी लिखाई गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि कॉलोनी की लड़कियां जब रास्ते से निकलती हैं। तो हॉस्टल के लड़के उनको सीटी मारते हैं। इतना ही नहीं हॉस्टल में हर तरह की नशाखोरी होती है। मारपीट होती है। इन्हीं सबकी शिकायत उसने सीएम हेल्पलाईन में की थी। ताकि हेल्पलाईन की मदद से हॉस्टल और होटल पर कार्रवाई हो सके।
लेकिन कमाल की बात है कि हेल्पलाईन के कॉल सेंटर प्रतिनिधि ने होटल/हॉस्टल का नाम तक गलत लिखा और साथ ही उसका पता भी नहीं डाला। और उस पर भी आश्चर्य यह कि करीब 19 दिन बाद बिना शिकायतकर्ता से सम्पर्क किये शिकायत का निराकरण हो गया बताकर शिकायत क्लोज कर दी गई। वैसे हेल्पलाईन की धांधली का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे भी बड़े स्तर के कारनामे शिवराज के भ्रष्ट और कामचोर अधिकारी अंजाम दे चुके हैं। खैर हेल्पलाईन को क्या फर्क पड़ता है कि कोई लड़की आज छिड़ रही है। कल को उसके साथ कोई अप्रिय घटना हो जाये। क्योंकि सीएम महोदय के मुताबिक प्रदेश की सड़कें विदेशी सड़कों से बेहतर है। तो प्रदेश भी किसी दूसरे देश से बेहतर होगा।
आशीष चौकसे
एसोसिएट एडिटर, भड़ास4मीडिया
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मनीष भट्ट
December 9, 2017 at 9:00 am
सी एम हेल्पलाइन की औक़ात ही क्या है …
शिव राज में तो विधान सभा तक को जूते की नोंक पर रख जाता है …
पराकाष्ठा यह कि संज्ञान में लाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती …