Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तराखंड

इस अहंकारी मुख्यमंत्री को ‘चोर-उचक्का’ कहने से तो ‘चोर-उचक्का’ शब्द की बे-इज्जती होती है!

Maithily Gupta : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के आगे जो महिला जनता दरबार में ट्रांसफर की मांग करने आई थी वो उसका हक्क था, वो कोई अनुकंपा नहीं मांग रही थी. इन मामलों के भरोसेमंद जानकार मेरे मित्र इन्द्रमणि उपाध्याय जी का कहना है कि Transfer act 2017 स्‍थानान्‍तरण विधेयक २०१७ में “कम से कम ऐसे 3-4 बिन्दु हैं जिसके तहत वो शिक्षिका राज्य सरकार को कोर्ट मे नाकों चने चबवा देती”.

उसकी वरिष्ठता, स्थिति, दुर्गम क्षेत्र में कार्य करने की अवधि आदि के अनुसार उसके ट्रांसफर होने की पूरी पात्रता थी, लेकिन पिछले कई सालों में उसका ट्रांसफर नहीं हुआ. क्या वह पहली बार कहीं अपनी मांग लेकर गई थी? उसने एक वीडियो में उसने विस्तार से बताया है इससे पहले वह कहां कहां गई थी..

Advertisement. Scroll to continue reading.

जब किसी को उसका हक़ (रिपीट अनुकंपा नहीं अधिकार) नहीं मिलता, लम्बे समय से मांग करने के बाद भी नहीं मिलता तो हम कब तक उससे शालीन होने की अपेक्षा करते रहेंगे? कब तक? कितने महीनों तक? कितने सालों तक?

मुख्यमंत्री और अन्य राजनेताओं की पत्नियों के ट्रांसफर होते रहते हैं. और जिनका होना चाहिये, वे गिड़गिड़ाते रहते है. हम यही अपेक्षा करते रहते हैं कि वे शालीन शब्दों में बात करते रहें.

Advertisement. Scroll to continue reading.

लेकिन इस बात से सहमत महिला को मुख्यमंत्री को ‘चोर उचक्का’ नहीं कहना चाहिये. चोर उचक्के तो बहुत छोटा शब्द है. इसके लिये तो कोई बड़ा भारी भरकम शब्द उययोग होना चाहिये. इस अहंकारी मुख्यमंत्री को चोर उचक्का कहने से तो चोर उचक्का शब्द की बे-इज्जती होती है.

काश ये मुख्यमंत्री उस महिला को बुला कर उससे माफी मांगे, और उसका अधिकार उसे सविनय दें. हो सकता है यह सच हो जाय, या ये सिर्फ खामा-खयाली ही रहे.

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्री इन्द्रमणी उपाध्याय जी के अनुसार तीन बड़े पॉइंट्स शिक्षिका के पक्ष में हैं-

1- वो 50+उम्र में हैं (LTR), इस नाते विशिष्ट दर्जे के तहत ट्रांसफर मिलना चाहिए।
2- वो 10 साल+ दुर्गम क्षेत्र में सेवा दे चुकी हैं (25 वर्ष)।
3- वे विधवा और सिंगल पैरेंट हैं। इस नाते उन्हें स्पेशली ट्रांसफर मिलना चाहिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ये तीन क्लॉज़ शिक्षिका के पक्ष में हैं।

एक और बात है जो कैडर वाली है, उस सन्दर्भ में यह है कि-
पूरी सर्विस में एक बार कैडर बदल सकते हैं। पति पत्नी या फिर गम्भीर बीमारी पर।
पर एक्ट अम्ब्रेला एक्ट के रूप में हैं इसमें मुख्यमंत्री महोदय चाहें तो अपना विशेषाधिकार प्रयोग करके स्थानांतरण कर सकते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसी आधार पर शायद मुख्यमंत्री जी ने 4 महीने पहले उत्तरा जी को आश्वासन भी दिया था।

यह महिला बच्चों को यही शिक्षा देती होगी कि अन्याय करने वाला चाहे किसी भी पद पर क्यों न हो, उसके अन्याय के खिलाफ जरूर बोलो. जनप्रतिनिधि अगर जनता के दरबार से जनता को धक्के मार कर बाहर निकालने का फरमान ज़ारी करे तो उसके लिये चोर -उचक्का बहुत छोटा शब्द है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

कुछ न कहने से भी छिन जाता है ए़जाजे सुखन..
ज़ुल्म सहने से भी ज़ालिम की मदद होती है.

देखें अहंकारी मुख्यमंत्री के रवैये से संबंधित वीडियो…

Advertisement. Scroll to continue reading.

हिंदी ब्लागर और वेब एक्सपर्ट मैथिली गुप्ता की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन्हें भी पढ़ें…

 

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement