24 नवम्बर 2016 की अमर उजाला देहरादून की पेज दो की लीड खबर… इसमें मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे आनन्द रावत को ‘सन ऑफ सरकार’ लिखा गया है. साथ ही यह भी लिखा गया है कि उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक की है। सर्जिकल स्ट्राइक भी प्रदेश के उन 10 नेताओं के खिलाफ जो कांग्रेस से बागी हुये। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से लेकर कई वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं। हरीश रावत के जिस बेटे आनंद रावत का बखान अमर उजाला ने किया है, वह आज तक कोई चुनाव जीतना तो दूर, लड़े तक नहीं हैं।
प्रदेश के दस बड़े लीडर्स की छोटी-छोटी फोटो लगाकर और बराबर में आनन्द रावत की एक बड़ी फोटो लगाकर इस खबर के जरिए यह साबित करने का प्रयास किया गया है कि इन सब के लिए तो आनन्द रावत ही काफी है। अमर उजाला ने इससे पहले भी आनन्द रावत को प्रमोट करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया है। पहाड़ी खेलों को प्रमोट करने के नाम पर अभियान चलाकर आनन्द रावत को प्रमोट किया गया। लेकिन अबकी तो हद ही हो गई।
आनन्द रावत को ऐसे प्रमोट कर दिया गया जैसे वह राहुल गांधी से भी बड़े नेता हैं। जिन दस बागियों को सोनिया गांधी तक नहीं रोक पाईं उन्हें रोकने के लिए आनंद रावत को इस तरह से पेश करने को क्या पत्रकारिता कहा जा सकता है। सवाल यह भी है कि क्या यह अखबार इस चुनाव में निष्पक्ष रह पायेगा? बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से इसकी शिकायत अमर उजाला प्रबंधन को करने की तैयारी कर ली गई है।
सादर
एक शुभचिन्तक
देहरादून से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.