देहरादून : नानीसार (द्वारसो) मामले में प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका लगा है। 23 जनवरी 2016 को नानीसार (द्वारसों) में जिन्दल के बाउन्सरों द्वारा उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उ०प०पा०) के केन्द्रीय अध्यक्ष पी०सी० तिवारी व महिला नेत्री श्रीमती रेखा धस्माना के साथ मारपीट की गई। पी०सी० तिवारी व रेखा धस्माना के साथ हुई मारपीट की सूचना देने वरिष्ठ नागरिक आनंदी वर्मा अल्मोड़ा थाने पहुँची। फिर दोनों का मेडिकल करवाने रानीखत अस्पाताल गईं।
रानीखेत से मेडिकल करवा कर लौटते वक्त अध्यक्ष पी०सी०तिवारी, महिला नेत्री श्रीमती रेखा धस्माना, वरिष्ठ नागरिक श्रीमती आनन्दी वर्मा व अन्य 9 लोगों को मध्य रात्रि लगभग 12:00 बजे गिरफ्तार कर पुलिस थाना (अल्मोड़ा) लाया गया और 24 जनवरी की सुबह लगभग 3:30 बजे सभी 12 लोगों को जेल में डाल दिया गया।
12 लोगों को गैरकानूनी रूप से जेल भेजने को लेकर उ०प०पा० के केन्द्रीय अध्यक्ष श्री पी०सी० तिवारी द्वारा सत्र न्यायालय में की गई चुनौती पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा के श्री ज्ञानेंद्र शर्मा ने निर्णय दिया है जिसमें उन्होंने संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत के श्री विनीत कुमार की कार्रवाही को दुर्भाग्यपूर्ण, मनमानी एवं प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग घोषित करते हुए मामले को निरस्त कर दिया है।
इस निर्णय के आने के बाद इस घटना में शामिल जिम्मेदार पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही जरूरी है और इस कुचक्र को रचने के लिए हरीश रावत को राज्य की जनता से माफी मांगते हुए मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देना चाहिए। हम तमाम अमन पसंद संघर्षशील साथियों से इस मामले को लेकर आवाज बुलंद करने की अपील करते हैं।
भार्गव चन्दोला
केन्द्रीय प्रवक्ता
उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी
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