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उत्तराखंड

मसूरी में बवाल काटते पंजाबी नवाबजादों को जमकर पीटा उत्तराखंड पुलिस ने

आज मसूरी में हूं. जिस होटल में ठहरा हूं, वंहा पंजाब के लड़कों का एक झुंड भी ठहरा हुआ था. हां, आप सही पढ़ रहे हैं, यह झुंड ही है. इनकी बीएमडब्लू, औडी जैसी गाडि़यों से होटल का आंगन भरा पड़ा है. इस झुंड ने रात को दस बजे के बाद डीजे बंद होने पर बवाल किया. बवाल क्या बल्कि बेहूदी की हदें पार कीं. होटल के लोगों को मारा, उन्हें मां-बहन की गालियां दीं. मैं जब दोस्तों के साथ होटल पहुंचा तो यह बवाल जारी था. 40-50 लड़के थे. उन्होंने डीजे का सामान समेट रहे लड़के को जमकर पीटा और उसका सामान फेंक दिया. इस बीच तीन पुलिसकर्मी भी होटल पहुंचे. लेकिन नशे में धुत इन नवाबजादों ने उनसे भी मारपीट की. चीख-चीख कर धौंस दी कि बुलाओ साले एसएसपी को. इनमें से कुछ होटल कर्मचारियों को पीट रहे थे. मैं यह सब देख रहा था. सच बताऊं तो इतना लाचार मैंने खुद को कभी पहले नहीं पाया था. जब वो मिलकर गरीब कर्मचारियों को पीट रहे थे तो कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूं? 

<p>आज मसूरी में हूं. जिस होटल में ठहरा हूं, वंहा पंजाब के लड़कों का एक झुंड भी ठहरा हुआ था. हां, आप सही पढ़ रहे हैं, यह झुंड ही है. इनकी बीएमडब्लू, औडी जैसी गाडि़यों से होटल का आंगन भरा पड़ा है. इस झुंड ने रात को दस बजे के बाद डीजे बंद होने पर बवाल किया. बवाल क्या बल्कि बेहूदी की हदें पार कीं. होटल के लोगों को मारा, उन्हें मां-बहन की गालियां दीं. मैं जब दोस्तों के साथ होटल पहुंचा तो यह बवाल जारी था. 40-50 लड़के थे. उन्होंने डीजे का सामान समेट रहे लड़के को जमकर पीटा और उसका सामान फेंक दिया. इस बीच तीन पुलिसकर्मी भी होटल पहुंचे. लेकिन नशे में धुत इन नवाबजादों ने उनसे भी मारपीट की. चीख-चीख कर धौंस दी कि बुलाओ साले एसएसपी को. इनमें से कुछ होटल कर्मचारियों को पीट रहे थे. मैं यह सब देख रहा था. सच बताऊं तो इतना लाचार मैंने खुद को कभी पहले नहीं पाया था. जब वो मिलकर गरीब कर्मचारियों को पीट रहे थे तो कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूं? </p>

आज मसूरी में हूं. जिस होटल में ठहरा हूं, वंहा पंजाब के लड़कों का एक झुंड भी ठहरा हुआ था. हां, आप सही पढ़ रहे हैं, यह झुंड ही है. इनकी बीएमडब्लू, औडी जैसी गाडि़यों से होटल का आंगन भरा पड़ा है. इस झुंड ने रात को दस बजे के बाद डीजे बंद होने पर बवाल किया. बवाल क्या बल्कि बेहूदी की हदें पार कीं. होटल के लोगों को मारा, उन्हें मां-बहन की गालियां दीं. मैं जब दोस्तों के साथ होटल पहुंचा तो यह बवाल जारी था. 40-50 लड़के थे. उन्होंने डीजे का सामान समेट रहे लड़के को जमकर पीटा और उसका सामान फेंक दिया. इस बीच तीन पुलिसकर्मी भी होटल पहुंचे. लेकिन नशे में धुत इन नवाबजादों ने उनसे भी मारपीट की. चीख-चीख कर धौंस दी कि बुलाओ साले एसएसपी को. इनमें से कुछ होटल कर्मचारियों को पीट रहे थे. मैं यह सब देख रहा था. सच बताऊं तो इतना लाचार मैंने खुद को कभी पहले नहीं पाया था. जब वो मिलकर गरीब कर्मचारियों को पीट रहे थे तो कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूं? 

पुलिस वाले भी लाचार नज़र आ रहे थे लेकिन थोड़ी ही देर बाद जो हुआ उसे देख कर दिल खुश हो गया. पुलिस के लगभग 10 जवान एक स्थानीय होटलकर्मी के साथ होटल में दाखिल हुए. और जहां यह झुंड बैठकर खाना खा रहा था, वहां लाठियां भांजनी शुरू की. जो नवाबजादा सबसे ज्यादा धौंस दे रहा था, उसे सबसे तबीयत से पीटा. होटल कर्मचारियों से उन्हें पीटने वालों की पहचान करवाई और डंडों से धो डाला. 

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कसम खा कर कह सकता हूं कि किसी को पिटते हुए देखकर इतनी खुशी पहले कभी नहीं हुई थी. दिल को तसल्ली सी हो गई. यह देखकर कि औडी, बीएमडब्ल्यू खड़ी रह गई और नवाबजादों को उनकी करतूत का जवाब तुरंत ही मिल गया. हिंसा कभी इतनी प्यारी लगेगी, ये सोचा नहीं था. उत्तराखंड पुलिस, ‘I love you for what you have done today.’

राहुल कोटियाल के एफबी वॉल से

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