पिकनिक मना रहे पीठासीन अधिकारी… इसे कहते हैं सांप भी मर जाय-लाठी भी ना टूटे। कुछ ऐसा ही किया श्रम न्यायालय बरेली ने। श्रम न्यायालय बरेली में माह जून में सुनवाई की तारीखें भी लग रहीं हैं और न्यायालय के गेट पर पूरे जून माह के लिए ताला भी जड़ दिया गया है। मजीठिया केसों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के छह माह में निस्तारण के आदेश के बावजूद श्रम न्यायालय बरेली में ताला लटका देख क्लेमकर्ता व उनके वकील हैरान हैं।
वहीं अखबार मालिक व उनके पैरोकार खुश हैं कि जो हो रहा है, वह उनकी मंशा के मुताबिक हो रहा है।
अखबार मालिकों ने मई में ही श्रम न्यायालय पर जून माह में ग्रीष्म अवकाश रखने को दबाव बनाया था, तब इसकी शिकायत शासन से होने पर दिनांक 31/05/2018 को रजिस्ट्रार, औद्योगिक न्यायधिकरण एवं श्रम न्यायालय इलाहाबाद डॉ. दिव्य प्रताप सिंह ने भी लेबर कोर्ट बरेली को माह जून में मजीठिया केसों की सुनवाई जारी रखने के आदेश दिए।
तब पीठासीन अधिकारी ने मजीठिया केसों में सुनवाई की माह जून में तारीखें तो लगा दीं मगर साथ ही साथ उन तारीखों पर सुनवाई की लिए मौजूद ना रहने की भी ठान ली ।
बुधवार को अमर उजाला के खिलाफ मजीठिया केस लगा था। वादी जब अपने वकील के साथ पहुंचा तो श्रम न्यायालय गेट पर ताला जड़ा देख हैरत में पड़ गया।
पता चला कि पीठासीन अधिकारी दस दिन के अवकाश पर हैं। उनके अवकाश पर रहने से कोर्ट गेट पर ताला जड़े होने की वजह कोई ना बात सका। अन्य स्टाफ भी नदारद। काफी खोजने पर एक बाबू नजर आया, उसने फिर जून माह की 20 तारीख बताकर केस के वादियों को बैरंग कर दिया।
गौरतलब है कि इस बीच अमरउजाला प्रबंधन से तारीख पर कोई नहीं पहुंचा। जाहिर है कि उनको पहले से पता था, आज न्यायालय बंद है। बहरहाल मामले की फिर प्रमुख सचिव श्रम से शिकायत की गई है।
Prerna
June 16, 2018 at 5:00 am
How to improve the Indian judiciary system