कथित पत्रकार अब किसी भी पुलिस अधिकारी को धमकी देने से भी नहीं डर रहे हैं। ताजा प्रकरण पीलीभीत का है। जहां डीआइजी बरेली को प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात एक आइएएस अधिकारी बताकर धमकी देने के मामले में एक कथित पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि नवीन इससे पहले गाजियाबाद में डीएम के स्टेनो को फोन करके धमका चुका है। तब उसके खिलाफ कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी और वह जेल भी गया था।
खुद को स्वतंत्र पत्रकार बताने वाले युवक ने प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात आइएएस बनकर बरेली के डीआइजी आरकेएस राठौर कार्यालय में फोन किया। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी प्रकरण में जानकारी मांगते हुए उसने टेलीफोन ड्यूटी पर तैनात सिपाही और फिर डीआइजी के पीआरओ से अभद्रता की। स्वयं को प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात आइएएस राकेश कुमार बताते हुए युवक ने डीआइजी कार्यालय में फोन किया था।
टेलीफोन ड्यूटी पर मौजूद सिपाही मुकीश खां से अभद्रता करने के बाद युवक ने डीआइजी के पीआरओ रविंद्र सिंह से बात की और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी व वनकर्मी के बीच हुए विवाद पर कार्रवाई की जानकारी मांगते हुए अभद्रता से बात की। पीआरओ को उसके बात करने के अंदाज से शक हुआ। मामला डीआइजी आरकेएस राठौर के संज्ञान में आया और उन्होंने पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए। सर्विलांस पर लेकर मोबाइल नंबर की डिटेल खंगाली गई तो नंबर पीलीभीत में कोतवाली के मुहल्ला डोरीलाल निवासी नवीन चतुर्वेदी का निकला।
इसके बाद कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तारी के उद्देश्य से उसे बहाने से बरेली बुलाया और गिरफ्तार कर लिया। कोतवाली में डीआइजी के पीआरओ रविंद्र सिंह की ओर से उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। एसपी सिटी राजीव मल्होत्रा का कहना है कि नवीन ने खुद को पीएमओ में तैनात आइएएस बताकर डीआइजी ऑफिस में टेलीफोन ड्यूटी पर सिपाही और पीआरओ से अभद्रता की थी। रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।