वाराणसी में गांधीयन मिडिया ग्रुप एवं भारतीय जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के स्थापना दिवस पर सराहनीय योगदान के लिए “गांधीयन अचीवमेंट एवार्ड 2015 ” से विशिष्ट जनों को नवाजा गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने पत्रकारों, साहित्यकारों और कलाकारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर साहित्यकार पत्रकार व कलाकार के सर्वहित सवालों पर गहरी चिंता चर्चा की गई।
सम्मान समारोह की एक झलक
खास तौर से पत्रकारों के लिए सकारात्मक दिशा में अहिंसात्मक आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का निर्णय लिया गया। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री को सम्बंधित 14 सूत्रीय ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही का आग्रह किया गया। साथ ही ‘गांधी जी के विचारों को जन जीवन में अपनाने की जरुरत, पर्यावरण संकट के निदान के लिए मन बनाये’ विषय पर चर्चा की गई।
सम्मान समारोह के दौरान सराहनीय योगदान के लिए पत्रकारिता के क्षेत्र में न्यूज़ नेशन के रिपोर्टर काशीनाथ शुक्ल , ईनाडु से अमल श्रीवास्तव ,वैभव कुमार ,मो आसिफ ,पर्यावरण समाज सेवा के क्षेत्र में ओंकार सिंह ,डॉ जयचंद शाही व साहित्य के क्षेत्र में दास पुष्कर, श्रीमती अजिता श्रीवास्तव ,पं इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ,आशिक बनारसी विधिक क्षेत्र के लिए सुश्री अंजना श्रीवास्तव एडवोकेट को गांधियन अचीवमेंट एवार्ड 2015 से नवाजा गया।
पत्रकारों ,साहित्यकारों व कलाकारों की उपेक्षा किसी से छिपी नहीं है। इसे दूर करने के लिए व दशा व दिशा में सुधार के लिए 14 सूत्रीय मांगें प्रधानमंत्री को भेजने के साथ एक प्रति मनोज सिन्हा को सौंपा गया। ”गांधीयन मीडिया ग्रुप” से सम्बद्ध ‘भारतीय जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन’ पत्रकार साहित्यकार एवं कलाकार बंधुओं समग्र हितों की पूर्ण सुरक्षा ,कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में हर स्टार पर संघर्ष करने हेतु प्राण प्रण प्रतिबद्धता पूर्ण सक्रीय संगठन है इसकी 14 सूत्रीय मांगें हैं __
1 – प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मिडिया संस्थानों में पत्रकारों ,छायाकारों एवं कर्मचारियों में पारदर्शिता बरती जाय तथा बिना ठोस व जायज कारणों के मनमाने तरीके से नियुक्ति अथवा निष्कासन प्रक्रिया न अपनायी जाय जिससे उनके हितों की रक्षा हो सके।
2 – सभी साहित्यकारों व कलाकारों की आर्थिक सुरक्षा हेतु पेंशन योजना प्रभावी ढंग से लागू की जाय।
3 – प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मिडिया संस्थानों में सख्ती के साथ बछावत आयोग के लागू किया जाय।
4 – देश में साहित्य के व्यापक प्रचार -प्रसार एवं प्रेरक साहित्यिक आयोजनों हेतु काशी में भव्य साहित्य भवन का निर्माण कराया जाय।
5 – प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मिडिया संस्थानों में कार्यरत सभी पत्रकारों ,छायाकारों व कर्मचारियों के साथ ही साहित्यकारों एवं कलाकारों के लिए निःशुल्क चिकित्सा एवं आवास की समुचित व्यवस्था बिना किसी भेद भाव के सुलभ कराई जाय।
6 – सभी साहित्यकारों के आर्थिक कल्याण के लिए सरकार द्वारा उनके साहित्य प्रकाशन ,वितरण तथा उसकी उचित रायल्टी प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
7 – ख्यातिलब्ध साहित्यकारों की जन्मस्थली का जीर्णोद्धार ,निर्माण की सुव्यवस्था लागू करने का प्राविधान किया जाय।
8 – देश के भीतर हिंदी भाषा को सभी सरकारी तथा अर्धसरकारी कार्यालयों में कार्य रूप में अनिवार्यतः परिणित किया जाय तथा हिंदी का व्यापक प्रचार -प्रसार किये जाने पर पर्याप्त बल दिया जाय।
9 – काशी संग देश के भीतर सभी जिलों में प्रख्यात साहित्यकारों, पत्रकारों और कलाकारों के नाम पर स्थानीय मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों का नामकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाय।
10 – सभी सरकारी पुरस्कारों के लिए चयनित रचनकार /पत्रकार /कलाकार /संगीतकार की कृति के मूल्याङ्कन के आधार पर ही पुरस्कृत सुनिश्चित किये जाने की व्यवस्था की जाय।
11 – ख्यातिलब्ध मूर्धन्य साहित्यकार पत्रकार ,कवि जयशंकर प्रसाद ,आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ,मोहनलाल गुप्ता ,भैया जी बनारसी ,डॉ शम्भुनाथ सिंह ,पं द्विजन्द्र नाथ मिश्रा ,निर्गुण ठाकुर प्रसाद सिंह के नाम पर विविध क्षेत्रों में सरकारी पुरस्कारों की घोषणा की जाय।
12 – सभी प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मिडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों व छायाकारों से ली जाने वाली अतिरिक्त अवधि की सेवाओं का उचित पारिश्रमिक उन्हें प्रदान करना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही दिल्ली लखनऊ कलकत्ता की तरह वाराणसी संग पूर्वांचल की सभी जनपदों में कार्यरत मिडिया कर्मियों को नियमित साप्ताहिक अवकाश दिया जाय।
13 – सरकारी अर्धसरकारी साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थाओं के द्वारा आयोजित किये जाने वाले विविध कार्यक्रमों को जो आमजन सरोकार से जुडी खबरों को लोकहित व समाज व देशहित में मिडिया संस्थान में सूचना प्राप्त होने के बाद प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मिडिया से सम्बंधित प्रतिनिधि की स्थलीय उपस्थिति अनिवार्य कराई जाय। जिसमे निष्ठां पुर्बक आयोजनों को करने वालो का सकारात्मक उत्साहवर्धन। धन बल छल कल के जरिये शार्टकट व सेटिंग गेटिंग माध्यम से गलत व अनुचित लाभ प्राप्त करने वाले तत्वों का मनोबल न बढे। उनपर प्रभावी अंकुश लगाया जाय।
14 -ख्यातिलब्ध हिंदी उपन्यासकर सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की लमही वाराणसी स्थित जन्मस्थैली के जीर्णोद्धार के समग्र विकास हेतु सम्पूर्ण सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में व्याप्त भारी लूट खसोट व साहित्यकारों के किये जा रहे अपमान -प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध न्यायोचित दंडात्मक क़ानूनी कारवाही सुनिश्चित कराई जाय।