Amitabh Thakur : मेरी पत्नी नूतन ठाकुर ने पिछले दिनों कई गलत काम किये हैं लेकिन उनमे सबसे गलत काम निश्चित रूप से नॉएडा के भले शेर अभियंता और देश के पूर्व युवराज के जिले के खनन बाबा के खिलाफ शिकायतें हैं. ये दोनों ऐसे लोग हैं जिनके सम्बन्ध में बच्चा-बच्चा यह मानता है कि उन पर साक्षात् लक्ष्मी की कृपा है, साथ ही यह भी मान्यता है कि इन दोनों ने तंत्र का मन्त्र पूरी तरह समझ लिया है और ऊपर से नीचे तक सभी जगह इनके पत्ते फिट हैं, और जो व्यवस्था में फिट है, जाहिर है वह हिट है. इसीलिए यादव प्रजापति बंधू पूरी तरह और बुरी तरह हिट हैं, सुपरहिट. इस तरह हिट कि इनके लिए स्वयं व्यवस्था खड़ी हो जाती है यह कहते हुए कि ये भोले हैं और भले भी.
गलती इंसान से एक बार होती है, यदि कोई बार-बार वाही काम दुहराए तो उसे गलती नहीं कहते वह जानबूझ कर किया गया कुकृत्य है और नूतन ठाकुर यही कर रही हैं. तभी तो जैसे ही उन्होंने खनन बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज की, खनन बाबा ने चिल्लाते हुए कहा था कि नूतन ठाकुर को अपील करने की आदत हो गयी है, वे सस्ती लोकप्रियता के लिए इसी प्रकार से अपील करती रहती हैं. इस पर भी वे नहीं मानीं तो पहले एक खबरी बाबू से धमकी और उतने पर बात नहीं बनी तो रेप का गेम, अर्थात खलास करने का शानदार उपाय- वह भी अकेले नहीं पति-पत्नी को एक साथ निबटने का अचूक नुस्खा. यह अलग बात है कि रेप का खेल फ्लॉप हो गया और अब ये पति-पत्नी कहाँ बलात्कार-कहाँ बलात्कार कह कर चिल्लाते घूम रहे हैं पर व्यवस्था है कि इस कथित बलात्कार की घटना को उसी तरह भूल चुकी है जैसे गदहे के सिर से सिंह.
नूतन की हरकतों से खफा खनन बाबा इतने पर नहीं माने थे और उन्होंने और उनके सभी मुंहबोले गदाधारियों ने एक-एक कर अपनी सत्यनिष्ठ और ईमानदारी की कहानी गाते हुए नूतन के खिलाफ एक के बाद एक मानहानि की नोटिस देनी शुरू की और फिर कोर्ट में मुकदमे. इस बीच पूरी दुनिया (और पूरी मीडिया) चिल्लाती रही, परत दर परत खोलती रही पर कहते हैं न कि मियाँ-बीवी राजी तो क्या करेगा काजी, या फिर सैयां भये कोतवाल तो अब डर काहे का. ऐसे में नूतन और तमाम खबरी नक्कारखाने में तूती की आवाज़ से अधिक कुछ नहीं साबित हुए, यह जरुर है कि इनकी दशा राणा सांगा की हो गयी कि अस्सी घाव लगे हैं तन पर.
लगभग खनन बाबा के साथ-साथ ही जनमानस में एक और नायक का उदय हुआ- शेर अभियंता, नॉएडा वाले. सोना निकला, चांदी निकले, निकले कई-कई तार, पर जब ऊपर वाले का साया बाकी सब बेकार. और, आज जब नूतन ने बताया कि शेर अभियंता डंके की चोट पर गीता की कसम खा कर कह रहे हैं कि उन्होंने कभी किसी मामले में भ्रष्टाचार नहीं किया और अपना सरकारी दायित्व पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाया, तो मुझे पक्का विश्वास हो गया कि पक्का खलीफा सबसे पहले गीता की झूठी कसम खाना सीखता है, तभी उसे बाकी गलत कामों की शिक्षा दी जाती है.
मुझे यह भी अच्छा लगा कि शेर अभियंता ने कहा है कि उनके बारे में सभी सूचनाएँ निर्मूल हैं और मीडिया ने इस मुद्दे को बिना तथ्यों के तोड़मरोड़ कर सनसनी फैलाई, क्योंकि यही बात लगभग हूबहू खनन बाबा ने भी कही थी. इसमें भी कोई शक नहीं कि यदि खनन बाबा और शेर अभियंता के कोई वाकई गुनाहगार हैं तो यह मीडिया ही है क्योंकि यदि नूतन जैसे चार-छह सिरफिरे इन मुद्दों को उठाते भी तो जिस प्रकार तंत्र के रखवाले पूरी बात समझ कर क्षीरसागर में अविचलित अवस्था में बने रहे, यदि ये मीडिया वाले भी वैसी ही शांति और निर्लिप्तता का प्रदर्शन करते तो ये मामले कत्तई नहीं फैलते.
शेर अभियंता ने कहा है कि नूतन और मीडिया के लोगों ने उन पर अत्यंत आपत्तिजनक और मानहानिपरक आरोप लगाए हैं जिनपर वे कानूनी कार्यवाही करेंगे. इस रूप में भी वे खनन बाबा के ही सच्चे शिष्य जान पड़ते हैं. लब्बोलबाब यह कि देश-समाज को यादव प्रजापति राज की बहुत जरुरत है और सभी सच्चे देशभक्तों को इन लोगों के सहयोग में खड़े होना चाहिए और इनमे येन-केन-प्रकारेण खोट निकाले की अपनी बुरी आदत तो त्याग देना चाहिए. इसी में देश का सुख है, समाज का उत्थान है और स्वयं का भला भी.
यूपी कैडर के वरिष्ठ और बेबाक आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के एफबी वॉल से
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