Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

कनहर के विस्थापितों के दमन पर रोक लगाएं अखिलेश यादव : अखिलेन्द्र

लखनऊ : आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कनहर विस्थापितों पर चल रहे दमन के विरुद्ध प्रतिवाद पत्र भेजकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा है कि वह हस्तक्षेप कर जिला प्रशासन को दमन की कार्यवाही पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आवश्यक निर्देश दें। 

<p>लखनऊ : आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कनहर विस्थापितों पर चल रहे दमन के विरुद्ध प्रतिवाद पत्र भेजकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा है कि वह हस्तक्षेप कर जिला प्रशासन को दमन की कार्यवाही पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आवश्यक निर्देश दें। </p>

लखनऊ : आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कनहर विस्थापितों पर चल रहे दमन के विरुद्ध प्रतिवाद पत्र भेजकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा है कि वह हस्तक्षेप कर जिला प्रशासन को दमन की कार्यवाही पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आवश्यक निर्देश दें। 

आइपीएफ संयोजक ने पत्र में कहा है कि कनहर प्रकरण में जो दमन हो रहा है, वह शासन द्वारा विधि के प्रतिकूल की गयी कार्यवाही का परिणाम है। हमारी पार्टी ने बार-बार पत्रक देकर यूपी सरकार से कनहर प्रकरण में विधि के अनुकूल कार्यवाही करने का अनुरोध किया था। हमने कहा था कि कनहर सिंचाई परियोजना स्पष्ट तौर पर भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत आती है और इसके प्रकरण यदि 2013 के कानून के दायरे में हल किये जाएं तो इससे दुद्धी में पानी की समस्या भी हल होगी और प्रभावित लोगों को विधिक अधिकार भी प्राप्त हो सकेंगे। सबसे चिंताजनक बात यह है कि आंदोलन के प्रतिनिधियों और निर्दोष नागरिकों को, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, उन्हें अस्पताल से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। इन गिरफ्तारियों को सनसनीखेज बनाया जा रहा है।  

Advertisement. Scroll to continue reading.

पत्र में उन्होंने कहा है कि इस संदर्भ में एक ही उदाहरण वस्तुस्थिति को समझने के लिए काफी है। कोरची गांव के गम्भीरा प्रसाद, जो आंदोलन के प्रतिनिधि के बतौर कनहर परियोजना को भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत लाने के लिए उच्च न्यायालय में लम्बित रिट के पूरक को लिखवाने इलाहाबाद अपने अधिवक्ता के चैम्बर तक गए थे। उन्हें मुकदमे के कागजात फोटोस्टेट कराते समय चैम्बर के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस और प्रशासन ने इस गिरफ्तारी को इस तरह से प्रस्तुत किया, मानो वह कुख्यात अपराधी हों और उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस ने कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली हो। जबकि गम्भीरा प्रसाद पर जो भी मुकदमे हैं, वह कनहर आंदोलन के दौर के हैं और इसके अलावा उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। पुलिस की इस तरह की कार्यवाही लोगों को उनके न्यायिक अधिकार से भी वंचित करती है। स्पष्ट तौर पर यह दमनात्मक और लोकतंत्र-विरोधी कार्यवाही है। 

अखिलेन्द्र ने मुख्यमंत्री से मांग है कि तत्काल प्रभाव से दमन अभियान पर रोक लगायी जाए, स्वतः 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के दायरे में आने वाली कनहर परियोजना से प्रभावित लोगों व विस्थापितों के विधिक अधिकारों का इस कानून के तहत निष्पादित किया जाए और उनके शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करने के अधिकार को सुनिश्चित करते हुए वार्ता कर उनकी समस्याओं का लोकतांत्रिक समाधान किया जाए। 

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement