पुलिस वालों की नौकरी बचाने के लिए डाक्टर बन गया गली छाप गुंडा
सीकर : पत्रकार यशवंत चौधरी एक फोन आने पर अपना कैमरा उठाए निजी हॉस्पिटल आर सी ढाका की तरफ़ रवाना हुए जहां बाहर ही पुलिस के अलावा एक सामाजिक संगठन के लोग खड़े मिले। ये लोग सैनी समाज से ताल्लुक़ रखते हैं। उन्होंने ही यशवंत को रिकॉर्डिंग के लिए बुलवाया था। उनका यह कहना था कि पुलिस एक मरीज़ को ज़बरन ले जाने की कोशिश कर रही है जिसको 22 अगस्त की रात को तीन पुलिस वालों ने मिलकर बेहताशा पीटा था। इसकी वजह से उसे गंभीर चोटें आयी थी और बेहोश हो गया था।
22 अगस्त की रात को तेज बरसात के बाद चौकी का बिजली कनेक्शन हिल गया था जो बिना मीटर के लगा हुआ था। इसलिए बिजली विभाग के कांट्रैक्ट कर्मचारी लालचंद सैनी को कनेक्शन जोड़ने के लिए कहा गया जिसमें लालचंद ने असहमति जता दी। इसके बाद पुलिस वालों ने उसे लात घूसों से जमकर मारा।
बेहोश बिजली कर्मचारी को पुलिस की गाड़ी में पटककर सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे दर्द का इंजेक्शन लगाकर वापस बिजली कार्यालय पटक दिया गया। अंदरूनी चोटों की वजह से कर्मचारी दोबारा बेहोश हो गया और उसके सहायक कर्मचारियों ने उसे फिर अस्पताल पहुँचा दिया साथ ही परिजनों को भी ख़बर दे दी। अगली सुबह मामला बढ़ने पर सैनी समाज के संगठन फुले ब्रिगेड ने प्रदर्शन किया व एस पी को ज्ञापन दिया, जिसके बाद पुलिस वालों को लाइन हाज़िर कर दिया गया मगर कर्मचारी के परिजनों ने उसे सरकारी अस्पताल से छुट्टी दिला एक निजी अस्पताल आर सी ढाका में भर्ती करा दिया।
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परिजनों का आरोप था कि पूरे समय पुलिस के गुर्गे मरीज़ के आस पास ही बने हुए थे जिसकी वजह से फूले ब्रिगेड ने भी बारी बारी से मज़दूर की सुरक्षा के लिए आना जाना जारी रखा, 28 अगस्त को पुलिस के दो कॉन्स्टेबल अस्पताल में आकर परिजनों को कहते हैं कि दोबारा से मेडिकल मुआयना कराने के लिए आपको सरकारी अस्पताल चलना पड़ेगा इस पर फुले ब्रिगेड के सीकर प्रदेशाध्यक्ष जयप्रकाश सैनी ने उनसे लिखित में आर्डर माँगे जिसे पुलिस वाले दिखा नहीं पाए और इसके चलते पीड़ित कर्मचारी के परिजनों ने पत्रकार यशवंत को फ़ोन किया और कहा कि एक बार आओ जाओ और जो पुलिस कर रही है उसे रिकॉर्ड कर लो।
जब यशवंत रिकॉर्डिंग कर रहा था और पीड़ित कर्मचारी लाल चंद सैनी से बात कर रहा था उसी समय हॉस्पिटल के स्टाफ़ ने आकर पीछे से कैमरा बंद कर दिया और साथ ही धमकी दी कि सारी फ़ुटेज डिलीट कर तुरंत यहाँ से निकल जाए, यशवंत ने कैमरा दुबारा से शुरू किया और कर्मचारी उसमें यह कहता भी दिखा के मरीज़ को डिस्चार्ज कर दो जबकि मरीज़ ख़ुद काफ़ी गम्भीर अवस्था में था।
पत्रकार डा. यशवंत चौधरी
मरीज़ के पिता तभी कमरे में आकर बताते हैं कि मेडिकल रिपोर्ट अस्पताल नहीं दे रहा है और उनका कहना है कि पुलिस ने मना किया है। यहाँ पर बता दें कि लाल चंद सैनी की जो पहले मेडिकल रिपोर्ट हुई थी उस से कहीं ज्यादा चोटें आयी थी और निजी अस्पताल की एक्सरे रिपोर्टों में उसकी पुष्टि भी हुई थी शायद इसीलिए किसी दबाव में अस्पताल ने रिपोर्टों को मरीज़ को देने से मना कर दिया।
मरीज़ के परिजन डॉक्टर से बात करने नीचे गए पीछे पीछे यशवंत भी नीचे पहुँचा जहाँ पर डॉक्टर आर चिट्ठाकार ने कहा कि ये केमरा से सारी फ़ोटो में निकाल दें और ज़्यादा होशियारी मत दिखा साथ ही अपने स्टाफ़ से कहा कि इससे सामान छीन लो और हड्डी पसली तोड़ दो। यह सुनकर यशवंत तुरंत कमरे से बाहर निकला और बाहर चले गया। बाहर खड़ी स्कूटी में से यशवंत ने एक और मोबाइल निकाला जिसमें कैमरे की तरह इस्तेमाल करता है और उसे भी लेकर नीचे इस बात को रिकॉर्ड करने गया कि अस्पताल वाले रिपोर्ट देने से मना कर रहे हैं।
वहाँ यशवंत के मरीज़ के पिता से बात कर ही रहा था कि अंदर से आर सी डाका की आवाज़ आयी कि इसको जाने मत देना और सादे कपड़ों में पुलिस है उनको भी बता दो। ऐसा सुनते ही यशवंत फिर पलटा और बाहर की तरफ़ भागा क्योंकि उसे अपनी फ़ुटेज मिल चुकी थी मगर पीछे से एक टोपी पहना स्टाफ़ आया जिसमें यशवंत के दॉंए कूल्हे में एक इंजेक्शन घोंप दिया जिसके बाद भी यशवंत रोका नहीं और ऊपर सीढ़ियों की तरफ़ भागता रहा मगर हॉस्पिटल स्टाफ़ और कुछ सादे कपड़ों में अन्य लोगों ने उसे सीढी पर नहीं जाने दिया और उसका मोबाइल व कैमरा छीन लिया साथ ही जमकर मारपीट की।
एक आदमी ने ईंट का अध्धा मारकर यशवंत के नाक के ऊपर गंभीर चोट की साथ ही कुछ लोगों ने गला दबाने की भी कोशिश की यह सारा घटनाक्रम CCTV में क़ैद हो गया। सब कुछ इतना तेज़ी से हुआ कि किसी को कुछ करने का मौक़ा ही नहीं लगा जब तक लोग बीच बचाव करते तब तक यशवंत के इंजेक्शन लग चुका था और साथ ही हर तरफ़ खून ही खून था।
सैनी समाज के लोगों के आने से पत्रकार की जान बच गयी थी और उसे अस्पताल के बाहर ले जाया गया। बाहर जाने के बाद यशवंत ने अपना एक और मोबाइल जेब से निकाला और लाइव वीडियो शुरू कर दिया इस समय तक कूल्हे में घोंपा इंजेक्शन अपना असर दिखाना शुरू कर चुका था। फिर यशवंत ने जी भरकर हर किसी को गालियां दी और साथ ही अपना मोबाइल वापस नहीं मिलने तक वहाँ से नहीं जाने की बात कहते हुए पुलिस, मेडिकल, नेता, डाक्टर, अच्छे दिन आदि सबको भर भरकर कोसा जिस वीडियो को लाइव 20 हजार लोग देख रहे थे और समाचार लिखे जाने तक 32 लाख लोग देख चुके हैं। मामला इतना बढ़ गया कि इसमें पुलिस के कमांडो भी पहुँच गए और हज़ारों की भीड़ लग गई। वीडियो को सोशल मीडिया पेज ‘सीकर टाइम्स’ पर पोस्ट किया गया।
देखें संबंधित वीडियो… हमले के बावजूद पत्रकार ने मोबाइल से लाइव कर दुनिया को पूरी खबर की जानकारी दी…
Tarachand
September 4, 2018 at 3:56 pm
you are great sir