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सुख-दुख

स्टिंग की सीडी से दलालों ने कमाए करोड़ों, सबक सिखाएंगे सीएम रावत

उत्तरांचल : चर्चाओं के अनुसार मुख्यमंत्री  हरीश रावत के तख्ता पलट के लिए करोड़ों के नोट बिछाये गए. कथित सीडी का करोड़ों में सौदा किया गया, सौदा करने वाला एक पुराना भूमाफिया और  दलाल है। ये दलाल अब ब्लैकमेलिंग करके बिल्डर बन गया है। इस दलाल ने कई नेताओं और अधिकारियों का भी स्टिंग किया हुआ है। ये विवादास्पद दलाल कई अनैतिक धंधों में भी शामिल है। इस दलाल ने ही पत्रकार अशोक पाण्डेय की बेरोजगारी का फायदा उठाया और भाजपा तक पहुँचाने में पाण्डेय को मोहरा बनाया।

उत्तरांचल : चर्चाओं के अनुसार मुख्यमंत्री  हरीश रावत के तख्ता पलट के लिए करोड़ों के नोट बिछाये गए. कथित सीडी का करोड़ों में सौदा किया गया, सौदा करने वाला एक पुराना भूमाफिया और  दलाल है। ये दलाल अब ब्लैकमेलिंग करके बिल्डर बन गया है। इस दलाल ने कई नेताओं और अधिकारियों का भी स्टिंग किया हुआ है। ये विवादास्पद दलाल कई अनैतिक धंधों में भी शामिल है। इस दलाल ने ही पत्रकार अशोक पाण्डेय की बेरोजगारी का फायदा उठाया और भाजपा तक पहुँचाने में पाण्डेय को मोहरा बनाया।

चर्चाओं के अनुसार इस प्रकरण में स्टिंगबाजों ने दिल्ली में एक राजनैतिक दल से करोड़ों में इस लिए सौदा किया कि वह उत्तराखण्ड सरकार को अस्थिर कर सके। इस मामले में राज्य पुलिस व इंटेलिजेन्स विभाग को टेलीफोन काल की जो डिटेल मिली है वह बेहद चौंकाने वाली बतायी गयी है।

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चर्चाएं आम हैं कि राज्य में स्टिंगबाजों को यह पता नहीं था कि यह स्टिंग आपरेशन उनके लिए छप्पर फाड़ कमाई दे सकता है। मामला जब स्टिंगबाज से अब से पूर्व किये गये कई और स्टिंग के सरगने तक पहुंचा तो इस स्टिंग की कीमत हजारों से करोड़ों में जा पहुंची। स्टिंग के हाथ में आ जाने के बाद स्टिंगबाज ने इस स्टिंग के पीछे उसने राज्य सरकार में फंसी अपनी व अपने कुछ और सथियों की फाईलों (जिसमें कई जमीन से जुड़े मामले सहित कई लाइसेंस व परमिट) को क्लीयर करवाने के लिए भी दबाव बनाया लेकिन राज्य सरकार में शामिल लोगों ने जब स्टिंगबाजों की असलियत भांपी तो उन्होने हाथ पीछे खींच लिए।

चर्चाओं के अनुसार ये दलाल जमीन कब्जाने  में शामिल रहता है, और कुछ  नेताओ और अधिकारियों को सभी प्रकार की सुविधा भी देता है, चर्चाओं के अनुसार सौदा न बनता देख स्टिंगबाजों ने दिल्ली में एक राजनीतिक दल के कुछ लोगों से सम्पर्क साधा और उत्तराखण्ड की सरकार को अस्थिर करने के हथियार के रूप में इस स्टिंग को बेचने का सौदा कर डाला। चर्चाओं के अनुसार यह सौदा करोड़ों में किया गया जिसके एवज में कुछ रूपये स्टिंग को सार्वजनिक करने वाले को दिये गये जबकि जिसने स्टिंग किया उसे मात्र कुछ ही रूपये देकर टरका दिया गया। चर्चाओं के अनुसार जबकि इस सौदे की 80 फीसदी रकम स्टिंगबाज ने अपने पास रख ली।

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ख़ुफ़िया विभाग के सूत्रों ने भी मुख्यमंत्री को कई खास सुराग़ दिए है,सरकार के एक विभीषण  का भी पता चल गया है पता चला है की सरकार का एक मंत्री भी उन दिनों दिल्ली गया हुआ था और स्टिंग बाजों  की पूरी मदद कर रहा था,  ये मंत्री लम्बे समय से हरीश रावत का तख्ता पलट करना चाहता है, इस मंत्री ने ही पत्रकार पाण्डेय की प्रेस कांफ्रेंस का जाल बुना,चर्चाओं के अनुसार  दलालों ने भाजपा के बड़े नेताओं को समझाया की स्टिंग के बाद सरकार गिर जाएगी, लेकिन अब भाजपा की भी समझ में आ गया की उनका दांव  उल्टा हो गया , दलाल भाजपा को भी मोहरा बनाने में सफल रहे , भाजपा  के कई नेता दबी जुबान से मान रहे हैं कि वो भी दलालों की साजिस में फंस गयी है,

चर्चाओं के अनुसार गत दिवस पत्रकार पाण्डेय के शौपिंग काम्प्लेक्स तोड़े जाने से दलाल व भूमाफिया डरे हुए हैं, कुछ दलाल मुख्यमंत्री से माफ़ी भी मांगना चाहते हैं, लेकिन रावत किसी को भी माफ़ करने के मूड में नहीं है, मुख्यमंत्री का कहना है की वो दलालों को सबक सीखा कर रहेंगे, पत्रकार बिरादरी भी दलालों  की  साजिश  को पहचान गयी है, और सोशल मीडिया में भी दलालों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल  रहे हैं, ईमानदारी से काम करने वाली 100 प्रतिशत पत्रकार स्टिंगबाजो के विरोध में है, और ऐसे दलालों  को उत्तराखंड से खदेड़ने पर जोर दे रहे हैं, पत्रकार पाण्डेय कैसे इन दलालों के चंगुल में फंस गए ये भी चर्चा का मुद्दा  बना हुआ है

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लेखक एवं पत्रकार राजेंद्र जोशी से संपर्क : [email protected]

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0 Comments

  1. vikash shukla

    August 14, 2015 at 4:06 am

    Aaj kl kisi pr koi bhi arop lga skta hai.. ..yhan tk ki to log bhagwan ko nhi chorte. To hmlg to insaan hai.. ..jo vichar mere bhai log ashok pandey pr vykt kr rhe hai.. Usse lgta hai ki jrr pandey ji ne inko naukri ka mauka nhi diya.. .rhi baat ki pandey ji ki wo chitiyon ki fauz rkhte hai.. .jo blkl glt hai.. Unhe apni team me ghore chahiye na ki gdhe.. .mere sbhi virodhi bhai log lgta hai hindustan ranchi ki launching bhul gae.. ..jhan srf pandey ji ne hi bhaskar ko patkani di thi.. .unke jaisa editor hona ab muskil hai…unhone kbhi bhi kisi ki gulami nhi.. Ki.. Ranchi iska ek good example hai..

  2. bhawna

    August 14, 2015 at 5:10 am

    Meri dost shikha ji.. .aapne kaafi janch ki hai.. Pandey sir ki.. Aap kh rhi ki pandey sir ki imandari unki property btati hai.. Mtlb aaj ke smy me agr koi rich aadmi he to wo corrupt hai.. Good. Aur rhi baat unki personal life ki. Uspr bolne ka na aapko right ha na mjhe.. Aur wo bhi bina proof ke.. Aapne kha ki ek ko flat diya.. Kya rajistry krane aapko le gye the.. .aur aapbhi use hui hongi.. Lkn aapko flat nhi diya kharid ke.. .baseless baaten na krke apna future bnao.. Wrna shi me koi aapka use krke bahar fekh dega.. Aapki baton se lgta hai ki aap khin na khin thokar khae ho.. .pandey sir se nhi. Apnr unse.. .hm naam nhi lena chahenge.. .prde me ho prde me rho.. .aur kisi pr aise arop lgane se phle khud ko dekho. Bht rangraliya log mnate hai editors ke flat me jkr.. .srf pramote hone ke chkkr me.. ..aur age kuch btaun.. …acha nhi lgta.. .manish ji aap kisko le jate ho ghr wali ko ya apni office wali ko.. .jisske sath raat puri bitate ho.. ..ghr pr bethi biwi se khte ho ki aaj thoda late aungs…kaam me mn lgao..
    Chatukarita me nhi.wrna ashok ji aisa koi sampadak a gya to 2 minute me laat marke bahar nikal dega.. Its my suggestion only for u as a well wishetwisher

  3. roshni

    August 14, 2015 at 8:16 am

    Aap logo kisiki personal life me q interest le rhe hai agar bolna Hi hai to Jo matter hai us pr bolo…..kahi aisa na ho ki dusro ki pol kholte kholte apni Hi khul jaye….. . ..  Aap sb shrab ke karobar pr tippadi kijiye.. .. Na ki kisi ki life ke bare me……logo ko akhir gumrah q kiya rha ha aisi bt krke ……..nd miss Shikha apne badi serach kr li hai sir ke bare me kya apke bare me bi search kiya jaye……to madam g kahi aisa na ho ki kbi apko nokri ki jrurt pad jaye or coincidence apko ashok Pandey g mil jaye….to help wahi krenge jinki aap burai kr rhi hai……or agar isme Pandey g glt hai to sahid konsa dudh ka dhula hai q muh chipkr baitha aaj tk agar likhna hai to uske bare me bi to likho or harish rawat konse bht ache hai Jo khud sahid ko bachane me lage hai agar bolna Hi hai to dono taraf dekh kr jankr bole bina Jane bolna kbi na kbi mehnga pad jata hai……..or ek patrakar hokr dusre patrakr pr ye blame lagana sahi ni hai……. Or yaha pr commnt krne walo ki mentality dekhi ja rhi hai ki ye sb ke sb patrakar ke naam pr ek kalank hai

  4. rajesh

    August 12, 2015 at 9:09 am

    क्या आपका ईशारा समाचार प्लस के उमेश कुमार की तरफ है…क्योंकि मीडिया मालिक स्टिंगबाज और भू माफिया ये तीनों चीजें कॉमन है

  5. shikha

    August 12, 2015 at 4:43 pm

    अशोक पांडे के बारे मे लिखने से पहले सोच रही थी की मीडिया का रावण लिखू या कुछ और लेकिन रावण ने तो सिर्फ सीता जी का हरण किया था ..कम से कम चीर -हरण तो नही किया था ….इसलिए पाण्डेय के लिए दुषाशन लिखा….लेकिन ये भी कम है क्योकि दुशासन ने सिर्फ द्रोपदी का चीर हरण किया था…ये तो सरेआम इज्ज़त लूटता है…. एक दिन सबके पाप का घड़ा भर्ता है अशोक पाण्डेय के साथ भी वही हुआ ..ये सैकड़ो लड़कियों का श्राप ही है जो अशोक पांडे की इज्ज़त सड़क पे आ गयी है…पांडे जिस शहर मे रहा वह इसने अपने लिए हरम की व्यवस्था की ….जब ये कानपुर मे सपादक था तो एक मैडम थी ….उनको इसने अपने हरम मे रखा और उपभोग किया…. ….इसके बाद पाण्डेय जी पहुचे लखनऊ अमर उजाला वहाँ एक मैडम थीं….रेसेप्शन पे इनको लाये थे पाण्डेय जी भेट करने वहीं के एक फोटोग्राफर ……लेकिन पाण्डेय को मैडम मे कौन सी काबिलियत नजर आई कि .उनको ले आए एडिटोरियल मे …ऑफिस के पीछे फिर एक फ्लैट दिला दिया और शुरू हो गया चीर हरण का दौर …लखनऊ प्रवास के दौरान इनही मैडम को नेपाल मे शॉपिंग कराते थे ….आज एक पाण्डेय जी..पाण्डेय जी नेपाल से जुड़ी सारी व्यवस्था देखते थे एक उपाध्याय जोकि तब एक जिले का अमर उजाला beauro चीफ़ था ….उपधाय नेपाल सेक्स मामलों का बड़िया जानकार था …उपधाय ने भी दो शादियाँ कि हैं एक नेपालन है …..पाण्डेय जी के बारे मे लखनऊ मे ये कहा जाता है कि उनके लखनऊ से जुड़े सभी beauro से हर महीने 20 हजार फिक्स थे…सेवाए अलग से ..बेचारी रिसेप्सनिस्ट को अपने पति से तलाक देनी पड़ गयी थी पाण्डेय जी कि वजह से… बाद मे पाण्डेय जी उसको छोड़ दिया और घर भी खाली कर दिया….कहानी बहुत लंबी है दोस्त …..रांची…नेपाल…….से भी बहुत आगे …. अशोक पांडे की ईमानदार का सबूत.. कानपुर शहर में मकान कीमत 50लाख… एक डिग्री कॉलेज उन्नाव मे 1 करोड़… कानपुर मे शास्त्री नगर मे एक फ्लैट्स 50 लाख…. देहरादून मे एक घर जो अब उत्तराखंड सरकार ने आधा कर दिया है (एक करोड़ ) .. लखनऊ मे एक फ्लैट् 50 लाख…. एक अन्य मकान भी देहरादून छावनी इलाके में है…

  6. rahul kumar

    August 12, 2015 at 4:46 pm

    समाचार प्लस का मालिक उमेश जे कुमार है उत्तराखंड स्टिंग का सरगना… देहरादून में इन दिनों कथित स्टिंग को लेकर लोडिया बाज रहा अशोक पाण्डेय इन दिनों उत्तराखंड का हीरो बन गया है जब की इस स्टिंग के सहारे वो भाजपा से अपना सौदा कर चूका है कानपूर की एक विधानसभा से वो चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है इस को लेकर अशोक पाण्डेय ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के जिस सचिव का स्टिंग किया है वो स्टिंग उस ने कभी भी नहीं किया जब की इस स्टिंग को करने वाला जो असली वयक्ति है वो समाचार प्लस न्यूज़ चैनल का उमेश जे कुमार शर्मा सरगना है उसी के इशारे पर इस स्टिंग को भी अंजाम दिया गया था ये स्टिंग फरवरी में उस समय किया गया था जब राज्य में नयी शराब नीति को तैयार किया जा रहा था उसी समय उमेश जे कुमार के इशारे पर अभिषेक सिन्हा को स्टिंग किये जाने की ज़िम्मेदारी सौपी गयी थी उस समय राज्य के एक ऍम एल ऐ सरबत करीम अंसारी का भी स्टिंग किया गया था जिस को समाचार प्लस न्यूज़ चैनल ने दिख कर सरकार को गिराने की बात का खुलासा किया था इस स्टिंग को अंजाम देने वाला भी कोई और नहीं अभिसेक सिन्हा ही था समाचार प्लस न्यूज़ चैनल पर लगातार राज्य में एक स्टिंग और अंजाम दिया गया था जब एक महिला के साथ प्रदेश के नौकर शाह का वीडियो मीडिया के हाथ लगा था बाद में उसी नौकर शाह के साथ मिलकर उमेश जे कुमार ने अभिषेक सिन्हा को उस पुरे मामले में जे पी जोशी की मदद करने को कहा गया था और उस के बाद जोशी को इस समाचार को दिखाए जाने के बाद फायदा हो गया था आज भी देहरादून जेल में वो लड़की अपनी सजा काट रही है जब की उस की इज़्ज़त से जिस अधिकारी ने खेल वो अपनी नौकरी मोज़ से काट रहा है राज्य में जब प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारों की बेनामी संपत्ति की जांच करनी सुरु हुई तो कई मीडिया के दलालो के पिछवाड़े में दर्द सुरु हो गया है और यही समाचार प्लस का उमेश जे कुमार सब से पहले हरीश रावत के इस कदम का गुड़गान करता नज़र आ रहा है जब की सब से बड़ा जगलर उमेश जे कुमार ही है जो राज्य से लेकर कई राजनेतओं के साथ मिलकर अपनी रियल स्टेट के कारोबार में पत्ती पक्की कर चूका है और अभी भी उत्तराखंड में कई जमीनो में सरकार से अपने काम करवा कर मोटा नोट कमा रहा है रही बात अशोक पाण्डेय की तो वो तो भड़ास पर लगातार आ रहे अशोक पाण्डेय के खिलाफ कमेंट ही बता रहे है की किस तरह का लोडिया बाज रहा है तिवारी की सरकार में इसी पाण्डेय ने अपनी अकूत दौलत जमा की थी.

  7. manish

    August 12, 2015 at 6:28 pm

    ये तो होना ही था….अशोक पाण्डेय स्टिंग करते समय सोच नहीं पाये कि वह खुद अपनी पोल खुलवा देंगे. उनके चहेते जितना भी दम भर ले आज, उन्हें भी स्वीकार करना होगा सच छुपता नहीं. उनके रांची के ठाट बात भी किसी से छुपे नहीं है. चुतियो कि भर्ती से लगाकर उपभोग तक का सफर. सुहाना था. किसी के घर शादी या फंक्शन मे जाते समय सोचना पड़ता था कि कानपूर वाली को साथ ले जाऊ या लखनऊ वाली को. या फिर जिससे शादी कि है उसे देहरादून से बुलाऊ. अथवा रांची वाली से ही काम चला लू. भाई जान थे बड़े कद्दावर. अब लेओ. झेलो सबको.

  8. purushottam asnora

    August 13, 2015 at 2:14 am

    uttrakhand ko barbad karne mai kisi ne koi kasar nhi chhori hai, satta, vipaksh, noukarshah, mafiya our media sab use loot kar kahan jana chahte hain pata nhi.sangharsh our balidanou se bane uttrakhand ka kya hoga bhagwan hi janta hai.

  9. neha

    August 13, 2015 at 9:24 am

    Shikha ji aap ko lgta hai pandey sir ne job se nikala tha ya job nhi di hogi..tbhi aap bebuniyad arop lga rhi hai…rhi baat sir ki to unke jaisa admi hona muskil hai..aap kh rhin hai ki wo glt kaam krte the ldkiyon se to kya aap whan khadi hkr mombatti dikhati thi kya…jo kisi unsaan pr gnde arop lga rhi….shame on u…

  10. purushottam asnora

    February 13, 2016 at 4:16 pm

    स्टिंग के 8 महिने जब हमअपना कांमेंट लिख रहे हैं ,उत्‍तराखण्‍ड में कई नई घटनायें हो चुकी हैंात कभी क्‍या कोई बतायेगा कि स्टिंग में जो नाम आये वे पाक साफ हैंाया हरीश रावत सरकार आावकारी, खनन व भ्रष्‍टाचाार के मामलों में पाक साफ हैा जिन्‍दलसे हरीशरावत का क्‍या कनैक्‍शन है और उत्‍तराखण्‍ड के उजडते गांवों पर कितने माफिया नजर गडडाये हैंा

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