कुछ दिनों पहले पी7 न्यूज चैनल पर चली एक खबर ने देहरादून में बैठी उत्तराखंड सरकार को हिलाकर रख दिया। ख़बर के कारण सरकार, देहरादून के गांव के तथाकथित मार्डन स्कूल में बच्चों की सुध लेने की मजबूर हो गई।
इस गांव के तथाकथित मार्डन स्कूल की बिल्डिंग इतनी जर्जर है कि बच्चे छतों से बचने के लिए बच्चे हेलमेट पहनकर क्लास अटेंड करते थे। लेकिन पी7 न्यूज़ पर खबर चलने के बाद अब सियासी नुमाइंदों ने भरोसा दिलाया है कि स्कूल के हालात सुधारे जाएंगे।
देश में तालीम को तरसते बदहाल गांवों की कहानियां तो सबने सुनी होंगी, लेकिन देहरादून के इस स्कूल की दशा-दिशा देखकर कोई भी हैरान हुए बिना नहीं रह सका। जब पी7 न्यूज की खबर को देख उत्तराखंड की सरकार देहरादून के गांव की स्कूल की हालत की सुध लेने को तैयार हो गई, तो लगता है कि कम से कम अब बच्चे हेलमेट से मुक्ति पा सकेंगे।
गौरतलब है देहरादून के गांव में स्थित स्कूल की दम तोड़ती दीवारे और कभी भी ढहने को तैयार स्कूल की जर्जर छत के नीचे पढ़ने वाले मासूम खुद की सलामती लिए हेलमेट पहनकर ही क्लास करने को मजबूर थे, लेकिन प्रशासन को इसकी सुध नहीं थी। यहीं नहीं, स्थानीय विधायक को भी अपना कर्तव्य याद आया और स्कूल का निरीक्षण करने गांव पहुंच गए। उन्होंने घूम-घूम कर स्कूल का जायजा लिया। इसकी जर्जर इमारत की दरो दीवार निहारने के बाद बंदोबस्त सुधारने के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
देहरादून के दुदली गांव के मॉर्डन स्कूल के नाम से मशूहर स्कूल की जर्जर बिल्डिंग बच्चों की जान के लिए जोखिम बनी हुई थी, लेकिन अब मीडिया की पहल और सियासतदानों के वायदों से स्कूल के खैरख्वाहों को नई उम्मीद जग गई है कि शायद अब कुछ बेहतर हो।
yashwant
September 21, 2014 at 3:10 am
CM sabh agr srm h to doob mrro dehradun ki kisi gndi nali m saf nali m mt mrna Q ki pani gnda ho jayega be faltu me……………………………………………………. gtr ka kida