देशभर के उन मीडियाकर्मियों के लिये एक खुशी भरी खबर आयी है जिन्होंने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में लेबर विभाग या लेबर कोर्ट में मुकदमा कर रखा है। मजीठिया वेज बोर्ड मामले में महाराष्ट्र के सुधीर जगदाले की लेबर कोर्ट में शानदार जीत हुयी है और वे इस मामले में लेबर कोर्ट से जीतने वाले पहले मीडियाकर्मी बने हैं।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले सुधीर जगदाले डीबी कार्प कंपनी के मराठी अखबार दिव्य मराठी में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर कार्यरत थे। उनको मिली शानदार जीत से भास्कर प्रबंधन सहित देश भर के अखबार मालिकों की नींद उड़ी है।
जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में क्लेमकर्ता सुधीर जगदाले की बकाया राशि (एरिअर्स) देने का आदेश औरंगाबाद लेबर कोर्ट ने दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डी बी कार्प को दिया है। वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा १७ (२) के अनुसार पूरे देश में ये पहला मामला है, जब किसी लेबर कोर्ट ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले मे कर्मचारी के हित में फैसला सुनाया है। मामला डी बी कार्प के समाचार पत्र दैनिक दिव्य मराठी के डिप्टी न्यूज एडिटर तथा मजीठिया क्रांतिकारी पुरस्कार प्राप्त सुधीर जगदाले से जुड़ा है। इस खबर से अखबार मालिकों में जहां हड़कंप है वहीं मजीठिया क्रांतिकारियों में खुशी की लहर है।
सुधीर जगदाले ने भास्कर प्रबंधन पर कुल 2827746.12 रुपये का दावा किया था। केंद्र सरकार ने तारीख 11/11/2011 से पत्रकार और गैर-पत्रकारोंको के लिए मजीठिया वेज बोर्ड लागू किया। देशभर के मीडिया मालिकोंने इसके खिलाफ मा. सुप्रीमकोर्ट मे याचिका दायर की। मालिकों की यह याचिका मा. सुप्रीमकोर्ट ने खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने तारीख 07/02/2014 को दिए गए आपने ऐतिहासिक फैसले के पैराग्राफ 73 में आदेश दिया कि…
73) In view of our conclusion and dismissal of all the writ petitions, the wages as revised/determined shall be payable from 11.11.2011 when the Government of India notified the recommendations of the Majithia Wage Boards. All the arrears up to March, 2014 shall be paid to all eligible persons in four equal instalments within a period of one year from today and continue to pay the revised wages from April, 2014 onwards.
इस आदेश के बाद भी डी. बी. कॉर्प ने मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन नहीं दिया। देशभर के पत्रकारों ने फिर एक बार मा. सुप्रीमकोर्ट की शरण ली। इस दरम्यान पत्रकार सुधीर जगदाले ने भी मा. सुप्रीम कोर्ट मे अवमानना याचिका दाखिल की। मा. सुप्रीम कोर्ट ने 19/06/2017 को फिर एक बार यह आदेश दिया कि मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन देना पड़ेगा। साथ ही एरिअर्स के लिए मीडियाकर्मी श्रम न्यायालय / लेबर कमिशनर के पास 17 (1/2) नुसार दावा दाखिल करें, यह निर्देश भी दिया। इन निर्देशों के आलोक में पत्रकार सुधीर जगदाले का क्लेम मा. लेबर कोर्ट औरंगाबाद में शुरू हुआ था। इस पर मा. लेबर कोर्ट ने यह मामला तारीख 04/02/2019 को सुधीर जगदाले के पक्ष में डिस्पोज किया।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी
९३२२४११३३५
Hemant Kumar
February 6, 2019 at 5:06 am
Good decision and
Adv. Prashant Jadhav
February 12, 2019 at 4:42 am
Congratulations.
Advocate Prashant Jadhav
Aurangabad.