सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में मान लिया है कि स्टिंग वाले वीडियो में सुधीर और समीर की ही आवाज है. इससे पूर्व सांसद नवीन जिंदल की कंपनी से 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोपी ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी और ज़ी बिज़नेस के संपादक सीईओ समीर अहलूवालिया की परेशानी बढ़ सकती है. फोरेंसिक जांच प्रयोगशाला सीएफएल ने स्टिंग ऑपरेशन की सीडी में चौधरी और अहलूवालिया की आवाज सही पाई है. उनके वकीलों, विजय अग्रवाल और अमन लेखी ने भी सीबीआई कोर्ट में स्वीकार किया कि इस मामले से जुड़े वीडियो में उनके मुवक्किलों की ही आवाज़ है.
संभव है कि ज़मानत पर रिहा सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया दोनों की जमानत रद्द हो सकती है और उन्हें फिर से जेल जाना पड़ सकता है. वहीं, कुछ दिन पहले आवाज़ का नमूना देने में आनाकानी कर रहे सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया को कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा जेल भेजने की चेतावनी दी थी. साथ ही यह भी कहा था कि वॉयस सैंपल का टेक्स्ट क्या होगा, ये मुलज़िम से नहीं जांच अधिकारी से तय होगा.
कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने 2012 में ज़ी न्यूज़ पर आरोप लगाया था कि चैनल ने उनसे खबर न दिखाने के एवज में 100 करोड़ रुपये की मांग की थी. जिंदल के अनुसार चैनल ने कोयला घोटाले में जिंदल के शामिल होने से जुड़ी खबर न चलाने के लिए फिरौती के तौर पर ये रकम मांगी थी. जिंदल ने स्टिंग ऑपरेशन की खबर की सीडी जारी करते हुए कहा था, “जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी और जी बिजनेस के संपादक समीर अहलूवालिया ने हमारी टीम से कहा कि वे तब तक हमारे खिलाफ नकारात्मक खबरें दिखाते रहेंगे, जब तक कि हम उन्हें 100 रुपए का विज्ञापन देने पर सहमति नहीं जताते.”
gs
July 29, 2016 at 9:21 am
जब तक कि हम उन्हें 100 रुपए का विज्ञापन देने पर सहमति नहीं जताते.”not 100 caror hai ji